पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया. जिसमें 182 यात्री सवार हैं. बीएलए ने सभी यात्रियों को बंधक बना रखा गया है. बीएलए ने धमकी दी है कि अगर पाकिस्तानी सेना ने कोई हरकत करने की कोशिश की तो पूरी ट्रेन को उड़ा दिया जाएगा. ट्रेन को हाईजैक हुए 6 घंटे का समय बीत चुके हैं लेकिन अभी तक यात्रियों को आजाद नहीं कराया गया है. इस ट्रेन को हाईजैक कराने के पीछे ZIRAB का सबसे बड़ा हाथ है.
ZIRAB बलूच लिब्रेशन आर्मी का इंटेलिजेंस विंग है, जो पाकिस्तान की हर मूवमेंट पर नजर रखता है. ZIRAB को साइलेंट सोल्जर के नाम से भी जाना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ZIRAB लंबे समय से इस हाईजैक का प्लान कर रही थी. उसके पास ISI और पाकिस्तानी आर्मी और उसके हर अफसर के बारे में बारीकी से जानकारी मौजूद थी. यही वजह कि बीएलए ने जिस एक्सप्रेस ट्रेन को Hijack किया है उसमें पाकिस्तानी आर्मी के अधिकारी, पुलिस, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी ISI और एटीएफ के कर्मचारी भी शामिल हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ZIRAB का आधिकारिक तौर पर ऐलान करते हुए बताया था कि Zephyr Intelligence Research & Analysis Bureau- ZIRAB एक संगठित और कॉरेडिनेटेड इंटेलिजेंस विंग है. जिसमें प्रोफेशनल, रिसर्चर, इंफॉरमर, IT एक्सपर्ट, डेटा एनालिस्ट और इंवेस्टिगेटर शामिल हैं. ZIRAB पाकिस्तान के ISI के तौर पर काम करता है. उसके निशाने पर ज्यादातर पाकिस्तानी आर्मी रहती है.
ZIRAB के इनपुट पर बीएलए ने किए ऑपरेशन
ZIRAB इंटेलिजेंस विंग के इनपुट के आधार पर बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान में कई बड़े हमले किए हैं. पाकिस्तान में 9 नवंबर, 2024 को क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था. जिसमें पाकिस्तानी सैनिक टारगेट थे. दरअसल, सैनिक इन्फैंट्री स्कूल से ट्रेनिंग कोर्स पूरा करके 200 से ज्यादा पाक आर्मी के जवान अलग-अलग स्थानों पर जाने वाले थे. सभी जवान क्वेटा रेलवे स्टेशन से जाफर एक्सप्रेस ट्रेन से जाने वाले थे. ट्रेन 9 बजे आने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही ब्लास्ट हो गया.
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इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली थी. इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ZIRAB ने इनपुट जुटाया था. इसके बाद इस सला जनवरी में तुरबत शहर के पास पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी फ्रंटियर फोर्स के 47 से ज्यादा जवान मारे गए थे. यह हमला उस वक्त हुआ था जब चीनी इंजीनियर और इंवेस्टर कराची एयरपोर्ट वापस लौट रहे थे. इस हमले में बीएलए इंटेलिजेंस विंग का हाथ था.
बलूच लिब्रेशन आर्मी ने क्यों छेड़ी जंग?
भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय से ही बलूचिस्तान के लोग खुद को आजाद मुल्क के तौर पर देखना चाहते हैं. इसको लेकर बलूचिस्तान के लोगों और पाकिस्तान सरकार एवं सेना के बीच संघर्ष चलता रहा है. बलूचिस्तान की आजादी की मांग को लेकर फिलहाल कई अलगाववादी संगठन एक्टिव हैं. इनमें सबसे पुराना बीएलए यानी बलूच लिबरेशन आर्मी है. माना जाता है बीएलए पहली बार 1970 के दशक में वजूद में आया था.
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Balochistan Liberation Army
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