डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहा भू-धंसाव, एक बड़ी तबाही की ओर इशारा कर रहा है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यह हरियाली बस्ती अब खत्म हो जाएगी. शहर के मकानों में गहरी दरारें पड़ रही हैं और जमीन नीचे की ओर धंस रही है. जोशीमठ में बसे 561 से ज्यादा घर टूट रहे हैं. लगातार गहराते दरारों की वजह से लोग अपने घरों को छोड़कर कड़ाके की ठंड में जा रहे हैं. प्रशासन लोगों के शहर खाली करा रहा है.
दरार को देखते हुए लोग अपने घरों को छोड़कर लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं. भूस्खलन की वजह से घर गिरने का डर शहरवासियों को सता रहा है. लोग हादसे की आशंका में बेहद डरे हुए हैं. सत्तारूढ सरकार ने उत्तराखंड में भू-धंसाव और इससे होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए एक 14 सदस्यीय समिति का गठन किया है.
किन जगहों पर हुआ है ज्यादा असर?
चमोली जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि जिले में भू-धंसाव जारी है, मारवाड़ी की जेपी कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आ गई हैं और जमीन के नीचे से तरह-तरह की आवाजें आ रही हैं. जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है.
Joshimath Sinking: घरों में दरारें, जमीन के नीचे से आ रहीं आवाजें, दहशत में लोग, कहीं तबाह न हो जाए जोशीमठ
जिन इलाकों में दरारें देखी गई हैं, उनमें सिंहधार, मारवाड़ी इलाके भी शामिल हैं. शहर की मुख्य सड़कों पर भी गहरी दरारें पड़ी हैं, जिन्हें देखकर लग रहा है कि यह इलाका डूबने वाला है. जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार के ने कहा है कि दरारें हर घंटे बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है.
जोशीमठ में घरों और सड़कों में दरारें क्यों आ गई हैं?
जोशीमठ में घरों और सड़कों पर दरारें भू-धंसाव की वजह से डूब रही हैं. जमीन के नीचे की प्लेटों में परिवर्तन हो रहा है, जिसकी वजह से मकान दरक रहे हैं. जमीन के नीचे उर्ध्वाधर स्थिति में दरकने की घटना हो रही है. धंसाव धरती की ओर लंबवत हो रहा है. धंसने के पीछे की वजह प्राकृतिक भी हो सकती है, मानवजनित भी.
#WATCH | Land subsidence and cracks in many houses continue in Uttarakhand's Joshimath. Cracks have appeared on 561 houses in Joshimath, and water seepage continues from underground in JP Colony, Marwadi. pic.twitter.com/vo7IxIh1Xl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 5, 2023
ऐसी कई प्रक्रियाएं हैं जो अवतलन के जरिए जमीन के धंसने या डूबने की वजह बनती हैं. आइए इन्हें समझते हैं.
1. भूजल द्वारा नीचे पड़ी कार्बोनेट चट्टान का विघटन
2. तलछट का संकुचन
3. ठोस चट्टान की पपड़ी के नीचे से निकलता द्रव लावा
4. खनन गतिविधियां
5. सतह के नीचे से भूजल या ईंधन जैसे तरल पदार्थों को पंप करना
6. विवर्तनिक बलों का पृथ्वी की क्रस्ट टकराना
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कितने घर हो रहे हैं प्रभावित?
धंसने से 576 घरों के 3000 लोग प्रभावित हुए हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया है कि जिले के निवासियों को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. वह स्थिति का जायजा लेने के लिए जिले का दौरा करने वाले हैं. जोशीमठ की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष माधवी सती ने कहा कि जोशीमठ के लोग शहर के भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उनके पास जर्जर मकान में रहने के अलावा कोई चारा नहीं है.
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जोशीमठ के मकानों में क्यों पड़ रही हैं दरारें, क्षतिग्रस्त हो रहीं सड़कें, डूब रहा शहर, ये है वजह