डीएनए हिंदी: गांव के गली-मोहल्ले से लेकर बड़े-बड़े स्टेज पर जादू (Magic Tricks) दिखाने वाले जादूगर लोगों को हैरान-परेशान कर देते हैं. जादूगर (Magician) की जीभ के आर-पार होती सलाई, मुंह में जलती आग, हथेली में आग जलाने और बर्तन से गिरते पानी हवा में ही गायब हो जाना लोगों को चौंका देता है. कुछ लोग इसे सचमुच का 'जादू' समझते हैं, तो कुछ इसे दैवीय चमत्कार मान लेते हैं. कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पता होता है कि यह सब कैसे हो रहा है. हालांकि, लगातार यही सब जादुई ट्रिक्स दिखाने वाले जादूगर इतनी सफाई से ये काम करते हैं कि आम लोग इसे पकड़ नहीं पाते हैं.
आपने भी जादू के शो में देखा होगा कि जादूगर ऐसी ट्रिक्स दिखाते हैं जिनपर आप भरोसा नहीं कर पाते हैं. कई बार इन्हें अंधविश्वास से भी जोड़ा जाता है. आइए समझते हैं कि इन मैजिक ट्रिक्स के पीछे कौन सा विज्ञान काम करता है और क्या वजह है कि आम लोग इसे समझ नहीं पाते हैं.
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जीभ से आर-पार हो जाता है त्रिशूल
जादू के शो में अक्सर जादूगर दिखाते हैं कि वे अपनी जीभ में त्रिशूल या सलाई जैसी चीजें घुसा देते हैं. शो में जोरदार तालियां बजती हैं और लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. दरअसल, त्रिशूल या सलाइयों की डंडी में लूप बनाए गए होते हैं. जादूगर के हाथ की सफाई यही होती है कि वह इतने तेजी से और सफाई से काम करता है कि त्रिशूल ऐसे दिखता है कि वह जीभ से आर-पार हो गया हो. असल में त्रिशूल जीभ से पार होता ही नहीं यही वजह है कि जीभ से खून नहीं गिरता है.
मिक्स क्यों नहीं होता सादा और रंगीन पानी?
एक ट्रिक होती है जिसमें जादूगर दिखाता है कि दो गिलासों में पानी होता है. एक सादा और एक रंगीन. इन दोनों को एक-दूसरे के ऊपर रख देने पर भी इनका पानी आपस में मिलता नहीं है. इसके लिए जादूगर एक गिलास में नमक मिलाते हैं और दूसरे में रंग. दरअसल, पानी में नमक मिलाने से वह सादे पानी से वह रंगीन पानी से भारी हो जाता है. दोनों गिलासों में पानी पूरा भरा होता है और हवा जाने की जगह नहीं होती है तो वे एक-दूसरे में मिक्स नहीं हो पाते हैं. इसमें ध्यान दिया जाता है कि नमक वाला भारी पानी हमेशा नीचे रखा जाए. इसे पलटते ही दोनों पानी आपस में मिल जाएंगे.
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मुंह में कैसे लग जाती है आग?
आग से किए जाने वाले ट्रिक्स सबसे ज्यादा ध्यान खींचते हैं. आपने भी देखा होगा कि जादूगर अपने मुंह या हथेली पर आग रख लेते हैं और उन्हें कोई नुकसान भी नहीं होता. दरअसल, हमारी त्वचा की बनावट ऐसी होती है कि वह कुछ सेकेंड तक 1,200 डिग्री सेल्सियस तापमान को भी सह सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए जादूगर कपूर में आग लगाते हैं और उसे एक हाथ से दूसरे हाथ में लेते रहते हैं. कपूर की खासियत होती है कि वह जलकर ठोस से सीधे गैस में बदल जाता है और कुछ अवशेष भी नहीं बचता. इसी का फायदा उठाकर जादूगर जलता हुआ कपूर मुंह में रखते हैं और मुंह में बंद कर देते हैं. मुंह बंद करने से आग भी बुझ जाती है और कोई नुकसान भी नहीं होता.
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बर्तन में गिरकर गायब कहां हो जाता है पानी?
जादूगर दिखाते हैं कि एक कप में ढेर सारा पानी गिराया लेकिन जब कप को पलटा तो उसमें से कुछ गिरा ही नहीं. इसके पीछे असल में कोई जादू नहीं बल्कि शुद्ध विज्ञान है. इसमें आप ध्यान देंगे कि वह कभी भी पारदर्शी नहीं होगा. इस अपारदर्शी कप में सोडियम पॉली क्राइलेट नाम का पदार्थ छिपाकर रखा जाता है. सोडियम पॉली क्राइलेट की खासियत होती है कि वह पानी को तुरंत ही सोख लेता है और ठोस जेल बन जाता है. यही चीज बच्चों के डायपर में भी इस्तेमाल की जाती है. जादूगर कप में पानी उड़ेलते हैं और कहते हैं कि जादू काम कर रहा है. इतनी देर में पानी, सोडियम पॉली क्राइलेट से क्रिया करके ठोस जेल बना देता है और जब कप को पलटा जाता है तो उसमें से कुछ नहीं गिरता.
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जीभ के पार हो जाती है सलाई, मुंह में जलती है आग, जादू है या साइंस? समझिए पूरी कहानी