डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh Crime- उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर, 2020 को 19 साल की दलित युवती के साथ गैंगरेप और हिंसक बर्बरता ने पूरे देश को हिला दिया था. आरोपियों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई में हीलाहवाली से यह राजनीतिक मुद्दा बन गया. बाद में युवती की मौत ने इसे और ज्यादा बड़ा मामला बना दिया, जिसके बाद सरकार को इसकी जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी. सीबीआई ने त्वरित गति से जांच करते हुए महज 3 महीने में 29 दिसंबर, 2020 को 2,000 पन्नों की चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी और 104 गवाहों के बयान पेश किए. इसके बावजूद बृहस्पतिवार 2 मार्च को जब इस केस में स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया तो 3 आरोपियों लव-कुश, रामू और रवि को बरी कर दिया है. कोर्ट में युवती के साथ गैंगरेप का आरोप ही साबित नहीं हो पाया. कोर्ट ने महज इस मामले के मुख्य आरोपी संदीप सिंह को दोषी माना. संदीप को कोर्ट ने IPC की धारा 3/110 व 304 के तहत गैर इरादतन हत्या और SC/ST एक्ट के तहत उसे आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. इसके बाद से ही कोर्ट के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम सवाल उठ रहे हैं. 

आइए वे 5 कारण जानते हैं, जिनके चलते कोर्ट में गैंगरेप का आरोप साबित नहीं हुआ और उसे 3 आरोपी रिहा करने पड़े हैं.

1. सही मेडिकल जांच नहीं हुई, सबूत नहीं जुटाए गए

कोर्ट ने अपने फैसले में युवती की मेडिकल जांच पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने इशारा किया है कि मेडिकल जांच सही तरीके से नहीं होने से सबूत नष्ट हो गए. अदालत के अनुसार, मेडिकल जांच के साक्ष्यों में खून और वीर्य के सैंपल नहीं मिले, जो किसी रेप केस में सबसे अहम होते हैं. घटना का बाद पीड़िता के अंगों को साफ करने में ये दोनों सुरक्षित नहीं किए गए. 

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2. पीड़िता और उसकी मां ने देर से बताई रेप की बात

कोर्ट ने कहा है कि 14 सितंबर को घटना के बाद पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस समय दुष्कर्म की बात पीड़िता और उसकी मां ने छिपाई. करीब एक सप्ताह बाद 22 सितंबर को यह बात बताई गई. हो सकता है इसके चलते भी मेडिकल साक्ष्य सही तरीके से नहीं जुटाए जा सके, क्योंकि जांच करने वाले ने दुष्कर्म के एंगल से घटना को देखा ही नहीं.

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3. मरने की वजह रेप के दौरान गर्दन में लगी चोट नहीं

कोर्ट के सामने पेश मेडिकल साक्ष्यों के मुताबिक, उसकी गर्दन में रीढ़ की हड्डी में चोट लगी हुई थी. इसका निशान भी दिख रहा था, जिससे गला दबाने की बात पुष्ट होती है, लेकिन मौत इस कारण हुई यह बात साबित नहीं होती. 

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4. कई लोगों के हमला करने जैसे जख्म नहीं

मेडिकल रिपोर्ट में यह भी नहीं कहा गया है कि पीड़िता के शरीर पर जो जख्म मिले, वे सामू्हिक असॉल्ट के थे. कोर्ट ने फैसले में कहा है कि शरीर पर मिले जख्म एक ही व्यक्ति के द्वारा किए हमले जैसे प्रतीत हुए. इससे उत्पीड़न में कई लोगों के शामिल होने की बात कमजोर पड़ती है. 

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5. पीड़िता के बार-बार बयान बदलने से भी आरोपियों को लाभ

कोर्ट के मुताबिक, पीड़िता ने कई बार बयान बदला, महिला कॉन्सटेबल को दिए बयान और डॉक्टर को दर्ज कराए बयान में समानता नहीं है. इसके अलावा घटना वाले दिन मीडियाकर्मियों को दिया बयान भी अलग है, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है. इसके बाद 22 सितंबर को पुलिस को दर्ज कराए बयान में भी पीड़िता ने अन्य आरोपियों का नाम नहीं लिया था.

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hathras gangrape and murder case know 5 loop holes in law behind acquittal of accused in CBI special court
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Hathras Gangrape Case: गैंगरेप का आरोप क्यों नहीं साबित हुआ, जानिए 5 कारण
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Hathras Gangrape Case: पुलिस ने पीड़िता की मौत के बाद जबरन रात में ही अंतिम संस्कार करा दिया था. (File Photo)

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Hathras Gangrape Case: गैंगरेप का आरोप क्यों नहीं साबित हुआ, जानिए 3 आरोपियों के बरी होने के 5 कारण