Haryana Election 2024: हरियाणा कल यानी 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. सभी राजनीतिक दलों ने प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन अब सवाल ये उठाता है कि मतदाता किसके पक्ष में वोट करते हैं. जब से चंद्रशेखर आजद की आजाद समाज पार्टी (आसपा) और बसपा की एंट्री हुई है. हरियाणा चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. 

राजनीति के केंद्र में दलित
गौर करने वाली बात ये है कि इन दोनों ही पार्टियों के चुनावी रण में उतरने से प्रदेश का दलित वोट सबसे ज्यादा प्रभावित होगा. ये भी जनना जरूरी है कि हरियाणा चुनाव में दलित वोट हमेशा राजनीति के केंद्र में रहता है. यूपी चुनाव में स्थिरता दिखाने वाली बसपा हरियाणा चुनाव में एक दम एक्टिव मोड में नजर आ रही हैं. 

भाजपा और कांग्रेस को वोट देकर मत बर्बाद न करें- बसपा
बीएसपी प्रमुख मायावती ने बीते 25 सितंबर को हरियाणा के उचाना कलां में रैली कर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का आगाज किया था. प्रदेश में बसपा अपनी रैलियों में जनता से कह रही है कि भाजपा और कांग्रेस को वोट देकर अपना मत बर्बाद न करें, वहीं यूपी में बसपा की जगह अपना आधार तैयार कर चुकी आसपा ने भी जेजेपी के साथ मिलकर हरियाणा चुनाव में हुंकार भर दी है.

47 सीटों पर दलितों का प्रभाव
अब अगर आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में कुछ 90 सीटों पर चुनाव होना है. इसमें 17 सीटें एससी के लिए आरक्षित है, लेकिन बात सिर्फ 17 सीटों की ही नहीं है प्रदेश में 47 सीटें अहम हो जाती है क्योंकि इन सभी सीटों पर करीब 20 प्रतिशत से ज्यादा दलित आबादी है. ये 47 सीटें चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है. 

20 सीटों पर ASP
बता दें कि बीएसपी इनमें से 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही, जबकि बाकी पर सहयोगी आईएनएलडी. वहीं, दूसरे गठबंधन में जेजेपी के खाते में 70 सीटें आई हैं और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (ASP) 20 सीटों पर चुनावी मैदान में है. 

क्या कहते हैं लोकसभा चुनाव के नतीजे 
अब सवाल फिर से वही है दलित समाज किसके साथ खड़ा है. अगर पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखे तो पता चलता है कि भाजपा 10 में से 5 सीटें मिली थी. वही 2019 में भाजपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब इस लिहाज से देखा जाए तो दलित समाज का भाजपा को सपोर्ट मिल रहा है, विधानसभा चुनाव में इस का दावा करना उचित नहीं है. 


यह भी पढ़ें - Maharashtra: चलते ऑटो में हुई लड़की से छेड़छाड़, सिर पर लगी चोट के बाद अस्पताल में भर्ती


किसको मिलेगा दलितों का साथ
खास बात तो ये है कि प्रदेश में दलित समाज अभी पत्ते नहीं खोल रहा है. अब ये समझना आसान नहीं है कि दलितों का समर्थन किस पार्टी को मिल रहा है. इसकी एक वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति का वर्गीकरण मुद्दा नहीं था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के बाद यह एक ऐसे मुद्दे के तौर पर सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से समाज में एक वर्ग नाखुश है, जबकि दूसरा वर्ग इसका समर्थन कर रहा है.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
Haryana Election 2024 know how decisive will be the dalit votes
Short Title
हरियाणा में कितना अहम है दलित वोट? BSP और ASP की एंट्री BJP या Congress किसके लि
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Haryana Election 2024
Date updated
Date published
Home Title

हरियाणा में कितना अहम है दलित वोट? BSP और ASP की एंट्री BJP या Congress किसके लिए घातक

Word Count
556
Author Type
Author