डीएनए हिंदी: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोर-शोर से चल रहा है. सन् 2024 तक राम लला का गर्भगृह बनकर तैयार हो जाएगा. इस बीच कर्नाटक में हनुमान मंदिर बनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. हाल ही में कर्नाटक राज्य सरकार ने अपने अधिकारियों को भव्य हनुमान मंदिर बनाने का आदेश दिया है. यह मंदिर अंजेयनाद्रि पर्वत पर बनाया जाएगा. कहा जाता है कि इसी पर्वत पर हनुमान का जन्म हुआ था.यह भी बता दें कि कर्नाटक में 2023 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
कर्नाटक के पर्यटन मंत्री आनंद सिंह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का ब्लूप्रिंट बनकर तैयार है और इसके लिए 100 करोड़ रुपये भी दे दिए गए हैं. अब संकट यह है कि प्रदेश सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच हनुमान के जन्मस्थल को लेकर विवाद चल रहा है. जानते हैं क्या है ये विवाद और क्या है इस विवाद की वजह-
ये भी पढ़ें- Maharashtra Political Crisis: आखिर चल क्या रहा है महाराष्ट्र में, जानें प्रदेश में आए सियासी भूचाल की पूरी डिटेल
क्या है कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच विवाद
कर्नाटक का कहना है कि हिंदू देवता हनुमान का जन्म उत्तरी कर्नाटक मे हंपी के नजदीक स्थित किष्किंघा के अंजेयनाद्रि पर्वत पर हुआ था.रामायण के अनुसार हंपी ही प्राचीन समय में किष्किंघा था जिसे वानरों का साम्राज्य बताया गया है. इस मामले में आंध्र प्रदेश अंजेयनाद्रि पर्वत को तिरुमाला की 7 पहाड़ियों में से एक मानता है और उसका कहना है कि माता अंजनी ने यहीं पर हनुमान को जन्म दिया, ऐसे में हनुमान जन्म स्थल आंध्र प्रदेश में बनना चाहिए ना कि कर्नाटक में.
क्यों अड़ी है कर्नाटक सरकार
सूत्रों की मानें तो कर्नाटक की भाजपा सरकार अयोध्या के राम मंदिर को कर्नाटक के हनुमान मंदिर से टूरिज्म कॉरिडोर के जरिए जोड़ना चाहती है.इसके लिए इस हनुमान मंदिर को और भव्य बनाने की योजना है. यह मंदिर तुंगभंद्रा नदी के किनारे बनाया जाना है और वर्ल्ड हेरिटेज हंपी से महज 20 किमी की दूरी पर है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई खुद इस प्रोदजेक्ट में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं. वह 15 जुलाई के बाद एक रिव्यू मीटिंग के लिए इस जगह का दौरा भी करने वाले हैं.
ये भी पढ़ें - क्या था अमेरिका में 50 साल पुराना गर्भपात कानून, क्यों हो रहा है इसे पलटने का विरोध, जानें सब कुछ
आंध्र प्रदेश ने बनाया था एक्सपर्ट पैनल
दिसंबर 2020 में आंध्र प्रदेश में विभिन्न मंदिरों की देख-रेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने एक एक्सपर्ट पैनल बनाया था. इसमें वैदिक विद्वानों, आर्कियोलॉजिस्ट्स और एक इसरो वैज्ञानिक भी शामिल थे. इस एक्सपर्ट पैनल ने हर पहलू का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आंध्र प्रदेश में ही हनुमान का जन्म स्थान है. इसके पीछे मान्यताओं के साथ एस्ट्रोलॉजिकल और साइंटिफिक एविडेंस भी दिए गए थे।
कर्नाटक ने फिर भी किया दावा
वहीं इसके खंडन के तौर पर कर्नाटक के विभिन्न मंत्रियों का कहना है कि हंपी के नजदीक अंजेयनाद्रि पर्वत का रामायण में वर्णन मिलता है. इसके मुताबिक इसी जगह पर रामायण में राम और लक्ष्मण की मुलाकात हनुमान से हुई थी. यहां पर एक हनुमान मंदिर है भी जिसमें हनुमान के साथ ही राम, सीता और अंजना देवी की भी मूर्ति है.
ये भी पढ़ें- Bulldozer Action: कब और क्यों चलता है बुलडोजर, क्या हैं इससे जुड़े नियम, जानें पूरी डिटेल
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
कहां हुआ हनुमान का जन्म कर्नाटक या आंध्र! विवाद के बीच कर्नाटक ने किया मंदिर बनाने का ऐलान, जानें पूरा मामला