डीएनए हिंदी: चीन (China) में आज से करीब 3 साल पहले शुरू हुआ कोरोना (Corona) एक बार फिर वहां तबाही मचा रहा है. दुनिया में पहला मामला यहीं सामने आया था. इस समय भी चीन की कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है. यहां बढ़ते मामलों के बाद एक बार फिर कुछ जगहों पर लॉकडाउन लगाना पड़ा है. इन तीन साल में कोरोना कैसे पूरी दुनिया में फैसा और कैसे पूरे विश्व को इसने प्रभावित किया. विस्तार से समझते हैं.
चीन से हुई थी शुरुआत
बात 2019 में दिसंबर के आखिरी सप्ताह की है. यहां वुहान शहर में लोगों को एक अजीब सी बीमारी घेरने लगी. लोगों में लोगों में निमोनिया और आम सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण थे. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि यह बीमारी किसी वायरस से फैसल रही है. इस वायरस को कोविड-19 (Covid-19) नाम दिया गया. जब बीमारी एक से दूसरे लोग में फैसले लगी तो चिंता और बढ़ गई. चीन समझ गया कि बीमारी काफी खतरनाक है. उसने इसे छुपाने की काफी कोशिश की लेकिन बाद में 31 दिसंबर 2019 को चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को जानकारी दी.
WHO ने घोषित की महामारी
चीन से निकला यह वायरस दुनिया के कई देशों में फैलने लगा. कई देशों में इसके मामले सामने आने लगे. इसके बाद 30 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी डिक्लेयर की. इस बीच कोरोना रफ्तार पकड़ता जा रहा था. चीन में हालात और खराब होने लगे थे. इसके बाद 11 मार्च 2020 को कोविड-19 को 'महामारी' घोषित कर दिया.
भारत में कब हुई शुरुआत
चीन में फैला यह वायरस धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपना शिकार बनाने लगा. इसी बीच 30 जनवरी 2020 को चीन से केरल लौटा एक छात्रा कोरोना संक्रमित पाया गया. यह भारत में कोरोना का पहला मामला था. हालांकि इसके काफी दिनों तक कोई दूसरा मामला सामने नहीं आया. हालांकि मार्च में कोरोना रफ्तार पकड़ने लगा. एक के बाद एक मामले आने से चिंता बढ़ने लगी. 12 मार्च को कर्नाटक में कोरोना से पहली मौत के बाद हालात और गंभीर हो गए.
पहली बार कहां लगा लॉकडाउन
चीन में वुहान में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे. इन्हें रोकने में चीन की सरकार नाकाम साबित हो रही थी. ऐसे में लॉकडाउन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. वुहान में 23 जनवरी 2020 को लॉकडाउन लगा दिया गया. इसके बाद दुनिया के कई देशों में भी कोरोना फैसले लगा और लॉकडाउन ही आखिरी विकल्प को तौर पर सामने आने लगा. भारत में भी जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे तो 24 मार्च 2020 को पहली बार 21 दिनों का लॉकडाउन लगाना पड़ा.
अब तक कितने मामले और कितनी मौतें
31 दिसंबर 2019 को कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद अब तक दुनियाभर में 66 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई. ये दुनिया में कोविड से हुई पहली मौत थी. भारत में 12 मार्च को कोविड से पहली मौत हुई. अब तक दुनिया में 66 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. आंकड़ों के हिसाब से दुनिया में कोरोना से सबसे अधिक मौतें अमेरिका में हुई हैं. अमेरिका में 11.15 लाख मौतें कोरोना के कारण हो चुकी हैं. वहीं मौत के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. भारत में अब तक कोरोना से 5 लाख से अधिक मौत हो चुकी हैं.
लगातार बदल रहे वेरिएंट
कोरोना पिछले तीन साल में कई बार अपना रूप बदल चुका है. इसके कई वेरिएंट सामने आ चुके हैं. वर्तमान में ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट BF.7 चीन में कहर बरपा रहा है. हालांकि अभी तक इसका सबसे खतरनाक वेरिएंट डेल्टा रहा है. इसने भारत में दूसरी लहर के दौरान जमकर कहर बरपाया है. इसी वेरिएंट के कारण भारत में कोरोना से सबसे अधिक मौत हुई हैं. वहीं ओमक्रॉन वेरिएंट को भी काफी खतरनाक बताया जा रहा है.
अगस्त 2020 में आई पहली वैक्सीन
कोरोना से बचाव में वैक्सीन को ही सबसे बड़ा हथियार बताया जा रहा है. इसकी पहली वैक्सीन रूप ने तैयार की. अगस्त 2020 में रूस ने दुनिया की पहली कोविड वैक्सीन स्पूतनिक वी का ऐलान किया. हालांकि भारत ने भी इस पर तेजी से काम किया और 2020 खत्म होने से पहले-पहले भारत में भी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को एप्रूवल मिल गया. कोरोना को लेकर दुनिया में पहली बार इतनी तेजी से वैक्सीन पर काम किया गया है.
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कोरोना के 3 साल में क्या-क्या बदला? लॉकडाउन और वैक्सीन से वेरिएंट तक... कितनी बदली दुनिया