डीएनए हिंदी: भारत के स्पेस मिशन (Space Mission) पर भी अब चीन (China) अपनी नजरें गड़ाना चाहता है. यही वजह है कि हिंद महासागर में चीन ने जासूसी जहाज युआन वांग 6 उतार दिया है. यह युआन वांग (Yuan Wang 6) सिरीज का ऐसा जहाज है, जिसमें उपग्रहों और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता है. मरीन ट्रैफिक के जरिए चीन की यह बड़ी साजिश सबके सामने आई है. हिंद महासागर में बादशाहत कायम करने की कोशिश में जुटा चीन, अब वैश्विक नियमों की अनदेखी पर उतर आया है.
चीन के इस सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग शिप पर भारतीय नौसेना की भी नजर है. चीन ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि यह श्रीलंका के किस बंदरगाह की ओर रुख कर रहा है. चीन का युआन वांग जहाज लोम्बोक स्ट्रैट्स ( Lombok Straits) की रास्ते 4 नवंबर को हिंद महासागर में उतरा था, जो पोर्ट ब्लेयर से करीब 3,500 किलोमीटर दूर है.
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क्या भारत को चिंतित होने की है जरूरत?
एपीजे कलाम द्वीप से भारत कुछ बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपित करने वाला है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीन इनकी निगरानी करना चाहता है. हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा के रणनीतिकार चीन के इस कदम से चिंतित नहीं है. उन्हें पता है कि चीन की इस जहाज में ऐसी गतिविधियों को मॉनिटर करने क्षमता है. भारत ज्यादा चिंतित इसलिए नहीं है क्योंकि चीन अभी अपने उपग्रहों पर नजर रख रहा है.
साउथ ब्लॉक के अधिकारियों के मुताबिक चीन ने हिंद महासागर में जासूसी जहाज चीनी उपग्रह के प्रक्षेपण की निगरानी के लिए उतारा है. 12 नवंबर को चीन एक उपग्रह लॉन्च होने वाला है. एक उपग्रह महीने के अंत में भी लॉन्च होने वाला है.
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कहां ठहरेगा चीन का जासूसी जहाज?
युआन वांग 6 (Yuan Wang 6) किस पोर्ट का रुख करेगा, यह कहना अभी मुश्किल है. कितने दिन हिंद महासागर में तैरते रहने की युआन वांग के पास क्षमता है, यह भी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. जहां युआन वांग 5 की अगस्त महीने में हंबनटोटा पोर्ट पर डॉकिंग चर्चा में रही थी, वहीं इस जहाज को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. यह जहाज अभी लोम्बोक स्ट्रैट्स के दक्षिणी हिस्से में है.
क्यों है भारत के लिए खतरे की बात?
भारत आधिकारिक तौर पर यह भले ही अभी न कह रहा हो लेकिन चीन के मंसूबे ठीक नहीं है. वह हिंद महासागर में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश में जुटा है. चीन के सामरिक जहाज भारत की समुद्री सीमा का तेजी से सर्वेक्षण कर रहे हैं.
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चीन समुद्री तल की मैपिंग करके मलक्का जलसंधि के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाश रहा है. अभी चीन के जहाज केवल मलक्का, सुंडा, लोम्बोक, ओमबाई या वेटार जलसंधि के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. इन इलाकों पर आंशिक या पूरी तरह से इंडोनेशिया का नियंत्रण है.
नए समुद्री मार्ग तलाश रहा है चीन
बीजिंग न केवल भारत से दूर अफ्रीका के पूर्वी तट पर जिबूती में चीनी बेस तक पहुंचने के लिए हिंद महासागर में समुद्री मार्गों की खोज कर रहा है, बल्कि आर्कटिक सर्कल के जरिए हैम्बर्ग जैसे यूरोपीय बंदरगाहों तक पहुंचने की भी कोशिश कर रहा है.
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भारत चीन के खतरे से पड़ोसियों को करता रहा है अलर्ट
भारत ने श्रीलंका को चीनी जहाजों के खतरे अवगत कराया है. श्रीलंका जब-जब अपने बंदरगाह पर चीन के सैन्य जहाजों को तेल भरने या रुकने के लिए इजाजत देता है, तब-तब भारत चिंता जाहिर करता है. भारत ने श्रीलंका से यह भी कहा है कि अगर रणनीतिक रूस से अहम समुद्री क्षेत्रों पर अगर श्रीलंका चीनी युद्धपोत में ईंधन भरता है तो इसका बुरा असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ सकता है.
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हिंद महासागर में चीन ने उतारा है Yuan Wang 6.
चीन ने हिंद महासागर में उतारा युआन वांग 6, क्या हैं इसके खतरे, भारत को क्यों है अलर्ट होने की जरूरत?