लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है. बॉक्सर विजेंदर सिंह (Vijender Singh) बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में बीजेपी नेता विनोद तावड़े की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की. विजेंदर ने 2019 में कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था.
बीजेपी में शामिल होने के बाद विजेंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, 'मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मेरी घर वापसी हो रही है. जब से बीजेपी सरकार आई है, देश विदेश में खिलाड़ियों का मान-सम्मान बढ़ा है.'
Vijender Singh राजनीति में कब उतरे?
विजेंदर सिंह का राजनीतिक करियर बहुत छोटा रहा है. उन्होंने साल 2019 में लोसकभा चुनाव से ठीक पहले राजनीति में कदम रखा था. वह दक्षिण दिल्ली से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को भारी मतों से जीत मिली थी. बिधूड़ी को 6.87 लाख से ज्यादा वोट मिले थे. जबकि विजेंदर सिंह 1 लाख 64 हजार वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.
चुनावी रिंग में मिली हार के बाद विजेंदर सिंह की राजनीति में सक्रियता कम हो गई थी. अटकलें लगाई जा रही थी कि उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया है. इसकी वजह सोशल मीडिया पर किया गया उनका एक पोस्ट था. दिसंबर 2023 में उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'राजनीति को राम-राम'.
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2008 में रचा था इतिहास
29 अक्टूबर 1985 में विजेंदर सिंह का जन्म हरियाणा के भिवानी में हुआ. उनके पिता महिपाल सिंह बेनीवाल हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर थे. उनकी मां गृहणी हैं. विजेंदर को स्कूल-कॉलेज के समय से ही बॉक्सिंग और कुश्ती का शौक था. वह भिवानी बॉक्सिंग क्लब प्रैक्टिस करते थे. भारतीय बॉक्सिंग कोच गुरबक्श सिंह संधू ने उन्हें मुक्केबाजी की ट्रेनिंग दी. उन्होंने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रांज मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज थे.
इसके बाद विजेंदर सिंह ने एशियन गेम्स (Asian Games) में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया था. बीजिंग ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के बाद हरियाणा की हुड्डा सरकार ने बॉक्सर विजेंदर सिंह को हरियाणा पुलिस में DSP बना दिया था. हालांकि, यह पद दिए जाने के लेकर विवाद भी हुआ था. लेकिन सरकार ने स्पोर्ट्स कोटे से उनका डीएसपी पद बरकरार रखा था.
विजेंदर सिंह को मुक्केबाजी में पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. विजेंद्र जाट समुदाय से आते हैं. बीजेपी ने उनके आने से हरियाणा और पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों को अपने पाले में लाने में मदद मिलेगी.
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