साल 1947 से लेकर साल 1971 तक बांग्लादेश का नाम पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था. इस बीच ये पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करता था. 1947 से पहले ये बांगाल का हिस्सा था, और फिर पूर्वी बंगाल बना. 1947 में हुए बंटवारे में ये पाकिस्तान का हिस्सा बन गया. जब ये इलाका पाकिस्तान का हिस्सा था तब यहां के लोगों पर पाकिस्तान की ओर से खूब जुल्मों सितम हुए. उन लोगों ने बांगलादेशियों के साथ सकेंड क्लास सिटिजन की तरह बर्ताव किया. इससे तंग आकर शेख मुजीबुर रहमान की अगुवाई में बांगलादेशियों ने पाकिस्तान के खिलाफ बगावत की. भारत ने इस मुश्किल घड़ी में बांगलादेशियों की मदद की और पाकिस्तान के शिकस्त देकर उन्हें आजाद करवाया. आज वहीं बांग्लादेश भारत को आंख दिखा रहा है. भारत के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं. पाकिस्तान और चीन से अच्छे ताल्लुकात बनाए जा रहे हैं.
बांग्लादेश का भारत विरोधी रुख
2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट किया गया. शेख हसीना के खिलाफ वहां चले आंदोलन को पाकिस्तान का पूरा समर्थन हासिल था. इस आंदोलन में छात्रों के साथ, वहां की दक्षिणपंथी पार्टी बीएनपी के सदस्य भी थए, साथ ही इस्लामिस्ट विचारधारा के लोग भी थे, वहीं मोहम्मद यूनिस जैसे तथाकथित बुद्धिजीवी भी थे. शेख हसीना की सरकार के जाने के बाद वहां मोहम्मद यूनिस की अगुवाई में एक अंतरिम सरकार बनी है. ये सरकार लगातार भारत विरोधी रुख अपना रही है. साथ ही पाकिस्तान के साथ संबंध मजबूत करने में लगी हुई है.
पाकिस्तान के नजदीक जाने की कवायद
पिछले कई सालों से इस्लामाबाद और ढाका के बीच बंद डायरेक्ट फ्लाइट सेवा को फिर से शुरु किया जा रहा है. साथ ही बांग्लादेश अपने यहां होने वाले सालान ट्रेड एग्जिबिशन में पाकिस्तान को बुला रहा है. इस वास्ते बांग्लादेश की ओर से पाकिस्तान के वीज़ा में भी छूट देने की बात कही गई है. मिस्र की राजधानी क़ाहिरा में दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों के बीच मुलाकात भी हुई. माना जाता है कि दोनों के बीच एक सिक्रेट डीन भी हुई है. दोनों ही नेता काहिरा में डी-8 सम्मेलन में भाग लेने गए हुए थे. इस दौरान शहबाज शरीफ की ओर से मोहम्मद यूनुस को पाकिस्तान दौरा करने का न्योता भी दिया गया. बांग्लादेश पिछले कुछ समय से भारत पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण का दवाब बना रहा है. कहा गया कि ऐसा नहीं होता है तो दोनों देशों के रिश्ते खराब होंगे.
आर्थिक असफलता और भारत विरोधी राग
वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश आर्थिक तौर पर कंगाल होता जा रहा है. उसकी अर्थव्यवस्था भी पाकिस्तान की तरह ही चरमराती हुई दिख रही है. बढ़ती महंगाई से लोग त्रस्त होते जा रहे हैं. इस सबका प्रभाव वहां के खाद्य महंगाई दर पर दिखाई पड़ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि मोहम्मद यूनुस इस खराब हो रही अर्थव्यवस्था से बचने के लिए भारत विरोधी रुख का सहारा ले रहे हैं, वो इसे भुनाना चाहते हैं, ताकि आर्थिक असफलता का ठिकरा उनके ऊपर न फोड़ा जाए, और वो सत्ता में भारत विरोधी नितियों के साथ बने रहें.
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क्या बांग्लादेश फिर से बन रहा है 'ईस्ट पाकिस्तान', आर्थिक रूप से कंगाल हो रहा ये देश क्यों अपना रहा भारत विरोधी रुख?