Zelensky Trump Fight: अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद फिर से राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपनी प्राथमिकता वाले मुद्दों में रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को भी शामिल किया था. ट्रंप ने इसे दुनिया की इकोनॉमी के लिए खतरा बताते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन (Vladimir Putin) और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की (Volodmyr Zelenskyy) के साथ बातचीत भी शुरू कर दी. इस दौरान सबकुछ बढ़िया चल रहा था. ट्रंप ने जेलेंस्की को 'Great Guy' कहकर पुकारा था, जिससे माना जा रहा था कि जेलेंस्की ट्रंप की गुडबुक में शामिल हैं. फिर अचानक सारा खेल पलट गया. दोनों के बीच कुछ मुद्दों पर तनाव पैदा हुआ, जिसकी पराकाष्ठा शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का ऑफिस) में दिखाई दी. यूएस-यूक्रेन की ऑफिशियल द्विपक्षीय वार्ता में दोनों राष्ट्रपति अचानक जिस तरह झगड़ने लगे, उसका नजारा पूरी दुनिया में सभी ने देखा. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें जेलेंस्की ट्रंप को खरी-खरी सुना रहे हैं. बदले में ट्रंप जेलेंस्की की यूएस की तरफ से मिलने वाली मदद का आईना दिखाते हुए आगामी खतरे के लिए चेतावनी दे रहे हैं. बात इतनी बढ़ गई है कि ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली हर तरह की मदद बंद करने का ऐलान कर दिया है. इस मुद्दे पर दुनिया के देश भी दोनों की तरफ बंटते दिख रहे हैं, जिससे यह मुद्दा और ज्यादा चर्चा में आ गया है.
चलिए पांच पॉइंट्स में पर्दे के पीछे की वो पूरी कहानी समझते हैं, जिसके चलते यह मामला यहां तक पहुंच गया है.
1. ट्रंप की रूस से नजदीकी से सशंकित है यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमीर जेलेंस्की पिछले तीन साल से दुनिया की महाशक्ति कहलाने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को करारी टक्कर दे रहे हैं. यूरोपीय देशों और अमेरिका से मिलने वाली मदद के बूते यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना को जमकर नुकसान पहुंचाया है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही स्थिति बदल गई है. ट्रंप ने इस युद्ध को खत्म कराने के लिए पिछले दिनों पुतिन के साथ सीधा संपर्क साधा. दोनों राष्ट्रपतियों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन इस वार्ता में यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया. उल्टे ट्रंप ने ये बयान दिए कि जो भी फैसला होगा, वो यूक्रेन को मानना होगा. ट्रंप की पुतिन के साथ बढ़ती इस नजदीकी ने यूक्रेन-अमेरिका के बीच का समीकरण बिगाड़ने की शुरुआत की.
2. जेलेंस्की को 'डिक्टेटर' कहकर बिगाड़ी ट्रंप ने बात
यूक्रेन ने रूस के साथ उसे शामिल किए बिना डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोई समझौता किए जाने का विरोध किया. इस पर ट्रंप ने जेलेंस्की को 'डिक्टेटर' कह दिया. इसके बाद ट्रंप ने जेलेंस्की को आगे कोई भी मदद दिए जाने के लिए यूक्रेन की तरफ से अपने खनिज अमेरिका के साथ साझा करने की शर्त रख दी. जेलेंस्की ने इससे इंकार कर दिया तो ट्रंप ने सब तरह की सहायता रोकने का ऐलान कर दिया. जेलेंस्की यह बात जानते हैं कि अमेरिका के साथ नहीं देने पर यूरोपीय देश भी पीछे हट जाएंगे और यूक्रेन एक भी दिन रूस के सामने नहीं टिक पाएगा. इसके चलते थोड़ी टेंशन के बाद जेलेंस्की खनिज देने के लिए तैयार हो गए, लेकिन बदले में उन्होंने पहले यूक्रेन को NATO में शामिल करने की शर्त रख दी.
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3. खनिज समझौते पर साइन करने पहुंचे थे यूएस, वांस के कमेंट ने बिगाड़ा माहौल
जेलेंस्की अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर साइन करने के लिए पहुंचे थे. बदले में वे अमेरिका से यूक्रेन की भविष्य में सुरक्षा करने की लिखित गारंटी चाहते थे. इसके बजाय डोनाल्ड ट्रंप और अमरेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस (JD Vance) ने सबके सामने उनकी आलोचना कर दी. साथ ही उन्हें इतने दिन तक अमेरिका की तरफ से मिली मदद के लिए आभार जताने को कहा. जेलेंस्की ने इसका प्रतिरोध किया तो ट्रंप और वांस ने उन्हें 'Disrespectful' कहकर माहौल और भड़का दिया.
President Trump and Vice President Vance will always stand for America and those who respect our position in the world. America will never be taken advantage of. pic.twitter.com/0cKfPYQDdk
— Margo Martin (@MargoMartin47) February 28, 2025
4. मीटिंग शुरू होने के 30 मिनट बाद बिगड़ी बात
ट्रंप, जेलेंस्की और वांस के बीच मीटिंग करीब 40 मिनट चली. पहले 30 मिनट तक औपचारिक बातचीत और नीतिगत चर्चा हुई. इसके बाद बात बिगड़ी, जब वांस ने डिप्लोमेसी के जरिये शांति और समृद्धि की राह चुनने की सलाह जेलेंस्की को दी और कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप यही कर रहे हैं. जेलेंस्की ने बदले में रूस की तरफ से दिखाई गई दादागिरी और साल 2019 में तोड़े गए सीजफायर का हवाला दिया, जिसके चलते तीन साल पहले दोनों के बीच युद्ध की शुरुआत हुई. जेलेंस्की ने कहा कि तब पुतिन को रोकने कोई नहीं आया. उन्होंने वांस से इसका स्पष्टीकरण देने के लिए कहा कि डिप्लोमेसी से उनका मतलब क्या है? वांस ने जवाब में कहा कि यह (डिप्लोमेसी) ऐसी होगी, जो तुम्हारे देश का अंत रोकेगी. यह सुनकर जेलेंस्की गर्मा गए. इसके बाद बात बिगड़ती ही चली गई. इस दौरान हालांकि जेलेंस्की के हावभाव और बहस को देखकर वहीं बैठीं अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत के चेहरे से जिस तरह की झलक मिली, उससे सभी को महसूस हो गया कि जेलेंस्की कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं. यूक्रेनी राजदूत के यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
The reaction of Ukraine’s Ambassador to the US, Oksana Markarova, during the heated exchange between Trump and Zelenskiy. pic.twitter.com/OA8UJlEHRc
— annmarie hordern (@annmarie) February 28, 2025
5. ट्रंप-जेलेंस्की बहस के पीछे 6 साल पुरानी फोन कॉल तो नहीं?
ट्रंप और जेलेंस्की के बीच जो कुछ भी व्हाइट हाउस में हुआ, उसे देखने के बाद कई एक्सपर्ट इसकी पटकथा 6 साल पहले ही लिखी जाने की बात कर रहे हैं. दरअसल साल 2019 में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले जेलेंस्की को फोन कॉल की थी. इस फोन कॉल में ट्रंप ने कथित तौर पर जेलेंस्की को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति (उस समय डेमोक्रेट्स की तरफ से उम्मीदवार) जो बाइडेन (Joe Biden) और उनके बेटे हंटर बाइडेन के खिलाफ यूक्रेन में भ्रष्टाचार की जांच शुरू कराने के लिए कहा था. कहा जाता है कि जेलेंस्की ने इससे इंकार कर दिया था. बाद में एक व्हिस्लब्लोअर ने ट्रंप पर चुनाव में 'विदेशी मदद' लेने का आरोप लगाया था. डेमोक्रेट्स ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताते हुए अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था. ट्रंप हालांकि बाद में ऊपरी सदन यानी सीनेट से बरी हो गए थे. कहा जाता है कि ट्रंप ने इस मुद्दे के पीछे जेलेंस्की को भी जिम्मेदार माना था और उनसे नाराज हो गए थे. यही नाराजगी तब से बढ़ती हुई अब हुई घटना तक पहुंच गई है.
अमेरिका से लंदन पहुंचकर बदल गए जेलेंस्की के सुर, कहा- हम ट्रंप के आभारी
व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से बहस के बाद जेलेंस्की लंदन पहुंच गए हैं. हालांकि लंदन पहुंचते ही उनके सुर बदल गए हैं. जेलेंस्की के व्हाइट हाउस से निकलते ही ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा,'जब तुम शांति चाहो, तब वापस आ सकते हो.' इसके बाद लंदन पहुंचे जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ अमेरिका से मिले समर्थन की सराहना करते हुए ट्रंप का आभार जताया है. जेलेंस्की ने कहा,'हम राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिकी कांग्रेस और जनता समेत अमेरिका से मिले हर तरह के समर्थन के आभारी हैं और सबका धन्यवाद करते हैं. पिछले तीन साल के दौरान रूस की तरफ से बड़े पैमाने पर युद्ध झेलने के दौरान खासतौर पर उनसे मिली मदद के हम आभारी हैं.' जेलेंस्की केइस बदले हुए रुख को कूटनीतिक कदम माना जा रहा है.
We are very grateful to the United States for all the support. I’m thankful to President Trump, Congress for their bipartisan support, and American people. Ukrainians have always appreciated this support, especially during these three years of full-scale invasion. pic.twitter.com/Z9FlWjF101
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) March 1, 2025
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