Trump 2.0 : नियति बड़ी अजीब चीज है. पूर्व में जब बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पहला कार्यकाल समेत हुआ तो न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि, 'भयानक प्रयोग समाप्त हो गया है - राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प: द एंड.' अब जबकि ट्रंप दोबारा चुनकर व्हाइट हाउस पहुंचे हैं तो कहा जा सकता है कि अगर ट्रंप 1.0 (2016-2020) अगर एक प्रयोग था तो शायद ट्रंप 2.0 (2024-2028) असली डील होगी. 2016 में, डोनाल्ड ट्रंप एक राजनीतिक नौसिखिये थे. वह उन लोगों के लिए आकर्षण की तरह थे, जिन्होंने उन्हें चुना था.
ट्रंप नहीं जानते थे कि वाशिंगटन कैसे काम करता है, और वह यह भी नहीं जानते थे कि शासन कैसे करना है. शासन कैसे चलाया जाता है? ये गुण भी ट्रंप ने अपने उसी पहले कार्यकाल में सीखा. उन्होंने उन लोगों को अपने से अलग कर दिया जिन्होंने उनका विरोध किया था. इस बार, वाशिंगटन में ट्रंप पर नज़र रखने वालों का मानना है कि वह अधिक संगठित होंगे.
इस बार ट्रंप को पता होगा कि किसे काम पर रखना है. इस बार जो लोग ट्रंप के साथ होंगे, वो पूर्व की अपेक्षा ज्यादा वफादार होंगे और ये वही लोग होंगे जिनपर ट्रंप ने पिछले आठ सालों से अपनी पैनी नजर रखी हुई है. ट्रंप 2.0 में पहली नियुक्ति किसकी होगी अब तक ट्रंप समर्थकों के साथ साथ लगभग पूरी दुनिया को पता चल गया है. जी हां हम बात कर रहे हैं सूसी विल्स की.
सूसी विल्स उनकी व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ होंगी. बताया जाता है कि वह एक ऐसी अनुभवी राजनीतिक सलाहकार हैं जिन्होंने उनके (ट्रंप के) विजयी अभियान को चलाया था. सूसी एक कुशल राजनीतिक संचालक हैं, जिनका करियर रोनाल्ड रीगन के चुनाव अभियान में एक जूनियर कर्मचारी के रूप में शुरू हुआ था.
कहा जाता है कि उन्हें अप्रेंटिस का दर्जा मिल चुका है - 2020 में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ट्रंप ने उन्हें अपने खेमे से निकाल दिया था. लेकिन जल्द ही ट्रंप को फिर से उनकी अहमियत समझ आई. ट्रंप, सूसी पर भरोसा करते हैं औ सूसी भी ठीक से जानती हैं कि वह कैसे काम करते हैं.
कह सकते हैं कि विल्स एक ऐसी महिला हैं जिन्हें ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए चार चीफ ऑफ स्टाफ में से सबसे बेहतर तरीके से जानते हैं, अमेरिका की राजनीति को समझने वाले इस बात पर भी बल दे रहे हैं कि, ये विल्स ही हैं जिन्होंने इस बार के ट्रंप के पूरे चुनावी अभियान को अनुशासित रखा.
माना जा रहा है कि वह अगले व्हाइट हाउस में गार्डरेल की भूमिका में हो सकती हैं. व्हाइट हाउस में विल्स की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि ट्रंप की अन्य नियुक्तियां कैसी होंगी। सवाल ये उठता है कि क्या वहां ट्रंप के जान पहचान के लोग होंगे या फिर वहां एलन मस्क और रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर जैसे पूरी तरह से हस्ताक्षरित सरोगेट होंगे.
माना ये भी जा रहा है कि ट्रंप 2.0 में उनके परिवार के लोग भी शामिल हो सकते हैं. ध्यान रहे पिछली बार उनकी बेटी इवांका और उनके पति जेरेड कुशनर अमेरिका के 'प्रमुख व्यक्तियों' में थे. कुशनर ने ट्रंप की मध्य पूर्व नीति को आकार देने में एक केंद्रीय भूमिका निभाई, जिसकी परिणति ऐतिहासिक अब्राहम समझौते के रूप में हमारे सामने है.
इसलिए ट्रम्प 1.0 और 2.0 के बीच पहला अंतर नियुक्तियों का होगा. दूसरा अंतर उनके पास मौजूद शक्ति का होगा. कांग्रेस के दोनों सदनों में भारी जीत और संभावित नियंत्रण ने ट्रंप को शासन करने के लिए एक शक्तिशाली जनादेश दिया है. यक़ीनन ये जीत ट्रंप का आत्मविश्वास बढ़ाएगी और वह वो कर पाएंगे जो उन्होंने सोच रखा है.
यानी इस बार ट्रंप का एजेंडा ये रहेगा कि इस बार वो उन कामों को पूरा करें जो पिछले कार्यकाल में छूट गए थे. उनका घोषणापत्र, जो हमेशा थोड़ा अस्पष्ट और परिवर्तन के अधीन रहा है, में शिक्षा विभाग को खत्म करने और शिक्षा को संघीय नहीं बल्कि राज्य का मुद्दा बनाने की संभावना है.
इसमें अवैध अप्रवासियों के 'बड़े पैमाने पर निर्वासन', कर कटौती, विदेशी वस्तुओं पर शुल्क लगाने और संघीय सरकार के तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन की प्रतिज्ञा शामिल होगी. उस अंतिम वचन पर वह अपने पहले कार्यकाल में लागू न की गई योजना को फिर से लागू करने की उम्मीद करते हैं, जिसे शेड्यूल एफ कहा जाता है, जिसके तहत हजारों गैर-पक्षपाती संघीय सिविल सेवकों को हटाया जाएगा और उनकी जगह वफादार राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी.
उनकी कुछ नीतियों को कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होगी, जो कि रिपब्लिकन के दोनों सदनों में नियंत्रण होने पर आसान है. अन्य नीतियों को राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेशों के माध्यम से लागू किया जा सकता है. यह विशेषाधिकार अमेरिकी राष्ट्रपति को कानून को लागू करने या सरकार की कार्यकारी शाखा के संसाधनों और कर्मचारियों का प्रबंधन करने के तरीके को निर्धारित करने के लिए अपने विवेक का उपयोग करने के लिए व्यापक कार्यकारी और प्रवर्तन अधिकार देता है.
बहरहाल, इसमें कोई संदेह नहीं है कि शासन का मतलब आत्मविश्वास है। 2016 में, ट्रंप में वह आत्मविश्वास नहीं था. मगर आज जबकि उन्हें अमेरिका की जनता ने प्रचंड बहुमत दिया इतना तो साफ़ है कि भविष्य में जो भी फैसला बतौर राष्ट्रपति ट्रंप लेंगे, उस पर पूरी दुनिया की नजर रहेगी.
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