अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दिए जाने की घोषणा के तीन सप्ताह बाद भी इस मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है. पाकिस्तानी मूल के राणा द्वारा भारत को अपने प्रत्यर्पण पर आपातकालीन रोक लगाने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से यह देरी और बढ़ गई है.
हालांकि अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण पर कोई समय-सीमा नहीं बताई, लेकिन विदेश सचिव विक्रम मिस्री का कहना है कि देश उसके आत्मसमर्पण और भारत को प्रत्यर्पण की व्यवस्था पर काम कर रहा है.
21 जनवरी को, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए भारत में वांछित और 166 लोगों की मौत के जिम्मेदार राणा द्वारा दायर समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है.
क्या बता रही है तहावुर राणा के प्रत्यर्पण की टाइमलाइन
21 जनवरी, 2025 - अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने नाइंथ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स द्वारा आदेशित उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग करने वाली राणा की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. दिलचस्प ये कि उसी दिन, नव नियुक्त विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की थी.
11 फरवरी, 2025 - प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से एक दिन पहले, रुबियो ने प्रासंगिक अमेरिकी कानूनों और अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा के भारत प्रत्यर्पण को औपचारिक रूप से अधिकृत किया था.
12 फरवरी, 2025 - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के लिए वाशिंगटन डीसी पहुंचे थे.
13 फरवरी, 2025 - राणा की कानूनी टीम ने विदेश विभाग से पूरे प्रशासनिक रिकॉर्ड मांगे, जिसके आधार पर रुबियो ने प्रत्यर्पण का फैसला लिया. उन्होंने राणा के चिकित्सा उपचार के संबंध में भारत से किसी भी आश्वासन के बारे में जानकारी भी मांगी. सरकार ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया.
13 फरवरी, 2025 - राणा ने एक आपातकालीन दूसरी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका और स्थगन के लिए एक आपातकालीन एकपक्षीय आवेदन दायर किया. उसी दिन, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से मुलाकात की, और उन्होंने राणा के प्रत्यर्पण की पुष्टि करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया.
14 फरवरी, 2025 - अमेरिकी सरकार ने ओलिवर लुईस की ओर से दो-पृष्ठ का घोषणापत्र प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया कि प्रत्यर्पण निर्णय में राणा के यातना के दावों पर विचार किया गया और यह आह्वान यातना के विरुद्ध अमेरिकी कन्वेंशन के अनुरूप था.
19 फरवरी, 2025 - जिला न्यायालय ने राणा के स्थगन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिससे प्रत्यर्पण को आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई.
19 फरवरी, 2025 - राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स के समक्ष अपील की सूचना और आपातकालीन स्थगन आवेदन दायर किया.
21 फरवरी, 2025 - नाइंथ सर्किट ने राणा के स्थगन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिससे प्रत्यर्पण का मार्ग और भी साफ हो गया.
28 फरवरी, 2025 - अमेरिकी सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण में देरी करने पर सहमति जताई, बशर्ते कि वह इस तिथि से पहले सुप्रीम कोर्ट में अनुरोध दायर करे.
28 फरवरी, 2025 - राणा ने अपने प्रत्यर्पण पर आपातकालीन रोक लगाने की मांग करते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
2 मार्च, 2025 - राणा ने हथियार डीलर संजय भंडारी के मामले का हवाला देते हुए अपने आपातकालीन आवेदन में एक पूरक दायर किया, जिसमें कहा गया कि भारत में यातना के डर के कारण उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी गई थी.
5 मार्च, 2025 - अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के आपातकालीन आवेदन को रिकॉर्ड पर ले लिया. सुनवाई की तारीख तय की जानी है.
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Mumbai Attacks के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण क्यों हो रहा इतना मुश्किल?