सियासत में ज़रूरी है रवादारी, समझता है,
वो रोज़ा तो नहीं रखता, पर अफ़तारी समझता है...
डॉक्टर राहत इंदौरी के इस शेर को पढ़ने के बाद, खुद-ब-खुद इस बात का एहसास हो जाता है कि, राजनीति अवसरवादिता का खेल है. इसमें कामयाब वही है, जो न केवल मौके पर चौका जड़ता है. बल्कि जिसे उम्मीद होती है कि, उसी चौके के दम पर वो मैच जीत लेगा. राजस्थान की अपनी रैली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुछ ऐसा ही किया. नतीजा ये निकला कि आज स्त्रीधन X, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर न केवल ट्रेंडिंग टॉपिक बना. बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक ने 'स्त्रीधन' को लेकर अपने एक अहम फैसले में कहा कि, महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है.
दरअसल हुआ कुछ ये था कि, राजस्थान में एक चुनावी जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा था कि, 'पहले जब इनकी (यूपीए) सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?
आपकी मेहनत की कमाई, आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना 'पंजा' मारना चाहती है।
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 22, 2024
आपका स्त्रीधन लूटना चाहती है, माताओं-बहनों का मंगलसूत्र अब सलामत नहीं रहेगा, ये कांग्रेस ने कहा है: आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी pic.twitter.com/KeJyLoN5ql
अपनी बातों को बल देने के लिए पीएम मोदी ने कांग्रेस मेनिफेस्टो को ढाल बनाते हुए इस बात का जिक्र किया कि, कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे. उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे. और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.
कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि, भाइयों-बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे. ये यहां तक जाएंगे.
आजकल कांग्रेस के शाही परिवार के शहजादे पूरे देश में बढ़ चढ़कर कह रहे हैं कि अब आपकी संपत्ति का एक्स-रे होगा।
— BJP (@BJP4India) April 25, 2024
हमारी माताओं-बहनों के पास जो पवित्र स्त्रीधन होता है।
कांग्रेस उसे जब्त करके अपनी वोटबैंक मजबूत करने के लिए, उसे बांटने की सार्वजनिक घोषणा कर रही है, मेनिफेस्टो में बता… pic.twitter.com/x9pgiTsTbH
चूंकि 'स्त्रीधन' का मुद्दा जेर ए बहस है. इसलिए सबसे पहले हमारे लिए ये समझना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर स्त्रीधन है क्या ? और ऐसी कौन कौन सी चीजें हैं जो इसके दायरे में आती हैं.
जानकारों की मानें तो स्त्रीधन विधिक शब्दावली से लिया गया एक टर्म है, जिसका जिक्र प्रायः हमें हिंदू धर्म में देखने को मिलता है. स्त्रीधन का अर्थ है महिला के हक का धन. ऐसा धन जिसमें संपत्ति, कागजात और अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं.
‘शादी से पहले और बाद में या विदाई के समय या उसके बाद महिला को गिफ्ट में दी गई उसका स्त्रीधन है, जिस पर पति का कोई नियंत्रण नहीं होता है’
— Brij Dwivedi (@Brij17g) April 25, 2024
सुप्रीम कोर्ट का फैसला#stridhan #SupremeCourtOfIndia pic.twitter.com/GOmN1YMgOj
इतना जानने के बाद एक सवाल स्वतः ही मन में आता है और वो ये कि महिलाओं को शादी के दौरान जो चीजें उपहारस्वरूप मिली होती हैं, क्या वो भी स्त्रीधन की केटेगरी में हैं?
'स्त्रीधन' पर अगर विचार करें तो मिलता है कि एक महिला को बचपन से लेकर भी जो चीजें मिलती हैं, वह भी स्त्रीधन के दायरे में आती हैं. इनमें नकदी से लेकर सोना, हर तरह के तोहफे, संपत्तियां और बचत भी शामिल हैं. 'स्त्रीधन' पर एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि इसपर जितना हक़ किसी विवाहित महिला का है उतना ही अधिकार इसपर किसी अविवाहित महिला का है.
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क्या है 'स्त्रीधन'? जिसे लेकर पीएम मोदी ने उखाड़े हैं कांग्रेस पार्टी के गड़े मुर्दे, हो रही सोशल मीडिया पर किरकिरी