डीएनए हिंदी : फेसबुक खोलते हुए, कोई वेबसाइट देखते हुए आपकी नज़र अकसर उन छोटी-छोटी अपीलों पर चली जाती होगी जिसमें किसी न किसी वजह से कोई आपसे आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहा होता है. यह क्राउडफंडिंग है. वही क्राउडफंडिंग जिसमें धोखाधड़ी करने का आरोप फिलहाल स्वतंत्र पत्रकार राणा अयूब पर लगा हुआ है.
सीधे सरल शब्दों में यह क्राउडफंडिंग (Crowdfunding) बहुत सारे लोगों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर किसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए ज़रूरी बड़ी रकम बनाना है. क्राउडफंडिंग में दो शब्द हैं, क्राउड और फंडिंग, मतलब यह कि वह फंड जो भीड़ (बहुत सारे लोगों) से मिले बजाय एक या दो बड़े निवेशकों के निवेश के.
पहले पहल इसकी शुरुआत किसी नए बिज़नेस को फंड करने के लिए की गई थी. क्राउडफंडिंग के ज़रिये बड़े नेटवर्क का फ़ायदा उठाया जा सकता है. कई बार इसका इस्तेमाल व्यवसाय को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
इन दिनों क्राउडफंडिंग की सहायता से लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया जाता है. बहुत सारे लोग बेहद मंहगे इलाज के लिए भी क्राउड-फंडिंग का सहारा लेते हैं. कुछ संस्थाएं समाज-कल्याण के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं.
क्राउडफंड करते हुए रखें इन बातों का ज़रूरी ख़याल
डिजिटल मीडिया के पैर पसारने के साथ ही क्राउडफंड की रिक्वेस्ट्स भी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं. ऐसे में कैसे जाना जाए कि आप जहां पैसे दे रहे हैं वह कोई जालसाज़ी तो नहीं. रखिए इन कुछ बातों का ख़याल -
1. यह जानने की कोशिश कीजिए कि कौन करवा रहा है अमुक क्राउडफंडिंग - हमेशा जानने की कोशिश कीजिए कि आपका पैसा किसके पास जा रहा है. कौन लोग उस कैंपेन को मैनेज कर रहे हैं. उनका उद्देश्य क्या है?
2. उद्देश्य से सम्बंधित कागजात देखिए - अगर आप क्राउडफंड में पैसा डाल रहे हैं तो आपका हक़ बनता है कि आप पूरी जानकारी लें. आप इसे आयोजित करवाने वाले व्यक्ति से सम्बन्धित कागजात साझा करने के लिए कह सकते हैं. यह आपको मसले की सत्यता जानने का अवसर देगा और साथ ही आप सुनिश्चित भी कर पाएंगे कि आपने किसी ग़लत प्रयोजन में पैसा नहीं लगा दिया है.
3. तस्वीरों की सत्यता रिवर्स इमेज सर्च करके जानिए - सत्यता जांचने का यह तरीका थोड़ा तकनीकी है पर ज़रूरी है. आप सर्च इंजन में रिवर्स इमेज सर्च लगाकर कैंपेन में इस्तेमाल की जा रही तस्वीर की सत्यता जांच सकते हैं. कई एक्सपर्ट्स क्राउडफंड (Crowdfund) आयोजित करवाने वालों का बैकग्राउंड चेक करने की भी सलाह देते हैं. यह आपकी ख़ुद को नुक़सान से बचाने की कवायद होगी
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प्रचलित क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म
इन दिनों केटो (Ketto), इम्पैक्टगुरु, कैटापूल्ट और मिलाप बेहद प्रचलित क्राउडफंडिंग (Crowdfunding) प्लेटफॉर्म हैं. इन प्लेटफॉर्म के ज़रिये जमा किए गए रकम का कुछ हिस्सा प्लेटफॉर्म के पास जाता है और बाक़ी आयोजक को मिलता है. गौरतलब है फिलहाल ED की नज़रों में चढ़ी पत्रकार राणा अयूब पर केटो की मदद से कोविड हेल्प के नाम पर 2 करोड़ से अधिक रकम की उगाही का आरोप लगा है. आरोप है कि इन पैसों का इस्तेमाल वे निजी फ़ायदे के लिए कर रही थीं.
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