Waqf Amendment Bill 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार गुरुवार (8 अगस्त) को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पेश करेगी, जो मुस्लिम बोर्ड को असीम शक्तियां देने वाले वक्फ एक्ट, 1995 (Waqf Act 1995) का स्थान लेगा. इस संशोधन बिल का मुस्लिम समुदाय के साथ ही विपक्षी दलों के नेता भी विरोध कर रहे हैं. भाजपा सरकार का दावा है कि इस संशोधन के जरिये स्टेट वक्फ बोर्ड्स को मिली पॉवर, वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन व सर्वे और उन पर अतिक्रमण हटाने जैसे मुद्दे हल हो जाएंगे. हालांकि सबकी निगाह इस बात पर लगी हुई है कि लोकसभा में जब केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू इस बिल को पेश करेंगे, तब मोदी सरकार को समर्थन दे रही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी JDU और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) की पार्टी TDP का रुख किस तरह का होगा, क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय में खासा जनाधार रखने वाली इन दोनों पार्टियों के समर्थन के बिना लोकसभा में यह बिल पारित कराना भाजपा के लिए असंभव माना जा रहा है. इस बिल को लेकर कई सांसदों ने पहले ही विरोधी सुर में बोलना शुरू कर दिया है. 

आइए 8 पॉइंट्स में जानते हैं कि बिल में क्या है और इसे लाने का कारण क्या है-

1. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष कर रहा बिल स्टैंडिंग कमेटी को देने की मांग

कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष ने मोदी सरकार से बिल को लोकसभा में पारित कराने से पहले सदन की स्टैंडिंग कमेटी को सौंपने की मांग की है. विपक्षी दलों का कहना है कि स्टैंडिंग कमेटी में बिल के सभी पहलुओं को स्टडी करने के बाद आने वाले सुझावों के हिसाब से बदलाव के साथ इसे लोकसभा में पेश किया जाए. 

2. साल 2014 में पेश हुआ वक्फ प्रॉपर्टीज बिल भी वापस लेगी सरकार

इससे पहले भी 18 फरवरी, 2014 को राज्यसभा में कांग्रेस सरकार ने वक्फ संपत्तियां (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली), विधेयक, 2014 पेश किया था, जिसे इस नए संशोधित बिल को पेश करने के साथ ही मोदी सरकार वापस ले रही है. इस बिल को वापस लेने के लिए आज राज्यसभा की कार्यवाही में लिस्टेड किया गया है.
 
3. साल 1923 का मुसलमान वक्फ एक्ट भी बदला जाएगा

वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 को पेश करने के साथ ही किरेन रिजिजू मुसलमान वक्फ (निरसन) बिल, 2024 (Mussalman Wakf (Repeal) Bill, 2024) भी पेश करेंगे, जो मुसलमान वक्फ एक्ट, 1923 (Mussalman Wakf Act, 1923) की जगह लेगा. वक्फ संशोधन बिल 2024 के जरिये वक्फ एक्ट, 1995 का नाम बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पॉवरमेंट, एफिशिएंसी एंड डवलपमेंट एक्ट, 1995 किया जाएगा.

4. 'वक्फ' शब्द को परिभाषित किया जाएगा

वक्फ संशोधन बिल में 'वक्फ' की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है, जिसमें कम से कम 5 साल तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति की संपत्ति ही वक्फ करने की बात कही गई है. साथ ही वक्फ-अल-औलाद के निर्माण से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इससे महिलाओं को उत्तराधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा. इससे मुस्लिम महिलाओं को उनका हक मिलने का दावा किया जा रहा है.


5. बिल में जिलाधिकारी को मिलेगा सर्वे का अधिकार

संशोधन बिल में 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' करने से जुडे़ प्रावधान हटाए गए हैं. साथ ही इसके जरिये जिलाधिकारी (कलेक्टर) को वक्फ संपत्ति के सर्वे और यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि संबंधित संपत्ति वक्फ है या सरकारी. इसमें केंद्रीय वक्फ बोर्ड और राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं व गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का भी प्रावधान किया गया है. 

6. बोहरा व आगाखानी के लिए अलग औकाफ बोर्ड का होगा गठन

संशोधन बिल में बोहरा व आगाखानी मुस्लिमों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड के निर्माण का भी प्रस्ताव है. इससे मुस्लिम समुदाय के विभिन्न फिरकों यानी शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी व अन्य मुस्लिम पिछड़े वर्गों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिल पाएगा. साथ ही इसमें वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन के एक सेंट्रल पोर्टल के जरिये करने और उसका डाटाबेस तैयार करने का भी प्रावधान किया गया है. इसमें वक्फ प्रॉपर्टी के तौर पर म्यूटेशन करने से पहले राजस्व कानूनों के तहत सभी संबंधित पक्षों को नोटिस के जरिये जानकारी देने का भी प्रावधान किया गया है.

7. धारा 40 हटाकर कम की जाएगी वक्फ बोर्ड की ताकत

बिल में वक्फ एक्ट की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है. यही धारा वक्फ बोर्ड को यह तय करने का अधिकार देती है कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं. इस धारा को हटाकर मुतवल्लियों के जरिये वक्फ के खातों को बोर्ड के समक्ष एक सेंट्रल पोर्टल के माध्यम से दाखिल करने का प्रावधान किया गया है, ताकि बोर्ड की गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण हो सके. साथ ही किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने पर होने वाले विवाद को सुलझाने के लिए दो सदस्यों के ट्रिब्यूनल वाले ढांचे में सुधार करने और ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ 90 दिन के अंदर हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार देने का भी प्रावधान किया गया है.

8. वक्फ बोर्ड में बैठेंगे राज्य सरकार के सीईओ

संशोधन बिल के जरिये स्टेट वक्फ बोर्ड्स में राज्य सरकारों की तरफ से एक फुलटाइम चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त करने का भी प्रावधान किया गया है. यह ऑफिसर राज्य सरकार के जॉइंट सेक्रेटरी लेवल का होगा. यह भी तय किया गया है कि राज्य सरकार किसी गैर मुस्लिम अधिकारी को भी इस पद पर तैनात कर सकती है.

कितना मुश्किल होगा लोकसभा में बिल पारित कराना

लोकसभा में इस बिल को पारित कराने के लिए 273 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पास कुल 292 सांसद हैं. इनमें भाजपा के 240 सांसद हैं, जबकि JDU के पास 12 और TDP के पास 16 सांसद हैं. बाकी 24 सांसद अन्य छोटे-छोटे सहयोगी दलों के पास हैं. यदि जेडीयू और टीडीपी इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं तो भाजपा के पास 264 सांसद ही बाकी रह जाएंगे यानी वो लोकसभा में बिल पारित नहीं करा पाएगी. विपक्षी दलों के पास 234 सांसद ही होने के चलते उनके पास केवल विरोध करने की  ही शक्ति बची है, लेकिन भाजपा के लिए असली चुनौती नीतीश और चंद्रबाबू को मनाना ही रहेगा.

देश में तीसरे नंबर का रियल एस्टेट ऑनर है वक्फ बोर्ड

केंद्रीय वक्फ बोर्ड और उसके तहत काम करने वाले 32 वक्फ बोर्ड संपत्तियों के मालिकाना हक के हिसाब से देश में तीसरे नंबर पर हैं. इनके पास करीब 8 लाख एकड़ से ज्यादा संपत्ति है. वक्फ बोर्ड के किसी भी संपत्ति पर मालिकाना हक जमाकर कब्जा लेने को लेकर विवाद चल रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुद्दा है, जिसकी जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना हक होने का दावा कर रखा है.

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आज संसद में पेश होगा वक्फ बोर्ड संशोधन कानून, क्या नीतीश-नायडू देंगे मोदी सरकार
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संसद में पेश हुआ वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, क्यों भड़के विपक्षी दल, पढ़ें 8 पॉइंट्स

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