अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, अगर भारत अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च कर लगाता रहा तो वह भारत पर भी पारस्परिक शुल्क लगाएंगे. सोमवार को अपने मार-ए-लागो रेसपॉर्ट में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए ट्रंप ने सख्त लहजे में भारत की शुल्क प्रथाओं की आलोचना की, खास तौर पर ट्रंप ने भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100% शुल्क लगाने पर प्रकाश डाला.

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका प्रशासन एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेगा, उन्होंने कहा, 'अगर वे हम पर कर लगाते हैं, तो हम भी उन पर उतना ही कर लगाएंगे.' ट्रंप की टिप्पणी भारत (एक ऐसा देश जिसे उन्होंने अमेरिकी आयात पर 'उच्च शुल्क' लगाने के लिए ब्राजील जैसे अन्य देशों के साथ अलग से चिन्हित किया) के प्रति अधिक टकरावपूर्ण व्यापार रुख का संकेत देती है. 

ध्यान रहे कि ट्रंप की टिप्पणी चीन, मैक्सिको और कनाडा सहित प्रमुख अमेरिकी भागीदारों के साथ व्यापार संबंधों के बारे में व्यापक बातचीत के हिस्से के रूप में आई.

ट्रंप ने इस बात पर बल दिया कि, 'पारस्परिक शब्द महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर कोई हमसे शुल्क लेता है - भारत, हमें अपने बारे में बात करने की ज़रूरत नहीं है - अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेता है, तो क्या हम उससे इसके लिए कुछ भी नहीं लेते हैं? आप जानते हैं, वे एक साइकिल भेजते हैं, और हम उन्हें एक साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 लेते हैं. भारत बहुत ज़्यादा शुल्क लेता है.'

ट्रंप ने इस बात पर बल दिया कि, 'भारत बहुत ज़्यादा शुल्क लेता है. ब्राज़ील बहुत ज़्यादा शुल्क लेता है. अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं, तो ठीक है, लेकिन हम उनसे वही शुल्क लेंगे,' उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि व्यापार में निष्पक्षता उनके आर्थिक एजेंडे की कुंजी है.

यूएस-भारत व्यापार संबंधों में टैरिफ़ को लेकर लंबे समय से मतभेद रहे हैं, लेकिन ट्रंप  का यह बयान उनके पदभार ग्रहण करने की तैयारी के दौरान उनके सख्त रुख का संकेत देता है.

उनकी यह टिप्पणी संभावित व्यापार समझौतों, खासकर चीन के साथ, के बारे में एक रिपोर्टर के सवाल का सीधा जवाब थी, जिसकी उन्होंने अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए बार-बार आलोचना की है.

व्यापार पर ट्रंप की सख्त बयानबाजी भारत तक ही सीमित नहीं थी. उन्होंने चीन, मैक्सिको और कनाडा के साथ चल रहे व्यापार विवादों को भी संबोधित किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पारस्परिक टैरिफ़ उनके प्रशासन की आर्थिक नीतियों की आधारशिला होगी.

बताते चलें कि अमेरिका की मेक्सिको और कनाडा के साथ व्यापार की स्थिति भी विवादास्पद बनी हुई है, खास तौर पर सीमा सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में.

ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से सभी आयातों पर 25% टैरिफ लगाने की अपनी योजना दोहराई, जब तक कि दोनों देश फेंटेनाइल सहित अवैध दवाओं के प्रवाह और अमेरिकी सीमाओं के पार प्रवासियों की आवाजाही को संबोधित करने के लिए कार्रवाई नहीं करते.

माना जा रहा है कि यह रुख, जो यूएस-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) पर काफी दबाव डाल सकता है, उत्तरी अमेरिकी पड़ोसियों के बीच व्यापार के लिए दूरगामी परिणाम लाएगा.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प की धमकियों के जवाब में, कनाडा की सरकार ने प्रवासियों और ड्रग्स के प्रवाह को कम करने के लिए सीमा सुरक्षा में 1.3 बिलियन कनाडाई डॉलर के निवेश का प्रस्ताव पहले ही दे दिया है.

इस पहल के हिस्से के रूप में, कनाडा अपनी सीमा सेवाओं को संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामानों का निरीक्षण करने के लिए अतिरिक्त अधिकार देने का इरादा रखता है.

कनाडा सरकार की यह घोषणा कनाडा-अमेरिका सीमा पर प्रवासियों की हिरासत में वृद्धि के बाद आई है, जिसमें अक्टूबर तक के 12 महीनों में 23,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि पिछले साल यह संख्या केवल 10,000 थी.

कनाडाई अधिकारी भी इन मुद्दों के समाधान के लिए निगरानी बढ़ा रहे हैं तथा अधिक अधिकारियों को तैनात कर रहे हैं, हालांकि वे दक्षिण की ओर जाने वाले यातायात को रोकने में अपनी सीमित क्षमता को स्वीकार करते हैं.

बहरहाल जैसा उच्च कर पर भारत के प्रति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया है.  ग्लोबल पॉलिटिक्स को समझने वाले तमाम एक्सपर्ट्स ऐसे हैं, जिनका मानना है कि इससे गतिरोध बढ़ेगा और यदि ऐसा होता है तो इससे कहीं न कहीं भारत और अमेरिका के संबंध भी प्रभावित होंगे.  यदि ऐसा होता है तो इस पूरे मामले में दिलचस्प यह रहेगा कि इससे एक देश के रूप में भारत का कुछ नहीं होने वाला. इसका खामियाजा सिर्फ और सिर्फ अमेरिका को भुगतना पड़ेगा.

जाते जाते हम एक बात और स्पष्ट करना चाहेंगे कि, भले ही आज ट्रंप उच्च कर को लेकर आंख के बदले आंख के फंडे पर काम कर रहे हों. लेकिन  भारत पूरी ठसक के साथ खड़ा हुआ है. मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में भारत को यह बात पता है कि भारत को अमेरिका को जवाब कब और किन परिस्थितियों में देना है.

Url Title
US President Donald Trump warned if India continues to impose high tariffs on US goods America would respond with reciprocal tariffs
Short Title
टैरिफ पर क्या बिगाड़ लेंगे ट्रंप? अमेरिका के बैन पर भी ठसक से खड़ा रहा भारत!
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
उच्च करों पर भारत को आंख दिखाने वाले ट्रंप भूल गए कि भारत मजबूती से विश्व पटल पर खड़ा है
Date updated
Date published
Home Title

आंख के बदले आंख लेकर क्या बिगाड़ लेंगे ट्रंप? अमेरिका के बैन पर भी ठसक से खड़ा रहा भारत!

Word Count
802
Author Type
Author