मुल्क कोई भी हो, अर्थव्यस्था को स्थिर रखना किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होता है. तमाम राजनीतिक पंडित ऐसे हैं जिनका मानना है कि सरकार यदि अर्थव्यस्था को बचा लेने में कामयाब हो जाती है तो जनता उसकी सौ गलतियों को नजरअंदाज कर देती है. सवाल होगा कि आखिर ये बातें क्यों हो रही हैं? जवाब है यूके. जहां ब्रिटिश उद्योग परिसंघ (CBI) ने जो बातें कहीं हैं उसने प्रधानमंत्री कीर स्‍टार्मर को गहरी चिंता में डाल दिया है.CBI ने कहा है कि , यूके की अर्थव्यवस्था 'सबसे खराब स्थिति की ओर बढ़ रही है' क्योंकि तमाम व्यवसायों को अगले साल की शुरुआत में गिरावट का सामना करना पड़ेगा. 

उद्योग समूह के विकास संकेतक सर्वेक्षण में पाया गया कि निजी क्षेत्र की फर्मों को 2025 के पहले तीन महीनों में हायरिंग, उत्पादन में कमी और कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है. व्यवसायों द्वारा खराब दृष्टिकोण के लिए दिए गए मुख्य कारणों में से एक चांसलर राहेल रीव्स का नियोक्ताओं के राष्ट्रीय बीमा योगदान (NIC) को बढ़ाने का निर्णय था - जिससे प्रति वर्ष लगभग £25bn जुटाने की उम्मीद है. 

यूके में चांसलर ने स्वीकार किया कि बजट का निर्णय व्यवसायों के लिए 'आसान' नहीं होगा.  उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा कि सरकार ने 'आम चुनाव के दौरान एक प्रतिबद्धता जताई थी... कि हम कामकाजी लोगों पर कर नहीं बढ़ाएंगे'.

सीबीआई के अंतरिम उप मुख्य अर्थशास्त्री अल्पेश पलेजा ने इस संकट पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि, 'हमारे नए सर्वे में उत्सव (क्रिसमस, नए साल) की कोई खुशी नहीं है, जो यह संकेत देते हैं कि अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर की ओर बढ़ रही है - फर्मों को उत्पादन और भर्ती दोनों में कमी आने की उम्मीद है, और मूल्य वृद्धि की उम्मीदें मजबूत हो रही हैं.

उन्होंने इसपर भी बल दिया कि व्यवसाय, बजट में घोषित उपायों के प्रभाव का हवाला देते रहते हैं. पलेजा ने ये भी कहा कि फर्म 2025 में ''चाहे वह अप्रेंटिसशिप लेवी में सुधार के लिए लंबे समय से लंबित कदम हों, व्यावसायिक स्वास्थ्य प्रोत्साहनों में वृद्धि के माध्यम से कार्यबल के स्वास्थ्य का समर्थन करना हो या व्यवसाय दरों में सुधार करना हो'. आत्मविश्वास बढ़ाने और निवेश करने का एक कारण देने के लिए' लेबर (सरकार के किसी एक नुमाइंदे)की तलाश कर रही है. 

25 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच 899 कंपनियों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित सीबीआई के सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि नवंबर 2022 के बाद से आर्थिक विकास की उम्मीदें सबसे कम थीं, जो कि प्रधानमंत्री के रूप में लिज़ ट्रस के इस्तीफे के बाद हुआ था.

ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) के आंकड़ों के अनुसार, यह बजट अक्टूबर में अर्थव्यवस्था में 0.1% की गिरावट के बाद आया है जो लगातार दूसरे महीने हुआ है. हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता लूसी पॉवेल ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा है कि ONS के आंकड़े 'निराशाजनक' हैं.  

सीबीआई के सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देते हुए, शैडो बिजनेस सेक्रेटरी एंड्रयू ग्रिफिथ ने कहा है कि कार्यभार संभालने के बाद से, चांसलर ने इस देश को आकांक्षा, निवेश और विकास के लिए प्रतिकूल माहौल बना दिया है.'

वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर अपना पक्ष रखते हुए कंजर्वेटिव सांसद ने कहा है कि, 'राहेल रीव्स का कर बढ़ाने का अभियान और अपनी आर्थिक विरासत के बारे में बकवास बातें करना सचमुच व्यवसायों और नौकरियों को खत्म कर रहा है.'

कहा ये भी गया कि 'अगर मंदी आती है - और सीबीआई की इन उम्मीदों के आधार पर जो कि तेजी से संभावित लगती है - तो यह डाउनिंग स्ट्रीट में बनेगी.  लेबर को तत्काल अपना रास्ता बदलने की जरूरत है, इससे पहले कि वे जो नुकसान कर रहे हैं वह और भी बड़ा हो जाए.'

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UK Economy crisis worst of all worlds says a CBI survey reasons why businessmen are worried
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UK की Economy की हालत पतली, सर्वे ने कहा अर्थव्यवस्था के लिहाज से सबसे बुरा दौर
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अर्थव्यवस्था ने ब्रिटेन की जनता और राजनेताओं को गहरी चिंता में डाल दिया है
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UK की Economy की हालत पतली, क्यों सर्वे ने कहा अर्थव्यवस्था के लिहाज से सबसे बुरा दौर?

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