यूं तो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के नाम पर गतिरोध 20 फरवरी 2014 से चल रहा था.  मगर 24 फरवरी 2022 वो तारिख बनी, जब यूक्रेन पर रूस ने हमला किया और एक नए विमर्श को पंख दिए. रूस द्वारा यूक्रेन पर किये गए इस हमले के बाद, न केवल मानवाधिकार संगठन एकजुट हुए.  बल्कि कहा तो यहां तक गया कि युद्ध की आड़ लेकर रूस दुनिया को अपनी पावर दिखाना चाहता है. अब जबकि यूक्रेन पर रूसी हमले के दो साल होने को हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति के लहजे में एक नाटकीय बदलाव देखने को मिल रहा है.

यूक्रेनी राष्ट्रपति का अंदाज इसलिए भी बदला है, क्योंकि अभी बीते दिनों ही उन्होंने यूक्रेन के एक बड़े हिस्से पर रूस की पकड़ की ताकत को स्वीकार किया था. यूक्रेनी राष्ट्रपति के इस रुख की एक बड़ी वजह, डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी को भी माना जा सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप के रूप में अमेरिका के नए कमांडर-इन-चीफ ने कहा है कि वह यूक्रेन में रूस के युद्ध को एक दिन में खत्म कर सकते हैं - हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कैसे? हालांकि, एक बात तो तय है, रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर डोनाल्ड ट्रम्प का दृष्टिकोण बाइडेन से बहुत अलग होगा.

ट्रंप ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वे यूक्रेन को रूस के अंदर लक्ष्यों के खिलाफ लंबी दूरी की अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने की अनुमति देने से असहमत हैं. इशारों इशारों में अमेरिका ने यूक्रेन को संकेत दे दिया है कि यदि उन्होंने ऐसा कुछ किया तो यूक्रेनी बलों को महत्वपूर्ण अमेरिकी सैन्य सहायता कम हो सकती है या यह पूरी तरह से समाप्त भी हो सकती है.

वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के लिए, वह अपने देश के सामने आने वाली नई वास्तविकता के साथ तेजी से तालमेल बिठा रहे हैं. उनकी सरकार बाइडेन की बहुत बड़ी प्रशंसक नहीं थी, लेकिन वे कम से कम अपने प्रतिस्थापन की तुलना में काफी अधिक अनुमानित थे. कह सकते हैं कि बाइडेन व्लादिमीर पुतिन की निंदा के प्रति सुसंगत थे.

फिर भी, मॉस्को के साथ व्यवहार करते समय ट्रंप की अप्रत्याशितता का उपयोग यूक्रेन के लाभ के लिए किया जा सकता है. नए राष्ट्रपति यानी डोनाल्ड ट्रंप इस मामले पर नरम या कमज़ोर नहीं दिखना चाहेंगे. क्योंकि वह दोनों पक्षों को एक समझौते पर लाने का प्रयास कर रहे हैं.

इस मिश्रण में, ज़ेलेंस्की ने संघर्ष को कैसे समाप्त किया जा सकता है, इसका वर्णन करते समय अपनी भाषा को उल्लेखनीय रूप से बदल दिया है. बता दें कि पहले मॉस्को के साथ ऐसी कोई बातचीत का सुझाव नहीं दिया गया था, जिसमें रूसी सेना की पूरी तरह से वापसी शामिल न हो.

अब, हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने वह कहना शुरू कर दिया है जो वह और उनके पश्चिमी सहयोगी लंबे समय से जानते हैं  कि पश्चिमी समर्थन और यूक्रेनी लड़ाकू क्षमता के मौजूदा स्तर के साथ रूस की दृढ़ स्थिति को बदलना असंभव है.

ज़ेलेंस्की ने अभी हाल ही में एकवेबसाइट को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने अपने नए दृष्टिकोण का संकेत तब दिया, जब उन्होंने पहली बार कहा कि कीव यूक्रेन के सरकारी नियंत्रण वाले हिस्सों के लिए नाटो की सदस्यता चाहता है और कूटनीति के माध्यम से बाकी को वापस पाने का इंतज़ार करेगा.

अभी बीते दिनों ही ज़ेलेंस्की ने फ्रांस के ले पेरिसियन अख़बार के साथ एक साक्षात्कार में, ऐसी तमाम बातें की हैं जिनमें कई गुप्त संदेश छिपे हैं. ज़ेलेंस्की ने कहा कि, हम अपने क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते. यूक्रेनी संविधान हमें ऐसा करने से रोकता है. वास्तव में, ये क्षेत्र अब रूसियों के नियंत्रण में हैं। हमारे पास उन्हें वापस पाने की ताकत नहीं है. 

वहीं उन्होंने ये भी कहा कि, हम पुतिन को बातचीत की मेज पर बैठने के लिए मजबूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कूटनीतिक दबाव पर ही भरोसा कर सकते हैं.

ज़ेलेंस्की ने आगे ये भी कहा कि, यह इस बारे में नहीं है कि आपके सामने कौन बैठता है.  यह इस बारे में है कि बातचीत करते समय आप किस स्थिति में हैं. मुझे नहीं लगता कि हम कमज़ोर स्थिति में हैं, लेकिन हम मज़बूत स्थिति में भी नहीं हैं.

इंटरव्यू के दौरान ज़ेलेंस्की ने इस बात को माना कि, इसे जो भी कहा जाए लेकिन सबसे पहले, हमें एक मॉडल, एक कार्य योजना, एक शांति योजना विकसित करने की ज़रूरत है. यदि ऐसा हो गया तो ही हम पुतिन से आगे कुछ बात कर सकते हैं.

जैसा कि हम शुरुआत में ही इस बात को बता चुके हैं कि यूक्रेनी राष्ट्रपति धीरे-धीरे ही सही लेकिन अपना सुर बदल रहे हैं.  तो वेस्ट और वहां की राजनीति को समझने वाले तमाम राजनीतिक पंडित ऐसे हैं. जो इन बातों के पक्षधर हैं कि, रूस यूक्रेन के बीच आज हम जो कुछ भी देख रहे हैं उसकी एकमात्र वजह डोनाल्ड ट्रंप हैं. 

बता दें कि इस युद्ध पर ट्रंप ने राष्ट्र्रपति चुनाव लड़ने से पहले ही नजर रखी हुई थी. और क्योंकि अब वो अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं तो रूस यूक्रेन मुद्दा उनके लिए आन, बान और शान का मामला है. 

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Russia Ukraine war President Zelenskyy now voicing the truth against Russia which he was hiding for so long
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थोड़ा वक्त लगा, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस-युद्ध को लेकर सच बोल ही दिया!
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खार्किव में प्रशिक्षण प्राप्त करते यूक्रेनी नागरिक
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Russia-Ukraine War: थोड़ा वक्त लगा, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस-युद्ध को लेकर सच बोल ही दिया!

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