जुबानी जंग और सोशल मीडिया से होती हुई अब राजनीतिक लड़ाई चिट्ठियों और खुले खत तक पहुंच गई है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों को खत लिखा है और 1 जून को बढ़ चढ़कर वोट देने की गुजारिश की है, वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने पीएम मोदी को झन्नाटेदार खुला खत लिखा है. तेजस्वी यादव ने अपना ये लेटर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है और कहा है कि पीएम मोदी लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के बजाय बिहार के 34 साल के युवा को डरा रहे हैं और जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं.
तेजस्वी इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024)में एक बड़े नेता के रूप में उभरे हैं. न केवल उनके बयान सधे हुए आ रहे हैं, बल्कि वो अपनी बिगड़ी तबियत के बावजूद अपने प्रत्याशियों के लिए दनादन रैलियां भी कर रहे हैं. मीडिया से बातचीत हो या फिर ओपन लेटर उन्होंने यह बात साबित की है.
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वीडियो भी किया है पोस्ट
तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत करते हुए एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें वो कह रहे हैं, "𝟕𝟓 वर्ष के बुजुर्ग प्रधानमंत्री जी मुद्दों की लोकतांत्रिक एवं चुनावी लड़ाई लड़ने के बजाय एक 𝟑𝟒 साल के युवा से डर गए हैं. कह रहे हैं कि तेजस्वी मुझे हरा रहा है, चुनाव खत्म होते ही उसे जेल में डालूंगा. तेजस्वी के चलते 𝟏𝟔 बार बिहार आ चुका हूं, दो रात भी बिहार में बिता दी फिर भी माहौल नहीं बन रहा. उसे जेल में डालूंगा."
पीएम मोदी पर तेजस्वी पिछले कुछ दिनों से न केवल प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला कर रहे हैं बल्कि खत और वीडियो द्वारा अपना संदेश भी बीच बीच में पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री हार के डर से अब चुनावी सभाओं में मुझे जेल भेजने की तारीख बता रहे है. प्रधानमंत्री की यह सार्वजनिक स्वीकारोक्ति है कि वे जांच एजेंसियों को अपना खिलौना समझते हैं. वो जब चाहे, जहां चाहे, जैसे चाहे अपनी इच्छा अनुसार विपक्ष के किसी भी नेता को मनगढ़ंत एवं काल्पनिक केस में जेल भेज सकते है?"
'जेल की धमकी से हमें मत डराइए'
तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, किसी और को जेल की धमकी से डराइये. हम किसान क़ौम के लड़ाके हैं. हमारे कुल देवता एवं अवतारी पुरुष का जन्म ही जेल में हुआ था.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, "यह बिहार है बिहार! और हम हैै खांटी बिहारी! नौकरी, रोजगार, कमाई-दवाई, पढ़ाई, सिंचाई जैसे मुद्दों पर बात कीजिए."
दो पन्ने का लिखा है खुला पत्र
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के नाम दो पन्ने का खुला ख़त लिखा है. यादव ने आगे लिखा, "पीएम जी जरा समय निकालकर जातिगत जनगणना, आरक्षण, मंडल कमीशन और संविधान पर अवश्य ही अपना ज्ञानवर्धन कर लीजिएगा."
प्रधानमंत्री जी, आपके नाम खुला ख़त है। जरा समय निकाल जातिगत जनगणना, आरक्षण, मंडल कमीशन और संविधान पर अवश्य ही अपना ज्ञानवर्धन कर लीजिएगा। #TejashwiYadav pic.twitter.com/1BxNSVzmRv
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 26, 2024
मुजरा वाले बयान पर सियासी घमासान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के काराकाट और पाटलिपुत्र की एक रैली के दौरान कहा था कि विपक्षी पार्टियां वोट के लिए 'मुजरा' करने को तैयार हैं. पीएम मोदी के इस बयान के बाद एक ओर जहां विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं, वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव खत्म होने को हैं, प्रधानमंत्री की भाषा में गिरावट देखी जा रही है.
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खुद ही सोचिए?
200 से अधिक रैलियां कर चुके तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को अधिक से अधिक सीट दिलाने के लिए इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बैक पेन से परेशान तेजस्वी व्हील चेयर पर चल रहे हैं और रैलियां कर रहे हैं.
स्थानीय पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी बोले, पांच चरणों के बाद बीजेपी को पता चल चुका है कि वो कितने पानी में है. जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रधानमंत्री की भाषा में गिरती जा रही है.
तेजस्वी ने कहा कि पीएम ऐसी भाषा बोल रहे हैं, उनके समर्थकों को भी ये भाषा पसंद नहीं आ रही है.'
https://www.youtube.com/watch?v=NdCmsVW6EV4
क्या क्या लिखा है पत्र में
तेजस्वी ने अपने इस खत में पीएम को पिछड़ा और दलित विरोधी तो बताया ही है, साथ ही यह भी कहा है कि वो अपनी 'पद की गरिमा' के अनुरूप बात नहीं कर रहे हैं. अपने खत के तीसरे पैरा में तेजस्वी ने मंडल कमीशन, आरक्षण, संविधान, मंगलसूत्र, भैंस और मुजरा मुद्दे को उठाया है.
वह लिखते हैं कि आप जितनी बार बिहार आए, आपने हर बार आधारहीन, तथ्यहीन और झूठी बातें ही की हैं. तेजस्वी लिखते हैं, "सच कहूं तो हमें आपकी चिंता हो रही है. क्या इस विशाल हृदय वाले देश के प्रधानमंत्री की ऐसी भाषा होनी चाहिए?"
उन्होंने जनता से इस बाबत खुद ही सोचने और निर्णय लेने के लिए भी कहा है.
अपने खत में तेजस्वी ने आरक्षण से लेकर सरकारी नौकरी और संविधान के आधार पर आरक्षण को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहते हैं कि आपने आरक्षण खत्म करने का नायाब तरीका ढूंढा है. वहीं वो लिखते हैं कि आप पांच किलो राशन को भी 'मुफ्त' कहते रहते हैं. यह तो हमारे नागरिकों को संविधान में दिया गया न्यूनतम अधिकार है.
कितनी बातें कहूं? बस इतना कहना चाहता हूं कि आप समस्त दलित, पिछड़ा- अतिपिछड़ा और आदिवासी जानते हैं कि बीजेपी और आप बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, कांशीराम, लोहिया जी और मंडल कमीशन के कट्टर वैचारिक दुश्मन है. और उन्होंने पत्र में गुजारिश करते हुए भ्रम फैलाने और नफरत परोसने की राजनीति से परहेज करने की सलाह दी है.
तेजस्वी कई जगह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से भी खासे प्रभावित दिखे हैं और लिखते हैं चुनाव आएंगे और जाएंगे लेकिन संविधान, देश की सामाजिक संरचना और इसकी बनावट पर अब और आघात मत कीजिए.
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