अजीब दौर है. बात बे-बात लोगों की भावना आहत हो जाती है.  जिनकी नहीं होती, वो लोग कभी नैतिकता तो कभी संस्कृति की दुहाई से मौके खोज ही लेते हैं. आहत होने पर विस्तार से चर्चा होगी. मगर उससे पहले थोड़ा इतिहास पर नजर डालें और समझें इस बात को कि, सेलेक्टिव होकर हमारा आहत होना ही असल समस्या है. और जब तक ऐसा चलेगा चीजें बनेंगी कम और बिगड़ेंगी ज्यादा. 

नवंबर 2024. अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' की प्रीव्यू स्क्रीनिंग में शामिल होने के लिए तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन हैदराबाद के एक थिएटर में आए. अल्लू की एक झलक पाने के लिए फैंस बेकाबू हो गए.  मौके पर मौजूद हर शख्स बस यही चाह रहा था कि कैसे भी कर के वो अल्लू को या फिर अल्लू उन्हें देख लें. 

हालात कुछ ऐसे बने कि भीड़ ने कुछ ही समय में भगदड़ का रूप ले लिया.जिसे अराजकता माना जा रहा था वो एक त्रासदी में तब्दील हुई.  एक महिला की जान चली गई और उसका बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया. जिस समय यह सब हो रहा था, उस समय अल्लू अर्जुन थिएटर के अंदर थे, उन्हें बाहर हो रही तबाही का अंदाजा नहीं था.

घटना के बारे में जानने के बाद, अभिनेता ने बच्चे के इलाज के लिए वित्तीय सहायता दी और शोकाकुल परिवार को मुआवजा दिया. बावजूद इसके सवाल तब भी जस का तस रहा है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? लोग इस सवाल का जवाब तलाश ही रहे थे कि घटना के 9 दिन बाद यह खबर आई कि अल्लू अर्जुन को हिरासत में ले लिया गया है.  

अदालत से जमानत मिलने के बाद भी उन्हें एक रात जेल में बितानी पड़ी. उनका कथित अपराध? भीड़ की ओर हाथ हिलाना. उस एक इशारे को उन्माद भड़काने के लिए 'जिम्मेदार' माना गया. नतीजतन, उन्हें विदेश यात्रा करने से रोक दिया गया. (ध्यान रहे अल्लू विदेश में कई जगह अपनी  फिल्म के प्रोमोशन के लिए जाने वाले थे) इसपर भी लोगों ने अपनी सुविधा से रियेक्ट किया.

ये तो हो गई अल्लू अर्जुन  और उनसे जुड़े मामले की बात. अब आते हैं उस घटना पर जो इसी फरवरी 2025 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर घटी. भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक नई दिल्ली में महाकुंभ के सिलसिले में प्रयागराज जाने वाली ट्रेन को लेकर कुछ ऐसा कंफ्यूजन हुआ कि नौबत भगदड़ की आ गई. 

मामले में कई महिलाओं और बच्चों सहित अठारह लोगों की मौत हो गई. जांच का आदेश दिया गया. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और दिल्ली पुलिस सहित कई एजेंसियों ने वास्तव में क्या हुआ, इसके बारे में विरोधाभासी विवरण दिए.

क्या रेलवे भगदड़ मामले में तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए? शायद नहीं. ऐसी त्रासदी की पूरी जांच होनी चाहिए. लेकिन क्या अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी - और उसके बाद उन पर लगाए गए प्रतिबंध - उचित थे? बिल्कुल नहीं.

अब इसी तरह जब हम पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा इंडियाज गॉट लैटेंट नामक शो में की गई टिप्पणी को देखते हैं. तो आज शो आने के लंबे समय बाद उनके द्वारा कही बात एक राष्ट्रीय मुद्दा है. रणवीर ने क्या कहा? क्या नहीं कहा इसे लेकर समाज ने अपने को दो खानों में बांट लिया है. 

एक गुट जिसमें ज्यादातर युवा हैं, रणवीर के साथ हैं. और उनका यही कहना है कि शो में जो हुआ वो टीआरपी या ये कहें कि व्यूअर शिप के लिए हुआ.  इसी तरह वो वर्ग जो रणवीर के विरोध में है.  उनकी गिरफ्तारी और सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहा है वो संस्कृति और सनातन की दुहाई दे रहा है.

ये अपने में दिलचस्प है कि यही संस्कृति आम तौर पर तब भी आंखें मूंद लेती है, जब अल्लाहबादिया के मजाक से कहीं ज़्यादा बुरे अपशब्द सार्वजनिक विवादों में उछाले जाते हैं. अगर माता-पिता के सम्मान का सवाल यहां असली सवाल है, तो ये अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि हममें से अधिकांश लोग बात बेबात मां बहन बेटी की गलियां बकने से नहीं चूकते. 

रणवीर ने जो कहा बिलकुल गलत है और उसे किसी भी सूरत में, किसी भी हाल में जस्टिफाई नहीं किया जा सकता. उसकी निंदा होनी चाहिए और हर हाल में होनी चाहिए. लेकिन सवाल वही है कि बतौर नागरिक आखिर वो दिन कब आएगा जब हम अपने गिरेबांन में झांकने के बाद अपना आत्ममंथन करेंगे?

देखिये हम फिर उसी बात को दोहरा रहे हैं कि विरोध कभी सिलेक्टिव नहीं होना चाहिए. चाहे वो कोई सेलिब्रिटी हो या फिर आम आदमी गाली कोई भी दे, अपशब्द का इस्तेमाल कोई भी करे उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.

बाकी यहां इस लेख में जिक्र अल्लू अर्जुन और रणवीर जैसे लोगों का हुआ है.  तो हम इतना जरूर कहेंगे कि जैसा दौर है किसी सेलिब्रिटी के कंधे पर बंदूक रखकर फायर करना हमारे लिए सबसे आसान चीज है.  ऐसा कर हम जहां एक तरफ संस्कृति बचा लेते हैं. तो वहीं दूसरी ओर हम से सीधा, सच्चा और शरीफ शायद ही इस दुनिया में कोई और हो. 

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Ranveer Allahbadia Samay Raina Episode on Indias Got Latent creates controversy reasons why the common man outrage is fake
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क्यों आखिर Ranveer Allahbadia-Samay Raina को कोसने वालों की नीयत में खोट है?
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स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के साथ पॉडकास्टर रणवीर
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क्यों आखिर Ranveer Allahbadia-Samay Raina को कोसने वालों की नीयत में खोट है?

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