Rajya Sabha Election 2024 Result: लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कहीं कम सीटें जीतने के बावजूद राज्यसभा उपचुनाव भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए संतोष की सांस लाए हैं. राज्य सभा की 12 सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में मतदान की नौबत ही नहीं आई है. सभी 12 सीटों पर विजेताओं का फैसला निर्विरोध हो गया है. BJP ने सबसे ज्यादा 9 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि 1-1 सीट उसके सहयोगी दलों NCP (अजीत पवार) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को मिली है. बची हुए एक सीट पर तेलंगाना से कांग्रेस अपना कैंडिडेट जिताने में सफल रही है. उपचुनाव की 12 में से 11 सीट जीतकर NDA ने राज्य सभा में बहुमत के लिए जरूरी 119 सीट का आंकड़ा पार कर लिया है. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को थोड़ी राहत मिल सकती है, जिसे हाल ही में खत्म हुए नई लोकसभा के पहले सत्र में ही कई बिलों को मजबूरन स्थायी समिति को सौंपना पड़ा है. हालांकि अब भी यह सवाल उठ रहा है कि लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल और डिजिटल एक्ट आदि को लेकर मोदी सरकार पर सहयोगी दलों का जैसा दबाव बना था, क्या उन दलों को मोदी सरकार राज्य सभा में अपने मनचाहे बिल पारित कराने के लिए मना सकेगी?
पहले जानिए उपचुनाव में कहां से किसे मिली है जीत
- राजस्थान से भाजपा के रवनीत सिंह बिट्टू जीते हैं.
- महाराष्ट्र से NCP (अजीत) के नितिन पाटिल विजयी हुए हैं.
- मध्य प्रदेश से भाजपा के जॉर्ज कूरियन को जीत मिली है.
- महाराष्ट्र से ही भाजपा के धैर्यशील पाटिल विजयी रहे हैं.
- हरियाणा से भाजपा की किरण चौधरी को जीत मिली है.
- बिहार से भाजपा के मनन कुमार मिश्रा जीत गए हैं.
- बिहार से राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा जीते हैं.
- असम से भाजपा के रामेश्वर तेली को जीत मिली है.
- असम से ही भाजपा के मिशन रंजन दास विजयी रहे हैं.
- त्रिपुरा से भाजपा के राजीव भट्टाचार्जी ने जीत हासिल की है.
- ओडिशा से भापजा के ममता मोहंता विजयी रहे हैं.
- तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को जीत मिली है.
अब जान लेते हैं राज्य सभा का मौजूदा आंकड़ा
- राज्य सभा में 245 सीटों में से 237 को ही भरा गया है.
- चार मनोनीत सीट और जम्मू-कश्मीर की चार सीट खाली हैं.
- 237 की मौजूदा संख्या के लिहाज से बहुमत का आंकड़ा 119 सीट का है.
- उपचुनाव में 12 सीट जीतने के बाद NDA के पास अब 112 सीट हो गई हैं.
- राज्य सभा में NDA को एक निर्दलीय और 6 नामित सदस्य भी समर्थन देते हैं.
- NDA को निर्दलीय और नामित सदस्यों के समर्थन से कुल 119 सीट यानी बहुमत हासिल हो गया है.
क्या होता है बहुमत का लाभ
राज्य सभा में बहुमत हासिल करने वाला दल या गठबंधन यदि सत्ता में होता है तो उसके लिए अपनी नीतियों को लागू करना आसान हो जाता है. किसी भी कानून को लागू करने के लिए लोकसभा में पारित कराने के बाद राज्य सभा से मंजूरी की मुहर लगवाना अनिवार्य होता है. बहुमत नहीं होने पर कई कानून लोकसभा में पारित होने के बावजूद राज्य सभा में लटक जाते हैं. आमतौर पर सत्ताधारी गठबंधन इन बिलों को उस समय तक राज्य सभा में पेश नहीं करता है, जब तक उसके पास ऊपरी सदन में भी स्पष्ट बहुमत नहीं आ जाता है. यदि ऊपरी सदन में बहुमत का आंकड़ा विपक्ष के समर्थन में होता है तो वह आसानी से केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पारित कराए किसी भी बिल को रोक सकता है.
बहुमत के बावजूद भाजपा के लिए चुनौती
भाजपा नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने राज्य सभा में बहुमत हासिल कर लिया है. अब NDA के पास लोकसभा और राज्य सभा, दोनों सदन में बहुमत है यानी वह चाहे तो अपनी पसंद के बिल पास करा सकता है. इसके बावजूद भाजपा के लिए चुनौतियां बड़ी हैं. भाजपा के एजेंडे पर जो मुद्दे हैं, उनमें से कई मुद्दों पर उसकी अपनी ही सहयोगी दलों के साथ पूर्ण सहमति नहीं है. हाल ही में लोकसभा में वक्फ बोर्ड (संशोधन) बिल इसका उदाहरण है, जिसे लेकर उसके सहयोगी दलों LJP, JDU, TDP और RLD में असहमति दिखाई दी थी. ऐसे में भाजपा के लिए राज्य सभा में अपने नेतृत्व वाले गठबंधन को मिले बहुमत का इस्तेमाल अपने मनमाफिक करना आसान नहीं होगा यानी सरकार की डोर भाजपा के बजाय सहयोगी दलों के हाथ में ही रहेगी.
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राज्य सभा में बहुमत के पार NDA, क्या अब साथी दलों को मनाकर मनचाहे बिल पारित करा पाएगी BJP?