राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए 'पारस्परिक टैरिफ' जो आयात पर कर हैं, के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका के कई प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को महत्वपूर्ण प्रभावों का सामना करना पड़ेगा. बताते चलें कि अमेरिका में विदेशी सामान लाने वाली कंपनियां इन टैरिफ का भुगतान करती हैं, जिनकी गणना आम तौर पर सामान के मूल्य के प्रतिशत के रूप में की जाती है. ध्यान रहे कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ लगाया जिसके बाद अमेरिका के कई सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों पर इससे कहीं अधिक दर का असर पड़ा है.
Make America Wealthy Again नामक एक कार्यक्रम में बोलते हुए, ट्रंप ने विदेशी 'धोखेबाजों' की आलोचना की और एक चार्ट दिखाया. चार्ट में ट्रंप ने बताया गया कि कौन क्या भुगतान करेगा. चूंकि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने दुनिया के कई मुल्कों और वहां के राजनेताओं के बीच बेचैनी बढ़ा दी है, प्रतिक्रियाओं का आना लाजमी था.
तो आइये देखें कि ट्रंप के ताजे फरमान पर क्या कह रहे हैं दुनिया भर के मुल्क और उनके राजनेता.
34% कर का सामना कर रहे चीन ने कहा कि वह 'दृढ़ता से' जवाबी हमला करेगा और 'अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा'. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, 'चीन संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने एकतरफा टैरिफ उपायों को तुरंत रद्द करने और समान बातचीत के माध्यम से अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ मतभेदों को ठीक से हल करने का आग्रह करता है.'
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि टैरिफ से दुनिया भर के लाखों लोगों पर 'गंभीर परिणाम' पड़ेंगे. वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि, 'हम [ईयू] स्टील पर टैरिफ के जवाब में पहले से ही जवाबी उपायों के पैकेज को अंतिम रूप दे रहे हैं.'
लेयेन ने यह भी कहा कि, 'हम अब बातचीत विफल होने की स्थिति में अपने हितों और अपने व्यवसायों की रक्षा के लिए आगे के जवाबी उपायों की तैयारी कर रहे हैं.'
आयरिश प्रधान मंत्री माइकल मार्टिन भी ट्रंप के इस फैसले से हैरान हैं. उन्होंने कहा है कि, 'हमें इसके लिए कोई औचित्य नहीं दिखता. मार्टिन के अनुसार, 'ईयू और अमेरिका के बीच प्रतिदिन 4.2 बिलियन यूरो से अधिक मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार होता है... टैरिफ मुद्रास्फीति को बढ़ाते हैं, अटलांटिक के दोनों ओर के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं, और नौकरियों को जोखिम में डालते हैं.'
जापान के व्यापार मंत्री योजी मुटो ने टैरिफ को 'बेहद खेदजनक' बताया और कहा कि सभी विकल्प खुले हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या जापान लगाए गए 24% टैरिफ का जवाब देगा, उन्होंने कहा कि, 'सावधानीपूर्वक लेकिन साहसिक और त्वरित तरीके से हमें यह तय करने की ज़रूरत है कि जापान के लिए सबसे अच्छा क्या है, और सबसे प्रभावी क्या है.'
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि उनका देश जवाबी उपायों के साथ जवाबी कार्रवाई करेगा. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि, 'उद्देश्य और बल के साथ कार्य करना आवश्यक है, और हम यही करेंगे.' मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि वह 'जैसे को तैसा' की रणनीति नहीं अपनाएंगी, लेकिन आज बाद में एक 'व्यापक कार्यक्रम' की घोषणा की जाएगी.
उन्होंने कहा, 'यह सवाल नहीं है कि अगर आप मुझ पर टैरिफ लगाते हैं, तो मैं आप पर टैरिफ लगाऊंगी. हमारी दिलचस्पी मैक्सिकन अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में है.'
ट्रंप ने पहले दोनों देशों से आने वाले सभी सामानों पर 25% की दर निर्धारित की थी, उसके बाद कुछ छूट और देरी की घोषणा करने से पहले मेक्सिको या कनाडा के लिए कोई नया टैरिफ घोषित नहीं किया गया.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा कि उनके देश पर सबसे कम स्तर पर 10% टैरिफ पारस्परिक नहीं था और 'कोई मित्र ऐसा कार्य नहीं कर सकता'. उन्होंने कहा, 'यह अमेरिकी लोग हैं जो इन अनुचित टैरिफ के लिए सबसे बड़ी कीमत चुकाएंगे.' यही कारण है कि हमारी सरकार पारस्परिक टैरिफ लगाने की कोशिश नहीं करेगी. हम नीचे की ओर दौड़ में शामिल नहीं होंगे जो उच्च कीमतों और धीमी वृद्धि की ओर ले जाता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी के रूप में देखे जाने वाले इतालवी प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने टैरिफ को 'गलत' कहा और कहा कि वे अमेरिका को लाभ नहीं पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा, 'हम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक समझौते की दिशा में काम करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिसका लक्ष्य एक व्यापार युद्ध से बचना है जो अनिवार्य रूप से अन्य वैश्विक खिलाड़ियों के पक्ष में पश्चिम को कमजोर करेगा.'
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने देश की कंपनियों और श्रमिकों की रक्षा करने और 'एक खुली दुनिया के लिए प्रतिबद्ध रहने' की कसम खाई. उनके स्वीडिश समकक्ष, उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा कि, 'हम बढ़ते व्यापार अवरोधों को नहीं चाहते हैं। हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते हैं.
हम अमेरिका के साथ व्यापार और सहयोग के रास्ते पर वापस जाना चाहते हैं, ताकि हमारे देशों के लोग बेहतर जीवन का आनंद ले सकें.
न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने कहा कि, 'हम जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे - इससे न्यूजीलैंड के उपभोक्ताओं पर कीमतें बढ़ेंगी और यह मुद्रास्फीति को बढ़ावा देगा.' उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उनके देश में अमेरिकी आयात पर 20% टैरिफ है - जैसा कि ट्रंप के चार्ट पर दावा किया गया है और कहा कि यह वास्तव में 10% से कम है.
बहरहाल अब जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फैसला सुना ही दिया है, तो माना यही जा रहा है कि इससे नुकसान अमेरिका को इसलिए भी होगा क्योंकि मित्र देश उससे दूरी बना लेंगे.
ऐसा होता है या नहीं? इसका जवाब तो वक़्त देगा. लेकिन जो वर्तमान है और इसमें जैसा अमेरिका का रुख है, वेस्ट खासकर अमेरिका को समझने वाले जानकार इस बात पर बल दे रहे हैं कि इस मामले के मद्देनजर अमेरिका झुकने वाला नहीं है.
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