पोप फ्रांसिस अपने एक दावे के चलते सुर्खियों में हैं. अपनी आत्मकथा में पोप फ्रांसिस ने इस बात का जिक्र किया है कि 2021 में आत्मघाती हमलावरों ने 2021 में इराक की यात्रा के दौरान उन पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन हमला करने से पहले हीउन हमलावरों को मार गिराया गया.

किताब में पोप ने लिखा है कि मार्च 2021 में बगदाद पहुंचने के बाद ब्रिटिश खुफिया विभाग द्वारा उन्हें बताया गया कि जिस कार्यक्रम में उन्हें शामिल होना था, उसे दो आत्मघाती हमलावरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.

बता दें कि तब विस्फोटक पहने एक महिला मोसुल की ओर जा रही है और उसकी योजना पोप की यात्रा के दौरान खुद को उड़ाने की थी. इतालवी दैनिक समाचार पत्र कोरिएरे डेला सेरा द्वारा जारी होप: द ऑटोबायोग्राफी के अंशों में 88 वर्षीय फ्रांसिस कहते हैं, 'एक ट्रक उसी इरादे से तेजी से वहां से जा रहा था.'

पुस्तक में, पोप ने कहा कि उन्होंने बाद में अपनी वेटिकन सुरक्षा टीम से पूछा कि आत्मघाती हमलावरों का क्या हुआ।किताब में फ्रांसिस ने लिखा है कि, 'कमांडर ने संक्षिप्त रूप से उन्हें उत्तर दिया कि, 'वे (हमलावर) अब यहां नहीं हैं'.

पोप को बताया गया कि उन लोगों को इराकी पुलिस ने ठिकाने लगा दिया. यह बात  पोप को बहुत चुभी और उन्हें यही महसूस हुआ कि इस तरह की गतिविधियां युद्ध का जहरीला पक्ष हैं.  

गौरतलब है कि मार्च 2021 में इराक की यात्रा पोप की पहली यात्रा थी और यह कोविड महामारी के जारी रहने के दौरान हुई थी. पोप उस समय मोसुल गए थे जो कि न केवल इराक का उत्तरी शहर है बल्कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का मुख्यालय भी था. 

इस्लामिक स्टेट के लोगों का रवैया ईसाई समुदाय के प्रति कैसा रहा है? यदि इसे समझना हो तो हम पूर्व में आई उन ख़बरों का अवलोकन कर सकते हैं. जिनमें बताया गया था कि जिस वक़्त मोसुल में इस्लामिक स्टेट का शासन था, उस वक़्त इस क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों के साथ काफी बर्बरता हुई थी. और ज्यादातर लोगों ने इलाके से पलायन की शुरुआत कर दी थी.

बताया ये भी जाता है कि यह फ्रांसिस की विदेश यात्राओं में सबसे मार्मिक यात्रा बन गई.मोसुल चर्च के मलबे में खड़े होकर, उन्होंने इराक के ईसाइयों से मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा उनके खिलाफ किए गए अन्याय को माफ करने और पुनर्निर्माण करने का आग्रह किया.

इतालवी लेखक कार्लो मुसो के साथ लिखी गई पोप फ्रांसिस की आत्मकथा होप:  द ऑटोबायोग्राफी वेटिकन के पवित्र वर्ष की शुरुआत में अगले महीने 80 से अधिक देशों में रिलीज़ होने वाली है.

 किताब को लेकर कयास यही लगाए जा रहे हैं कि इसके बाजार में आने के बाद तमाम तरह की चर्चाओं को पंख मिलेंगे. माना जा रहा है कि इस किताब में ऐसा बहुत कुछ होगा, जिसमें वेटिकन और पॉप फ्रांसिस से जुड़ी वो तमाम बातें होंगी. जिनसे अब तक दुनिया और स्वयं ईसाई समुदाय के लोग अंजान थे.  

बहरहाल जिक्र पॉप फ्रांसिस के उस दावे का हुआ है, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर हमले की बात कही थी.  तो हमारे लिए ये बता देना बहुत जरूरी है कि पोप फ्रांसिस ईसाई धर्म से संबंध रखने वाली एक बेहद अहम शख्सियत हैं. 

इसके अलावा बात अगर इस्लामिक स्टेट या अलकायदा से जुड़े आतंकियों की हो. तो इन तमाम लोगों की तरफ से पूर्व में कई ऐसे बयान आ चुके हैं जिनमें निडर होकर उन तमाम लोगों ने इस बात का जिक्र किया है कि वो ईसाईयत को इस धरती से ख़त्म कर देंगे.

इन धमकियों के बाद जिक्र यदि वेटिकन और स्वयं पॉप फ्रांसिस का हो. तो हमेशा ही ये इस बात के पक्षधर रहे हैं कि उन लोगों को माफ़ करते हुए इग्नोर कर देना चाहिए जो ईसाईयत के खिलाफ हैं. खैर अब जबकि पोप द्वारा लिखी किताब आ ही रही है तो पूरी दुनिया यही जानना चाहेगी कि एक धर्म के शीर्ष पर होने के बाद पोप ईसाईयत, उसके प्रचार प्रसार और दुनिया को कैसे देखते हैं.

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Pope assassination plot by Suicide bombers foiled by UK intelligence during iraq visit claims autobiography
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Autobiography में Iraq यात्रा के मद्देनजर Pope Francis के दावे चौंकाने वाले हैं!
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पोप फ्रांसिस ने जो बातें अपनी किताब में लिखी हैं उनपर विवाद तो होना ही है
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Autobiography में Iraq यात्रा के मद्देनजर Pope Francis के दावे चौंकाने वाले हैं! 


 

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