डीएनए हिंदी: Parliament Monsoon Session Latest News- लोकसभा में बुधवार यानी आज विपक्षी दलों के संयुक्त गुट INDIA की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) दाखिल किया है. 26 दलों वाले इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (INDIA) ने यह अविश्वास प्रस्ताव दाखिल करने का फैसला एक संयुक्त मीटिंग में लिया है. ANI के मुताबिक, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बुधवार सुबह 10 बजे दाखिल कर दिया है. इससे पहले मंगलवार रात में कांग्रेस के नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ANI को बताय था कि पार्टी ऑफिस में अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस तैयार किया गया है और इसे बुधवार सुबह 10 बजे तक लोकसभा महासचिव के ऑफिस में दाखिल किया जाएगा.
Congress MP Gaurav Gogoi files the No Confidence Motion against the Government in Lok Sabha. pic.twitter.com/osx0ljhrPZ
— ANI (@ANI) July 26, 2023
हालांकि लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के पास बहुमत के पर्याप्त आंकड़े होने के चलते विपक्ष का यह प्रस्ताव गिरना तय है. इसके बावजूद विपक्षी गुट की तरफ से प्रस्ताव दाखिल करने का एक खास मकसद है.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं लोकसभा का गणित और इस प्रस्ताव का मकसद.
1. पहले जान लेते हैं क्या हैं लोकसभा के आंकड़े
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा नेतृत्व वाले NDA को 352 सीट मिली थीं, जिनमें भाजपा के पास फिलहाल 301 सीट हैं. लोकसभा चुनाव के बाद 16 सांसद वाली JDU और 2 सांसद वाली शिरोमणि अकाली दल अलग हो चुकी हैं, जबकि शिवसेना के 19 सांसदों पर अभी ये फैसला नहीं हुआ है कि वे एकनाथ शिंदे गुट में हैं या उद्धव ठाकरे गुट में. हालांकि यदि बात लोकसभा में बहुमत की हो तो यह आंकड़ा महज 272 सांसदों का है, जो भाजपा अकेले दम पर भी पूरा करने में सक्षम है. इसके उलट INDIA गुट के पास 150 से भी कम सांसद हैं, जिनमें सबसे बड़ी संख्या कांग्रेस के 50 सांसदों की है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि विपक्षी गुट के इस अविश्वास प्रस्ताव से मोदी सरकार को सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है.
2. फिर भी क्यों लाया जा रहा है अविश्वास प्रस्ताव?
दरअसल विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के हालात पर लोकसभा को संबोधित करें. इस मांग को लेकर संसद के मानसून सत्र (Monmsoon Session 2023) के दौरान कार्यवाही लगाातार बाधित रखी गई है. इसके बावजूद पीएम मोदी सदन में संबोधित करने नहीं आए हैं. न्यूज एजेंसी PTI ने विपक्षी गुट के सूत्रों के हवाले से बताया है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिये पीएम मोदी को संसद के अंदर बयान देने के लिए मजबूर करने की कोशिश है. संयुक्त मीटिंग में लंबी चर्चा के बाद यह तरीका आजमाने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव आने पर पीएम मोदी को सदन में होने वाली चर्चा में भाग लेना ही होगा.
3. कांग्रेस ने कही है यही बात
कांग्रेस के नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी ANI से बातचीत में अविश्वास प्रस्ताव लाने का यही कारण बताया है. उन्होंने कहा, यह तय हुआ है कि सदन में पीएम मोदी को बोलने के लिए मजबूर करने का इसके अलावा विकल्प नहीं है. सरकार विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है. मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी को कम से कम एक बार संसद में मजबूत बयान देना चाहिए, क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री होने के साथ ही संसद में हमारे नेता भी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने भी यही बात ट्विटर पर कही है. उन्होंने ट्वीट में कहा, मणिपुर में हिंसा को चलते हुए 83 दिन हो गए हैं. प्रधानमंत्री को इस पर संसद में एक व्यापक बयान देने की जरूरत है. वहां हुई भयावहता की कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं.
Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury to ANI: "Today it has been decided that we won't have any other alternative but to resort to a no-confidence motion because government is not accepting to the demand of the opposition parties that on the issue of Manipur at… pic.twitter.com/X24Wtz6hRB
— ANI (@ANI) July 25, 2023
4. विपक्ष ने की है अविश्वास प्रस्ताव के लिए यह तैयारी
विपक्षी गुट INDIA के सभी 26 दलों ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए पूरी तैयारी की है. कांग्रेस समेत सभी दलों ने अपने सांसदों को संसद भवन में बुधवार को मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है. कांग्रेस ने अपने सभी सांसदों को बुधवार सुबह 10.30 बजे संसद भवन स्थित पार्टी कार्यालय में मौजूद रहने का व्हिप दिया है.
83 days of unabated violence in Manipur requires the Prime Minister to make a comprehensive statement in the Parliament. Stories of absolute horror are now slowly trickling down.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 25, 2023
INDIA demands answers from the Modi Govt on Manipur violence.
The situation in Northeast is… pic.twitter.com/N8eZTfB9ZK
5. राज्य सभा में आजमाई जाएगी यही रणनीति
विपक्षी गुट के सभी दलों ने यह भी तय किया है कि मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को संसद में चर्चा के लिए मजबूर करना है. इसके लिए लोक सभा के बाद राज्य सभा में भी यही रणनीति आजमाई जाएगी. विपक्षी दलों को उम्मीद है कि इससे सरकार पर पर्याप्त नैतिक दबाव बनेगा और प्रधानमंत्री को सदन में चर्चा में शामिल होना पड़ेगा.
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INDIA के पास नहीं बहुमत, फिर भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, जानें कारण