Manmohan Singh Death: देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) की रात को दिल्ली एम्स में निधन हो गया है. मनमोहन सिंह को देश के आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है, जिसकी बदौलत देश आज दुनिया की 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था है. पूरा देश एक प्रकांड अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक मना रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनमोहन सिंह के निधन पर शोक की लहर हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी फैल हुई है. आप यह सुनकर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन यही सच है. दरअसल इसका कारण है पूर्व प्रधानमंत्री का पाकिस्तान के साथ एक खास कनेक्शन, जो देश विभाजन के दर्द से जुड़ा हुआ है.

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पाकिस्तान में जन्म, विभाजन के बाद आए भारत
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 92 साल पहले 26 जून, 1932 को तत्कालीन पंजाब के गाह गांव में हुआ था. यह गांव देश विभाजन के बाद पाकिस्तानी पंजाब का हिस्सा बन गया था, जो आज वहां के चकवाल जिले में है. देश विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार भी अमृतसर आकर बस गया था.

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गाह गांव में है मनमोहन सिंह के नाम पर स्कूल
पाकिस्तानी पंजाब के गाह गांव में गवर्नमेंट बॉयज स्कूल है, जिसमें मनमोहन सिंह ने बचपन में अपनी स्कूली पढ़ाई की थी. साल 2004 में जब मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने थे तो पाकिस्तानी पंजाब की तत्कालीन सरकार ने उनके मूल गांव के इस स्कूल का नाम उनके नाम पर ही कर दिया था. अब इसे 'मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल' के तौर पर जाना जाता है. 

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मनमोहन सिंह से मिलने आए थे उनके गांव के क्लासमेट
मनमोहन सिंह ने अपने गांव के स्कूल में पहली से चौथी कक्षा तक पढ़ाई की थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उनका परिवार उन्हें चकवाल कस्बे में ले गया था. गांव के स्कूल में उनके क्लासमेट रहे राजा मोहम्मद अली एक बार भारत उनसे मिलने भी आए थे. इस दौरान मनमोहन सिंह ने राजा मोहम्मद अली को अपने परिवार से भी मिलवाया था. मोहम्मद अली के जरिये गाह गांव के लोगों ने मनमोहन सिंह से एक बार अपने पुरखों के गांव का दौरा करने की गुजारिश भी की थी. हालांकि दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों के चलते मनमोहन की यह इच्छा कभी पूरी नहीं हो सकी.

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आदर्श गांव के तौर पर विकसित है गाह
साल 2004 में मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने पर तत्कालीन पाकिस्तान पंजाब सरकार ने उनके पुरखों के गांव गाह को आदर्श गांव के तौर पर डेवलप करने का भी ऐलान किया था. इसके बाद गांव में डबल रोड बनाए गए और स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई. इसके साथ ही लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल बनाए जाने के साथ ही दो अस्पताल भी बनाए गए थे. सरकार ने गांव में मस्जिद से लेकर मकानों तक को पक्का कराया था. इस डेवलपमेंट वर्क के लिए पूरा गाह गांव अपनी सरकार से भी ज्यादा मनमोहन सिंह को धन्यवाद देता है.

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क्या था मनमोहन सिंह का पाकिस्तान से नाता, क्यों है भारत के प्रधानमंत्री के नाम प
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क्या था मनमोहन सिंह का पाकिस्तान कनेक्शन, क्यों है भारतीय पीएम के नाम पर वहां स्कूल?

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