डीएनए हिंदी: Ranchi News- झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने पर शुरू हुई राजनीतिक हलचल बढ़ती ही जा रही है. हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस गठबंधन ने अपने पास पर्याप्त बहुमत होने का दावा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने कर दिया है. इसके बावजूद राज्यपाल ने गुरुवार देर रात तक भी सरकार बनाने का आमंत्रण नहीं दिया था. उधर, देर रात रांची एयरपोर्ट से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के विधायकों को हैदराबाद ले जा रहे प्लेन भी खराब विजिबिल्टी बताकर उड़ान भरने से रोक दिए गए हैं. इसके चलते झामुमो और कांग्रेस ने बिना नाम लिए भाजपा पर राज्य में 'Operation Lotus' चलाने की कोशिश का आरोप लगाना शुरू कर दिया है. ये आरोप इसलिए भी लगाए जा रहे हैं, क्योंकि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बावजूद भाजपा के भी विधायकों से संपर्क साधकर बहुमत का गणित हल करने की खबरें सामने आ रही हैं.
दो बार राज्यपाल से मिल चुके हैं चंपई सोरेन
झामुमो ने बुधवार शाम को हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते ही वरिष्ठ मंत्री चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया था. एकतरफ JMM सुप्रीमो हेमंत की गिरफ्तारी चल रही थी तो दूसरी तरफ चंपई सोरेन ने उनके इशारे पर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात करते हुए सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया था. चंपई सोरेन के नाम पर कांग्रेस ने भी मुहर लगा दी थी, जिससे उनके पास 47 विधायकों का बहुमत हो गया था. इसके बाद गुरुवार को भी चंपई सोरेन फिर से राज्यपाल से मिलने पहुंचे. वे अपने साथ बस में बैठाकर सभी विधायकों को भी ले गए थे ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी परेड राज्यपाल के सामने कराई जा सके. विधायकों के कतार में लगे होने के वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आए थे. चंपई सोरेन के दो बार बहुमत का दावा ठोकने के बावजूद गुरुवार देर रात तक उन्हें सरकार बनाने की इजाजत नहीं मिली थी.
#WATCH रांची, झारखंड: JMM विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने कहा, "हमने कल नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। हमने राज्यपाल से कहा कि हम इस विषय पर क्लियर है। हमने उनसे इसे जल्दी करने का अनुरोध किया है। उन्होंने भी कहा है कि वो जल्द ही करेंगे।" https://t.co/cvZADGtntv pic.twitter.com/SA7brjs6iy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2024
विधायक प्लेन में बैठे रहे, लेकिन उड़ान की इजाजत नहीं मिली
झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को भाजपा द्वारा अपने विधायकों के बीच सेंध लगाए जाने का डर सता रहा है. इसी कारण सभी विधायकों को कांग्रेस की सत्ता वाले तेलंगाना ले जाने की कवायद शुरू की गई थी. विधायकों की बस गुरुवार शाम को रांची एयरपोर्ट गई, जहां उन्हें हैदराबाद ले जाने के लिए दो चार्टर्ड प्लेन बुलाए गए थे. सभी विधायक चार्टर्ड प्लेन में बैठ भी गए, लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने दोनों जहाजों को उड़ने की इजाजत नहीं दी. ATC ने विजिबिल्टी की कमी बताते हुए जहाजों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी, जिससे देर रात सभी विधायकों को फिर से एयरपोर्ट के बाहर लाकर किसी अज्ञात स्थान पर पहुंचाना पड़ा है.
#WATCH | MLAs of the JMM-led ruling alliance in Jharkhand come out of Ranchi Airport as their flight could not take off due to low visibility. pic.twitter.com/SfR5BuiyHv
— ANI (@ANI) February 1, 2024
महुआ माझी ने लगाया 'खेला' होने का आरोप
झामुमो सांसद महुआ माझी ने तो सीधे तौर पर भाजपा का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह आरोप जरूर लगाया कि कुछ ना कुछ 'खेला' करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा, हेमंत सोरेन के इस्तीफा देते ही हमने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था. हमारे साथ बस में 43 विधायक थे, लेकिन उन्हें मिलने के लिए नहीं बुलाया गया. बिहार में महज 5 घंटे में सरकार बनवा दी गई थी, लेकिन यहां सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के पेश होने के 22 घंटे बाद भी सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है. ना समय बताया जा रहा है और ना ही कोई जानकारी दी जा रही है. यह सब उनकी (राज्यपाल की) मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है.
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: JMM MP Mahua Maji says, "As soon as Hemant Soren submitted his resignation, we presented our claim to form the government... 43 MLAs went along in a bus but they were not called. But in Bihar, the new government was formed within 5 hours... Even after… pic.twitter.com/7R8RRSgw1Q
— ANI (@ANI) February 1, 2024
क्या है फिलहाल झारखंड विधानसभा का गणित
झारखंड विधानसभा में 79 सीट हैं, जिन पर बहुमत के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है. चंपई सोरेन ने अपने साथ 43 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, जबकि उनकी पार्टी ने AJSU के 3 और NCP के एक विधायक का समर्थन भी अपने साथ बताया है. इस तरह उनके पास 47 विधायकों का समर्थन है. इसके उलट भाजपा के विधानसभा में 26 विधायक हैं.
हैदराबाद क्यों ले जाना चाहता है झामुमो गठबंधन विधायकों को?
चंपई सोरेन की अगुआई में सरकार गठन का दावा करने के बाद झामुमो और सहयोगी दलों के गठबंधन ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेजने की कोशिश की है. दरअसल झामुमो गठबंधन को भाजपा द्वारा सरकार बनाने की कोशिश में बैठकें करने की जानकारी मिली है. राज्यपाल के अब तक झामुमो गठबंधन को सरकार बनाने का ग्रीन सिग्नल नहीं देने के पीछे भी यही कारण माना जा रहा है. भाजपा द्वारा विधायकों को तोड़कर अपने पाले में कर लेने के डर से झामुमो गठबंधन ने उन्हें हैदराबाद भेजने की तैयारी की थी. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, जो झारखंड में झामुमो की सहयोगी पार्टी है. ऐसे में वहां विधायकों को किसी भी रिजॉर्ट में सुरक्षा बलों की निगरानी में रखना सुरक्षित व आसान हो सकता है. इसी कारण उन्हें हैदराबाद ले जाया जा रहा था.
तेलंगाना: हैदराबाद में बेगमपेट हवाई अड्डे के बाहर बसें लगाई गईं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2024
झारखंड में JMM के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक रांची हवाई अड्डे से रवाना हो गए हैं और उनके जल्द ही हैदराबाद पहुंचने की संभावना है। pic.twitter.com/bE2AKi7rcH
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दो बार दावे पर भी सरकार बनाने का आमंत्रण नहीं, क्या झारखंड में शुरू हुआ भाजपा का ऑपरेशन लोट्स?