भारतीय संसद सुर्ख़ियों में है. कारण है नोटों की गड्डी। जी हां सही सुना आपने. जिस देश में नोटों की खुशबू के आगे सांसद बेबस, लाचार और खेमा बदल लेने पर मजबूर हो जाते हों.  उस देश की संसद में एक सीट के नीचे से नोट क्या निकले हंगामा खड़ा हो गया है. क्या सत्तापक्ष, क्या विपक्ष सब की अपनी थ्योरी है, सब के अपने राग हैं. कहा यही जा रहा है कि जांच होगी. जांच में क्या निकलता है? ये तो वक़्त बताएगा. लेकिन संसद और नोटों का रिश्ता कोई आज का नहीं है. जिस तरह नोटों को लेकर आज संसद में हंगामा हुआ, पहले भी जनता ऐसे नज़रों की साक्षी बन चुकी है.

ध्यान रहे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सीट नंबर 222 पर  500 रुपये के नोटों की गड्डी मिली है. इस सीट को लेकर दिलचस्प ये कि सीट कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को अलॉट हुई है.

सभापति धनखड़ के अनुसार सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सीट नंबर 222 के पास से कैश मिला है जिसकी नियमों के मुताबिक जांच हो रही है.चूंकि मामला कैश और राज्यसभा से जुड़ा था इसे लेकर हंगामा भी खूब हुआ.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सिंघवी का नाम लिए जाने पर आपत्ति जताई. खड़गे के मुताबिक, जब तक मामले की जांच चल रही है और सबकुछ साफ नहीं हो जाता, तब तक सभापति को सिंघवी का नाम नहीं लेना चाहिए था.

खड़गे के आरोपों पर सफाई देते हुए सभापति धनखड़ ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ये बताया है कि कैश किस सीट पर मिला है और ये किसे अलॉट की गई है.इस बवाल पर अपना पक्ष रखते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने नोटों की गड्डी मिलने की बात को खारिज कर दिया.

सिंघवी के मुताबिक, 'इसके बारे में मैंने पहली बार सुना.मैं जब राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं. सिंघवी ने ये बही बताया कि, मैं दोपहर 12.57 बजे सदन में गया था. 1 बजे वहां से निकल गया. 1 बजे से 1.30 बजे तक कैंटीन में अयोध्या प्रसाद के साथ था. वहां लंच किया. इसलिए कल मैं सदन में सिर्फ 3 मिनट के लिए था.' 

अपनी सफाई में सिंघवी ने इस बात पर भी बल दिया कि, कोई भी कैसे किसी की सीट पर आ सकता है और वहां कुछ भी रख सकता है फिर इस तरह के आरोप लगा सकता है. सिंघवी ने खुद इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.

खैर, अब जबकि ये मामला सामने आ ही गया है. तो सवाल हो सकता है कि क्या संसद में नोट ले जाने को लेकर कोई नियम है? जवाब है नहीं. ध्यान रहे संसद में नोट लाने या नहीं लाने पर कोई नियम नहीं है. जितना मन चाहे सांसद उतने नोट संसद के अंदर ले जा सकता है. लेकिन चूंकि यहां मामला एक सांसद की सीट के पास नोटों की गड्डी का बरामद होना है तो इसकी जांच संभव है.  

बताया जा रहा है कि अब सब कुछ राज्यसभा के सभापति और देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निर्भर है. अब धनखड़ अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए इस बात का फैसला करेंगे कि ये जांच दिल्ली पुलिस के हिस्से आती है या फिर कोई अन्य एजेंसी इस जांच में शामिल होगी.

गौरतलब है कि संसद में घटी इस घटना के बाद तमाम तरह की बातें हो रही हैं. मामला सोशल मीडिया पर भी सुर्ख़ियों में है और वहां पर भी बार-बार इसी बात को दोहराया जा रहा है कि सीट के नीचे नोटों की गड्डी रख अभिषेक मनु सिंघवी को फंसाने की कोशिश हो रही है.

वहीं कहा ये भी जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम का उद्देश्य मुख्य मुद्दों से संसद और जनता दोनों का ध्यान भटकाना है. बहरहाल मामले की हकीकत क्या है? ये तो जांच में ही पता चलेगा. लेकिन जो हो रहा है और जिस टगरह इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी सत्तापक्ष पर हमलावर हुई, उससे इतना तो साफ़ हो गया है कि अभी आने वाले कुछ दिनो तक पब्लिक और सोशल मीडिया दोनों को, एंटरटेनमेंट का खूब मसला मिलने वाला है. 

अंत में हम जाते जाते इतना जरूर कहेंगे कि इस पूरे मामले को कांग्रेस पार्टी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इस मामले को 'नार्मल' रूप में देखना चाहिए. जिस तरह कांग्रेस इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश कर रही है, उससे उसे जनसमर्थन तो काम मिल रहा बल्कि किरकिरी ज्यादा हो रही है.

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In Parliament bundle of currency notes found near Abhishek Manu Singhvi Seat know what are the rules
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संसद में मिली नोटों की गड्डी, आइये जानें इसे लेकर क्या कहते हैं नियम
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राज्यसभा में जैसे सिंघवी की सीट के पास नोट मिले उसने पूरी संसद को शर्मसार कर दिया है
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संसद में सिंघवी की सीट के नीचे मिली नोटों की गड्डी, शुरू हुई डिबेट, आइये जानें क्या कहते हैं नियम

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