डीएनए हिंदी: मंगलवार सुबह भारतीय फुटबॉल फैंस को बड़ा झटका लगा, जब पता चला कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को फीफा ने तीसरे पक्ष के अनुचित हस्तक्षेप की वजह से सस्पेंड कर दिया है. इस सस्पेंशन के बाद अब भारत 11 अक्टूबर से शुरू होने वाले वूमेंस अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी नहीं कर सकेगा. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में AIFF को भंग कर दिया था और खेल को संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की थी.
कैसे हटेगा AIFF से सस्पेंशन
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि फीफा के सदस्य संघों को कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना होता है. मतलब किसी भी सदस्य संघ पर किसी तरह की राजनीतिक या कानूनी हस्तक्षेप नहीं होनी चाहिए. फीफा परिषद के ब्यूरो ने निर्णय लिया है कि सस्पेंशन से मुक्त होने के लिए AIFF को FIFA के शर्तों को मानना होगा, जिसमें COA के आदेशों को करना होगा निरस्त. मतलब FIFA नहीं चाहता कि थर्ड पार्टी किसी भी फुटबॉल संघ को चलाए या उसे निर्देश दे.
भारत के लिए बुरी खबर, FIFA ने किया AIFF को सस्पेंड, बताई ये वजह
FIFA ने प्रेस रिलीज में कहा, FIFA काउंसिल ने ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला लिया है. क्योंकि इसमें थर्ड पार्टी का प्रभाव है, जो फीफा के नियमों का उल्लंघन है. ये सस्पेंशन तभी वापस लिया जाएगा, जब एडमिनिस्ट्रेटर्स सही हाथ में होगा और बोर्ड के संविधान सही तरह से लागू होंगे. बुधवार को AIFF के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है. साथ ही बुधवार को ही इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
क्या है मामला और कौन है सबसे बड़ा गुनाहगार?
भारतीय फुटबॉल में जो पिछले दो सालों से विवाद चल रहा है, उसकी सबसे बड़ी वजह प्रफुल्ल पटेल हैं. साल 2009 में प्रफु्ल्ल पटेल पहली बार इंडियन फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष बने. वो लगातार इस पद पर बने रहे और 2020 में उनका कार्यकाल खत्म हो गया. कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद चुनाव के जरिए नए अध्यक्ष का चुनाव होता है लेकिन पटेल को कुर्सी से इतना लगाव हो गया कि उन्होंने पद से इस्तिफा दिया ही नहीं. जिसके बाद कोर्ट में इसकी शिकायत की गई. कोर्ट ने मई 2022 में प्रफुल्ल पटेल को पद से हटा दिया.
पूर्व भारतीय कप्तान ने क्या कहा
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा, "ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि FIFA ने भारतीय फुटबॉल को बैन कर दिया है. और मुझे लगता है कि ये बहुत ही कठिन फैसला है. लेकिन साथ ही हमारे पास एक शानदार मौका है कि हम अपने सिस्टम को ठीक कर लें. स्टेकहॉल्डर्स, खेल मंत्रालय और एसोसिएशन एक साथ आएं और सिस्टम को ठीक कर लें. और सभी मिलकर भारतीय फुटबॉल के बेहतरी के लिए काम करें.
कप्तान सुनील छेत्री ने कही थी ये बात
इससे पहले रविवार को ही भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने खिलाड़ियों से बात करते हुए कहा था कि वो FIFA की धमकियों पर ध्यान न दें और मैदान पर अपना ध्यान लगाएं. उन्होंने कहा था कि ये आपके नियत्रंण से बाहर की बात है. जो भी अधिकारी इसमें शामिल हैं, वह इस पूरे मामले को अच्छे से सुलझाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं.
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FIFA ban India: क्यों सस्पेंड हुआ AIFF, कैसे शुरू हुआ विवाद और कौन है इसका सबसे बड़ा गुनहगार?