डीएनए हिंदी : इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक़ शव्वाल महीने के पहले दिन ईद अल फ़ित्र (Eid 2022) मनाया जाता है. यह हिजरी कैलेंडर का दसवां महीना होता है. चांद आधारित कैलेंडर में यह दिन हर साल दस-ग्यारह दिन बढ़ जाता है. यह रमज़ान के महीने के ख़त्म होने के बाद मनाया जाता है. 

ईद में चांद दिखने का महत्व क्यों है? 

इस्लाम में चांद के दिखने पर कैलेंडर तय होता है. क़िस्सों के अनुसार मुहम्मद साहब जब मक्का से मदीना लौटे थे तो हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हुई थी. उन्होंने चांद के नज़र आने और गायब होने पर महीनों और दिन का हिसाब तय किया था. यह आधिकारिक तौर पर ख़लीफ़ा उमर इब्न अल खताब के समय में शुरू हुआ था. मुहम्मद साहब 622 ईस्वी में मक्का से मदीना गए थे और तब ही इस कैलेंडर की शुरुआत हुई थी. मक्का से अलगाव या हिज्र की वजह से इसका नाम हिजरी कैलेंडर(Gregorian Calendar)  रखा गया था. 

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रमज़ान के पाक महीने के अंत में मनाई जाती है ईद 

हिजरी कैलेंडर का नवां महीना रमज़ान होता है. इस महीने में तीस दिन रोज़ा रखकर ऊपर वाले से बरक़त के लिए दुआ मांगी जाती है. इस महीने को धूम-धाम से विदा किया जाता है. रमज़ान के ख़त्म होते ही शव्वाल का महीना शुरू होता है, चूंकि इस्लामी या हिजरी कैलेंडर चांद की गतियों पर आधारित है, शव्वाल महीने की शुरुआत भी चांद के दिखने से होती है. इस चांद का दिखने का अर्थ रमज़ान के महीने का ख़त्म होना भी होता है. यही वजह है कि ईद(Eid 2022) में चांद देखने को इतना महत्व दिया होता है. 

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Eid 2022 why Eid is being celebrated after Shawwal moon is seen
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Eid 2022: चांद निकलने पर ही क्यों मनती है ईद 
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Hindi
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चांद निकलने पर ही क्यों मनती है ईद 
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