डोनाल्ड ट्रंप. एक ऐसा नाम, जो इस समय पूरी दुनिया की जुबान पर इसलिए भी है, क्योंकि वो एक ऐसे देश में दूसरी बार राष्ट्रपति बन रहा है. जिसने तमाम मोर्चों पर अपने को सुपर पावर और दुनिया का बॉस होने की संज्ञा दी है. जिस डगर से एक देश के रूप में अमेरिका गुजर रहा, वो मौजूदा राजनीतिक सामाजिक परिदृश्य में बेहद जटिल है. इसलिए शायद प्रकृति ने भी ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की स्क्रिप्ट पढ़ ली है.
ध्यान रहे कि अमेरिका में ट्रंप का उद्घाटन समारोह एक ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब पूरे मुल्क में ठंडी बर्फीली हवाएं चल रही हैं. क्योंकि ट्रंप का दूसरी बार सत्ता सुख भोगना असाधारण है. इसलिए ट्रंप और उनकी राजनीति को देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि इस बार भी उनसे जुड़ी हर एक चीज बेहद असाधारण प्रतीत हो रही है.
जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को इंगित कर चुके हैं कि ट्रंप के इस दूसरे कार्यकाल पर पूरी दुनिया की नजर है. इसलिए चाहे व्यक्ति अमेरिकी हो या न हो, कैपिटल, समारोह और "अमेरिका फर्स्ट" राष्ट्रपति के दूसरे आगमन के बाद क्या होगा? भारत समेत दुनिया के तमाम देश इस सवाल का जवाब जानने को आतुर हैं.
ध्यान रहे कि जिस तरह से देश बड़े पैमाने पर दुनिया के साथ बातचीत करता है. माना यही जा रहा है कि पहले से ही, ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका की तरफ से व्यापक बदलाव की शपथ ले ली है.
अमेरिका की राजनीति को समझने वाले तमाम पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ऐसे हैं, जो मुल्क में घर की कीमतों से लेकर वैश्विक शांति तक डोनाल्ड ट्रम्प 2.0 को बड़ी ही आशा के साथ देख रहे हैं.
अमेरिका में दूसरी बार रिपब्लिकंस का इक़बाल बुलंद करने वाले ट्रंप भी अब 'नौसिखिया नहीं हैं. न ही अब उन्हें इस बात का कोई विशेष फर्क पड़ता है कि वाशिंगटन उनके प्रति क्या सोच रखता है. ट्रंप एक निश्चित गति से चल रहे हैं. और कैसे चीजें उनकी सोच के अनुरूप हो रही हैं? यदि इस बात को समझना हो तो हम उनके उद्घाटन दिवस प्रोग्राम का अवलोकन कर सकते हैं.
यहां सब कुछ ट्रंप की सोच के अनुरूप ही सेट है. एक पूरा रंगमंच तैयार है. जिसमें कलाकारों के चयन से लेकर कोरियोग्राफी तक जो कुछ भी होगा वो ट्रंप की मर्जी से घटित होगा.
ट्रंप के राजनीतिक विवेक ने कैसे विस्तार पाया है? अगर प्रश्न कुछ ऐसा हो तो हम उन तमाम लोगों के चयन का अवलोकन कर सकते हैं जिन्होंने ट्रंप 2.0 में जगह पाई है. अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप एक ऐसी वफ़ादारी की मांग करते हैं और उसे नियंत्रित करते हैं जो रिपब्लिकन राजनीति में व्याप्त है.
माना जा रहा है कि अमेरिका में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप अपने इरादों के साथ साथ चयन पर पूरा भरोसा करेंगे.
गौरतलब है कि ट्रंप के विरोधी अराजकता और अस्थिरता का शोर मचाते हैं. विरोधियों का कहना है कि ट्रंप एक दोषी अपराधी भी हैं इसलिए उनका अनिश्चित स्वभाव और स्वार्थ अमेरिका को गर्त के अंधेरों में डाल सकता है.
ट्रंप को लेकर एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि विरोधी आम अमेरिकी आवाम द्वारा ट्रंप के लिए वोट को शर्मनाक कृत्य के रूप में पेश करना चाहते थे, लेकिन ट्रंप ने चुनाव ख़त्म होते होते ऐसा बहुत कुछ कर दिया जिसने विरोधियों को चुप्पी साधने के लिए मजबूर कर दिया.
आज जैसे हालात हैं. कहा जा रहा है कि ट्रंप-युग ने अमेरिका की राजनीति के तरीके को बदल दिया है. चाहे वो प्रेजिडेंट ऑफिस हो या फिर अमरीका के बाहर का हिस्सा. ट्रंप ने कई परंपरागत राजनीतिक मानदंडों को खत्म कर दिया है जिससे अमेरिकी मतदाताओं की धारणाओं में भी परिवर्तन देखने को मिला है.
कुल मिलाकर वो डोनाल्ड ट्रंप जो अब से ठीक चार साल पहले सिलिकॉन वैली में विषैले माने जाते थे,आज उन्हें वहां भी हाथों हाथ लिया जा रहा है. जिस तरह मार्क जुकेरबर्ग से लेकर एलन मस्क और जेफ बेजोस तक अमरीका के तमाम तक दिग्गज आज ट्रंप के खेमे में हैं और उनका और उनकी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं इतना तो साफ़ है कि पावर भविष्य को नए आयाम देगी.
बहरहाल अब जबकि शपथ ग्रहण दिवस से ट्रंप द्वारा अमेरिका के लिए एक नए 'स्वर्ण युग' की शुरुआत हो रही है. उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. ट्रंप का शासन कैसा रहेगा? इसका फैसला तो समय करेगा. लेकिन जैसा मिजाज ट्रंप का है इतना तो साफ़ है कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका में ऐसा बहुत कुछ होगा जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरत में आ जाएगी.
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होने जा रही है Donald Trump 2.0 की शुरुआत, कुछ बातें जिनपर चर्चा होनी ही चाहिए!