अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलिट्री सेल्स को बढ़ाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. खबर है कि अपने डिफेंस सेक्टर को और मजबूत और प्रभावशाली करने के उद्देश्य के चलते भारत अमेरिका से अरबों डॉलर के हथियार खरीदेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बैठक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मीडिया से मुखातिब हुए. पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि, 'हम भारत को कई अरब डॉलर की सैन्य बिक्री बढ़ाएंगे. हम भारत को अंततः एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का रास्ता भी तैयार कर रहे हैं.'
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत अमेरिका से और हथियार खरीदना चाहता है, जिसमें उन्नत पी-8आई लंबी दूरी की समुद्री गश्ती और पनडुब्बी-शिकार विमान शामिल हैं.
Historic 🚨
— Indian Crusher (@indiancrusher) February 13, 2025
Starting this year, we will be increasing military sales to India by many billions of dollars. We are also paving the way to ultimately provide India with the F35, Stealth fighters.
- Trump tells Modi at the White House 🇮🇳 🇺🇸 #ModiInUS pic.twitter.com/qgIb6Jbi1M
भारत ने अमेरिका के साथ 20 बिलियन डॉलर से अधिक के हथियार खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें 31 एमक्यू-9बी सीगार्डियन और स्काईगार्डियन ड्रोन शामिल हैं.
दिलचस्प ये कि रूस ने भी भारत को अपनी पांचवीं पीढ़ी के एसयू-57 स्टील्थ लड़ाकू विमान बेचने में रुचि दिखाई है.
क्या है और किन खासियतों से लैस है F-35?
बताते चलें किF-35 पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जो हवाई युद्ध में अमेरिका को बढ़त देता है. जटिल खतरे के परिदृश्यों में सटीकता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए उन्नत एवियोनिक्स, स्टील्थ तकनीक और नेटवर्क सिस्टम से लैस, F-35 की बहुत मांग है, खासकर अमेरिका के सहयोगियों के बीच.
एलन मस्क कर चुके हैं कबाड़ से तुलना
हाल ही में एलन मस्क ने जेट के भविष्य पर संदेह जताते हुए कहा कि लड़ाकू विमान अप्रचलित हो चुके हैं. मस्क, जो सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने वाले हैं, ने विमान का निर्माण जारी रखने के लिए अधिकारियों को 'मूर्ख' कहा है.
The F-35 design was broken at the requirements level, because it was required to be too many things to too many people.
— Elon Musk (@elonmusk) November 25, 2024
This made it an expensive & complex jack of all trades, master of none. Success was never in the set of possible outcomes.
And manned fighter jets are… https://t.co/t6EYLWNegI
रोचक ये कि मस्क ने एक बार इस फाइटर प्लेन को महंगा कबाड़ तक कह दिया था.
कई बार क्रैश हो चुका है F-35
बताया जाता है कि दुनिया के सबसे खतरनाक स्टेल्थ फाइटर जेट में शामिल F-35 कई बार क्रैश हो चुका है. कहा तो यहां तक जाता है कि एक विमान के क्रैश होने पर अमेरिका को करीब 832 करोड़ रुपए का नुकसान होता है.
Meanwhile, some idiots are still building manned fighter jets like the F-35 🗑️ 🫠
— Elon Musk (@elonmusk) November 24, 2024
pic.twitter.com/4JX27qcxz1
बता दें कि गुजरे वर्ष न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करते ही अमेरिकी एयरफोर्स का F-35 लाइटनिंग-2 स्टेल्थ फाइटर जेट क्रैश हो गया. इससे पहले साउथ कैरोलिना में ऐसा ही एक फाइटर जेट लापता हो गया था.
गौरतलब है कि अभी हाल ही में, अमेरिकी वायु सेना के निवर्तमान सचिव फ्रैंक केंडल ने कहा था कि फोर्स F-35 जेट की अपनी नियोजित खरीद को कम कर सकता है. 'F-35 के लिए हमारा इन्वेंट्री उद्देश्य [1,763] है.
उन्होंने ये भी कहा कि मुझे नहीं पता कि हम क्या खरीदेंगे, और कोई भी अभी इसका अनुमान नहीं लगा सकता है'. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि F-35 जल्द ही खत्म होने वाला नहीं है.
हालांकि, उन्होंने लॉकहीड मार्टिन की आलोचना की कि उन्होंने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया.
केंडल ने प्रौद्योगिकी विकास की समस्याओं के कारण कंपनी की डिलीवरी में देरी का जिक्र करते हुए कहा कि, पेंटागन को लॉकहीड से बेहतर प्रदर्शन की आवश्यकता है. वे जो वादा कर रहे थे, वह पूरा नहीं कर रहे हैं, और वे उतनी तेजी से काम नहीं कर रहे हैं, जितना वे कर सकते थे.'
बिक्री में होगी देरी
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान उत्साहवर्धक है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह कब होगा. स्टेल्थी F-35 जेट जैसी अत्याधुनिक तकनीक के लिए, इसे पूरा होने में आमतौर पर सालों लग जाते हैं.
हालांकि F-35 जेट बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने ट्रंप के बयान पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन F-35 जैसे उन्नत जेट की बिक्री को सरकार-से-सरकार सौदा माना जाता है. इन सौदों में, पेंटागन रक्षा ठेकेदार और विदेशी सरकार के बीच मध्यस्थ होता है.
बहरहाल जिक्र F-35 के मद्देनजर मस्क के बयान का हुआ है. तो जिसप्रकार मस्क ने F-35 की आलोचना की और उसे महंगा कबाड़ कहा है, इतना तो साफ़ है कि अगर मस्क इस विमान की कमियां गिना रहे हैं तो भारत को विमान खरीदने से पहले इसपर एक बार पुनर्विचार जरूर करना चाहिए. कहीं ऐसा न हो मुश्किल वक़्त में ये विमान 'खेला' कर जाए और भारत को दुनिया के सामने जगहंसाई का सामना करना पड़े.
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कबाड़ कह फिर F-35 को चर्चा में लाए एलन मस्क, कहीं ट्रंप-मोदी रिलेशन में आ न जाए दरार?