डीएनए हिंदी: SBI Latest News- देश की आजादी के 100वें साल में क्या गरीबी खत्म हो जाएगी? देश कितना विकसित होगा? प्रति व्यक्ति आय क्या होगी? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो सरकार की तरफ से 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना दिखाने पर मन में उठते हैं. इन सवालों का जवाब कुछ हद तक देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक State bank of india की एक ताजा रिपोर्ट में देने की कोशिश की गई है. इस रिपोर्ट में आयकर (income tax) डाटा एनालिसिस के आधार पर आने वाले सालों में देश की आर्थिक तस्वीर का एक अनुमान लगाया गया है. SBI का अनुमान है कि देश की तरक्की 'great indian middle income class' से प्रेरित होगी, जिसमें 2047 तक 25 प्रतिशत करदाता यानी टैक्स देने वाले लोग न्यूनतम आय वर्ग से पहले मध्यम और फिर उच्च आय वर्ग में शिफ्ट होंगे. हम आपको आज SBI की इस रिपोर्ट के बारे में तो बताएंगे. साथ ही हम आपको आज ही महंगाई की मार से राहत पाने का एक तरीका भी सुझाएंगे. यह तरीका है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डाटा में अपनी फैमिली के Unclaimed Deposits चेक करने का, जिन्हें आप क्लेम कर सकते हैं.
SBI रिपोर्ट में ये हैं मेन पॉइंट्स
- टैक्स देने वालों की औसत आय साल 2014 में 4.40 लाख रुपये सालाना थी.
- यह सालाना औसत आय साल 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई है.
- साल 2047 तक औसत आय बढ़कर 49.9 लाख रुपये हो जाने का अनुमान है.
- देश की औसत आय साल 2023 में 2 लाख है, जो 2047 तक 14 लाख 90 हजार रुपये हो जाएगी.
- ये सब Lower income group से high income group की economy में आने के कारण होगा.
2012 से 2023 के वित्तीय डाटा पर आधारित है आकलन
SBI का आकलन वित्त वर्ष 2012 से वित्त वर्ष 2023 तक के डाटा पर आधारित है, जिसमें साफ है कि देश की जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ देश का टैक्स सिस्टम भी बेहतर हुआ है, टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी है. अच्छी बात ये है कि इस वर्ष भी टैक्स देने वालों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है और सरल शब्दों में कहें तो देश की तरक्की में लोगों की भागीदारी बढ़ी है. आज पीएम मोदी ने भी इन आंकड़ों को शेयर किया है.
ऐसा है देश का टैक्स डाटा
- साल 2013 में टैक्स देने वालों की संख्या 2.1 करोड़ थी.
- 2024 में टैक्स देने वालों की संख्या 8.5 करोड़ होने की उम्मीद है.
- 2047 तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 48.2 करोड़ होने की संभावना है.
- 2047 तक जीरो टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या 25 फीसदी घट जाएगी.
- इनमें से ज्यादातर लोग अगले Income group में शिफ्ट होने से टैक्स के दायरे में आ जाएंगे.
- 2012 में कुल टैक्स देने वालों की संख्या में से 84 फीसदी ने zero tax liability दिखाई थी.
- साल 2023 में जीरो टैक्स लॉयबिल्टी वाले लोगों की संख्या घटकर 64 फीसदी रह गई है.
हर आदमी की बढ़ रही आय, ऐसे समझें ये आंकड़ा
- जो income tax return file हुए है, उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि हर वर्ग के लोगों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है. इसको हम आपको निम्न आंकड़ों से समझाते हैं-
- वित्त वर्ष 2013-14 में करीब 37 लाख लोगों ने 5 से 10 लाख रुपये की आय घोषित की थी.
- ऐसे लोगों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा हो गई है.
- 10 से 20 लाख की आय वर्ग में वित्त वर्ष 2013-14 के 12 लाख लोग 2023 में बढ़कर 45 लाख हो गए हैं.
- वित्त वर्ष 2013-14 में 20 से 50 लाख रुपये आय वर्ग में 4.10 लाख लोग थे, जो 2023 में 19.20 लाख हो गए हैं.
- सालाना एक करोड़ से ज्यादा कमाने वालों की संख्या 2013-14 में 46,384 थी, जो 2023 में 1,69,890 हो गई है.
क्या महंगाई के बराबर तेजी से ही बढ़ी है आय?
SBI की रिपोर्ट के आंकड़े हमने आपको दिखाए, लेकिन आपके मन में ये सवाल भी आ रहा होगा कि आय उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ी, जितनी तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है. महंगाई का असर हम सब पर पड़ रहा है, किचन का बजट बिगड़ने का डर हमेशा लगा रहता है, इसका ताज़ा उदाहरण टमाटर है, जिसका रेट आसमान पर है. पीएम मोदी ने 15 अगस्त पर लालकिले की प्राचीर से महंगाई पर चिंता जताई थी यानी सरकार को भी पता है कि लोअर और मिडिल क्लास के सामने सबसे बड़ी समस्या महंगाई की ही है. इसी महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने मेगा प्लान तैयार किया है.
- सरकार ने महंगाई को लेकर कई विभागों और मंत्रालयों से रिपोर्ट मांगी है.
- खाद्य और सार्वजनिक वितरण, उपभोक्ता मामले, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, वाणिज्य, कृषि और वित्त मंत्रालय से ये रिपोर्ट मांगी गई है
- सरकार इन सभी के साथ एक संयुक्त बजट बनाकर महंगाई कम करने के प्लान पर काम कर रही है.
- सरकार का ध्यान दाल, चावल, तेल, चीनी, मसाले, पेट्रोल, डीज़ल, Lpg समेत कई दूसरी चीजों के दाम कम करने पर है.
- सरकार गेहूं इम्पोर्ट और ड्यूटी पर छूट का फैसला भी कर सकती है. जिससे देश में सस्ते गेहूं के इंपोर्ट को सुनिश्चित किया जा सके.
जुलाई महीने में खुदरा महंगाई यानि retail inflation दर 7.44 फीसदी के लेवल पर थी. इसे देखकर ही अंदाजा हो जाता है कि आम आदमी महंगाई से किस कदर परेशान है. अगर मोदी सरकार महंगाई कम करने के लिए कदम उठाती है तो ये lower or middle class के लिए बहुत बड़ी good news होगी.
अब जानिए Unclaimed Deposits के जरिये कैसे पाएं राहत
महंगाई पर सरकार से राहत की उम्मीद है, लेकिन अब मैं आपको जो बताने जा रहा हूं, उसके जरिये महज एक click में आपको आज ही Good news मिल सकती है. आप बहुत आसान तरीके से अपने या अपने परिवार के सदस्य के Unclaimed Deposits का पता लगा सकते है.
देश के बैंकों में हजारों करोड़ रुपया Unclaimed Deposit है यानी ऐसे पैसे जो Bank accounts में सालों से पड़े हैं और उनके account holders का कोई पता नहीं है. इन accounts में सालों से कोई Activity नहीं हुई है यानी लंबे समय से ना पैसा निकाला गया है, ना पैसा डाला गया है. बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं है कि उनके परिवार के सदस्य का ऐसा पैसा कहां जमा है? अब ऐसे Unclaimed Deposits को सही हाथों में पहुंचाने का काम करने वाला है RBI का (उदगम) UDGAM WEB PORTAL. इस पोर्टल यानी UDGAM का पूरा नाम है Unclaimed Deposits Gateway to Access information. आरबीआई ने इस पोर्टल को लॉन्च कर दिया है, जिसमें अभी 7 बैंक जुड़े हैं. इन 7 बैंक के अलावा कई दूसरे बैंक भी 15 अक्टूबर तक इससे जोड़े जाएंगे.
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