DNA TV Show: पिछले तीन हफ्तों से पश्चिम बंगाल के एक गांव में राजनीतिक दंगल चल रहा है. संदेशखाली इस वक्त देश की राजनीति का epicenter है. यहां की महिलाओं ने TMC के एक नेता शाहजहां शेख (shah jahan sheikh) पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. शाहजहां शेख, ममता के एक बहुत करीबी मंत्री का खास आदमी है. शाहजहां शेख के ठिकानों पर अभी करीब डेढ़ महीना पहले ED ने छापेमारी की कोशिश की थी. लेकिन ED की टीम पर बड़ा हमला हो गया था. संदेशखाली का मुख्य आरोपी शाहजहां शेख, बंगाल के एक ऐसे घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिससे ममता सरकार खुद सवालों के घेरे में आ गई थी. अब मामला महिलाओं के यौन उत्पीड़न का है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, खुद एक महिला हैं, बावजूद इसके मामले के मुख्य आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. वो कहां छिपा हुआ है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है.
शाहजहां शेख का टीएमसी में है ऊंचा कद
संदेशखाली, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले पड़ता है. यहां के लोगों के लिए तृणमूल कांग्रेस के एक जिला स्तरीय नेता का 'वचन ही वहां का शासन है'. वो नेता है शाहजहां शेख. शाहजहां शेख का TMC में कद कितना बड़ा है, ये उसके पद से पता नहीं चलेगा. देखा जाए तो वो मात्र एक जिला स्तरीय नेता है. लेकिन इस पूरे क्षेत्र में उसका नाम लोग अपनी जुबान से नहीं लेते हैं. शाहजहां शेख को वहां केवल 'दादा' कहकर ही बुलाया जाता है. पश्चिम बंगाल में दादा का मतलब बड़ा भाई होता है. लेकिन शाहजहां शेख पर जो आरोप लगे हैं, उसकी गंभीरता देखकर ये लगता है कि वो बंगाल वाला 'दादा' नहीं बल्कि 'इलाके का दादा' यानी गुंडा है.
- शाहजहां शेख पर संदेशखाली के लोगों की जमीन हड़पने और वहां की औरतों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है.
- शाहजहां शेख के अलावा TMC नेता शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं.
- महिलाओं का आरोप है कि शाहजहां शेख के इशारे पर गांव की महिलाओं को जबरन उसके पास ले जाया जाता था.
- जो महिला इनकार करती थी, उनको और उनके परिवारवालों पर जुल्म किए जाते थे.
- शाहजहा शेख और उसके करीबी लोग जबरन लाई गईं महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते थे.
8 फरवरी से आंदोलन कर रही हैं महिलाएं, फिर भी गिरफ्तारी नहीं
यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर 8 फरवरी से ही संदेशखाली की महिलाओं ने, शाहजहां शेख के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. बावजूद इसके शाहजहां शेख अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं है. इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं. इन 18 लोगों में शेख के खास लोग शिबू हाजरा और उत्तम सरदार भी शामिल हैं. पुलिस की इस कार्रवाई से यही लगा था कि वो इस मामले में गंभीरता बरत रही है, लेकिन अब भी मुख्य आरोपी उनकी पकड़ से दूर है. सवाल ये है कि मुख्य आरोपी शाहजहां शेख में ऐसा क्या है कि वो पुलिस की पहुंच से दूर है. तो आपका जानना जरूरी है कि शाहजहां शेख की TMC में बहुत मजबूत पकड़ है-
- शाहजहां शेख पहले मछली फॉर्म में मजदूरी किया करता था.
- वर्ष 2004 में वो एक ईंट भट्टे पर यूनियन लीडर बन गया.
- इसी दौरान वो CPIM में शामिल हो गया.
- धीरे धीरे वो राजनीतिक रूप से मजबूत हुआ तो 2010 में TMC नेताओं के करीब आ गया.
- वर्ष 2011 में TMC की सरकार बनी तो शाहजहां शेख का कद और शक्ति बढ़ गयी.
- TMC के राज में उसने अपनी राजनीतिक पहुंच के दम पर मछली पालन और जमीन की खरीद फरोख्त का कारोबार बढ़ाया.
- आरोप है कि TMC के राज में ही उसने लोगों की जमीन हड़पने और फिर उसे बेचने का काम किया.
आदिवासी समाज से जुड़ा है संदेशखाली का मामला
संदेशखाली का मामला आदिवासी समाज से जुड़ा है, इसलिए NCST यानी नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल ट्राइब्स की एक टीम भी संदेशखाली का दौरा कर चुकी है. NCST ने बंगाल पुलिस और मुख्य सचिव से 3 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम ने भी संदेशखाली का दौरा किया. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट मांगी है.
मामले में जमकर हो रही है राजनीति
इस मामले में राजनीति भी खूब हो रही है. पश्चिम बंगाल के विपक्षी दलों को संदेशखाली नहीं जाने दिया जा रहा है. इसमें बीजेपी भी शामिल हैं. बीजेपी नेताओं को संदेशखाली नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. लेकिन अब खबर ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 और 2 मार्च और फिर 6 मार्च को संदेशखाली जा सकते हैं, और वहां की पीड़ित महिलाओं से बात कर सकते हैं यानी अब संदेशखाली का मामला राष्ट्रीय स्तर का राजनीतिक मामला बन गया है.
स्थानीय लोगों में बढ़ रहा गुस्सा, क्या हैं हालात इस पर पढ़ें ये रिपोर्ट
संदेशखाली में हंगामा बढ़ता जा रहा है. यह हंगामा स्थानीय लोगों के गुस्सा का नतीजा है, जिनकी नज़र में शाहजहां शेख सबसे बड़ा खलनायक है. इसलिए TMC में मजबूत पैठ रखने वाले शाहजहां शेख के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. पेश है वहां के हालात पर संदेशखाली से विक्रम दास और कोलकाता से सोमित सेन गुप्ता की रिपोर्ट.
आज संदेशखाली के नाराज लोग एकत्र होकर TMC नेता अजीत मैती के घर पहुंचे, जमकर तोड़फोड़ की. फिर अजीत मैती की जूतों से पिटाई कर दी. किसी तरह खुद को बचाकर अजीत मैती घर में छिप गए. स्थानीय लोगों में नाराजगी कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा वहां से आ रही तस्वीरों से लगाया जा सकता है. हाथों में डंडे लेकर स्थानीय लोग और महिलाओं सड़क पर उतरी हुई हैं. आज ही संदेशखाली के बरमाजुर में स्थानीय लोगों और महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. इनके निशाने पर शाहजहां शेख के करीबी थे.
नाराज लोगों ने अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जा कर बनाए गए मछली फॉर्मों पर भी धावा बोला. गुरुवार को भी स्थानीय लोगों ने शाहजहां शेख के भाई सिराजुद्दीन के मछली फार्म में आग लगा दी थी. इस गुस्से की वजह शाहजहां शेख की अबतक गिरफ्तारी ना होना है. लोगों का आरोप है कि ममता सरकार में पैठ होने की वजह से शाहजहां शेख को बचाया जा रहा है.
संदेशखाली के मुद्दे पर राजनीति भी खूब हो रही है. आज बीजेपी महिला मोर्चा को संदेशखाली जाना था, जिसमें बीजेपी की सांसद लॉकेट चटर्जी भी शामिल थी. लेकिन भोजेरहाट में ही पुलिस ने रोक दिया, कहा गया कि धारा 144 लगी हुई है. लॉकेट चटर्जी बोलीं- TMC वाले जाते हैं, हमारे लिए धारा 144 लगी है. इससे पहले 14 फरवरी को पुलिस और बीजेपी नेताओं में झड़प भी हुई थी, जिसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और बालूरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार घायल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने फिर 22 फरवरी को संदेशखाली जाने की कोशिश की. बीजेपी नेता पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते हैं, लेकिन ममता सरकार बीजेपी नेताओं को संदेशखाली जाने से ही रोक रही है. ऐसे में बीजेपी की तरफ से संदेशखाली की पीड़िताओं का एक वीडियो जारी किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी 6 मार्च को पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे, कहा जा रहा है कि तब पीएम मोदी संदेशखाली की पीड़िताओं से मिल सकते हैं.
क्यों बरती जा रही है गिरफ्तारी में ढिलाई?
एक बात और सोचने वाली हैं. महिलाओं के यौन उत्पीड़न जैसे आरोप के बावजूद TMC का छुटभैय्या नेता अभी तक फरार है. इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं. या तो शाहजहां शेख को किसी बड़े नेता का संरक्षण मिला हुआ है या फिर वो किसी ऐसे मामले से जुड़ा हुआ है, जिसमें उसका ना पकड़ा जाना जरूरी है. सवाल यही है कि केवल शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर इतनी ढिलाई क्यों बरती जा रही है.
क्या राशन घोटाले से तार जुड़ना है कारण?
- दरअसल शाहजहां शेख, एक ऐसे घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसकी वजह से 16 जनवरी को ममता के एक करीबी मंत्री से उसका मंत्री पद छीन लिया गया था.
- पश्चिम बंगाल में कोविड महामारी के दौरान सरकारी राशन को गरीबों में बांटने के बजाए, इसको खुले बाजार में बेचे जाने का घोटाला हुआ था.
- इस राशन वितरण घोटाले की जांच ED ने शुरू की. जांच में ED टीम ने एक बिजनेसमैन बकीबुर रहमान के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
- करीब 2 दिन चली छापेमारी में ईडी टीम को बकीबुर रहमान के ठिकानों पर सरकारी दफ्तरों की मोहर वाले 100 दस्तावेज भी मिले थे.
- रहमान पर आरोप है कि उसने राशन डिस्टीब्यूटर्स को मिलने वाले राशन को खुले बाजार में बेचना शुरू कर दिया था.
- रहमान के संबंध उस वक्त के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक से थे. ज्योतिप्रिय को ममता बनर्जी का बहुत करीबी माना जाता है.
- ज्योतिप्रिय मल्लिक ने रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश भी किया हुआ था.
ज्योतिप्रिय हो चुका गिरफ्तार, कई और गिरफ्तारी संभव
राशन वितरण घोटाले में ममता के करीबी मंत्री का कनेक्शन मिलने के बाद, ED की जांच का दायरा और बढ़ गया. ED ने जांच और पूछताछ के बाद करीब 4 महीने पहले ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार कर लिया था. ED को शक है कि राशन वितरण घोटाले के तार, कई जगह फैले हुए हैं. इसमें कई नेता, मंत्रियों और बिजनसमैन के नाम सामने आ सकते हैं.
शाहजहां शेख है इस घोटाले की कड़ी
- ED का मानना है कि शाहजहां शेख इस घोटाले के नए दायरे की कड़ी साबित हो सकता है.
- शाहजहां शेख उत्तर 24 परगना जिले का राशन डिस्ट्रीब्यूटर है. जांच में उसका लिंक घोटाले से मिला है.
- खबर है कि अब तक शेख घोटाले से कमाए करीब 2 हजार करोड़ रुपये बांग्लादेश के रास्ते दुबई भेज चुका है.
- ED को शक है कि बंगाल के 'राशन वितरण घोटाले' में 9 से 10 हजार करोड़ रुपये बांग्लादेश के रास्ते दुबई पहुंचाए गए हैं.
- शाहजहां शेख भी ज्योतिप्रिय मल्लिक का करीबी है, जो ममता के खास मंत्री थे. शेख संदेशखाली में TMC का कन्वेनर भी है.
- ज्योतिप्रिय ही शेख को TMC में लाए थे. उनकी लीडरशिप में ही शेख नॉर्थ 24 परगना व साउथ 24 परगना में काम करता है.
ईडी टीम पर हमले के बाद से फरार है शेख
5 जनवरी को जब ED की टीम शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए गई थी. तब ईडी की टीम पर हमला हो गया था. शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा हुए इस हमले में कई लोगों को चोटें आई थीं. शाहजहां शेख मौके का फायदा उठाकर भाग गया था. तभी से वो फरार चल रहा है. उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है. शाहजहां शेख के फरार होने के बाद संदेशखाली की वो महिलाएं, जो अभी तक उसके डर से कुछ नहीं बोलती थीं. उन्होंने 8 फरवरी से उसके खिलाफ हल्ला बोल दिया. महिलाओं ने शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर, कार्रवाई की मांग की. अब हर दिन पूरे देश की नजर संदेशखाली पर है.
- 10 फरवरी को TMC ने उत्तम सरदार को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया.
- पार्टी सेनिलंबन के कुछ देर बाद ही उत्तम सरदार को गिरफ्तार कर लिया गया.
- संदेशखाली के आसपास धारा 144 लगा दी गई ताकि वहां हो रहा प्रदर्शन बंद हो जाए.
- 12 फरवरी को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने संदेशखाली के पीड़ितों से बात की.
- 13 फरवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांग ली.
संदेशखाली के मुद्दे को लेकर राजनीति गर्म होने लगी. 14 फरवरी को बीजेपी नेताओं और पुलिस में संदेशखाली जाने को लेकर झड़प हुई. जिसमें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार घायल भी हो गए. राजनीति गर्म होती देखकर ममता बनर्जी ने 15 फरवरी को विधानसभा में कहा, कि संदेशखाली RSS का गढ़ है. कुछ वर्ष पहले यहां दंगे भी हुए थे. वो ये कहना चाहती थीं कि आज के हालात की वजह राजनीति है.
टीएमसी का गढ़ रहा है संदेशखाली
ममता कुछ भी कहें लेकिन संदेशखाली विधानसभा क्षेत्र से पिछले दो बार से तृणमूल कांग्रेस का उम्मीदवार ही चुनकर भेजा गया है. TMC नेता सुकुमार महता, यहां से विधायक हैं. यही नहीं, संदेशखाली, बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. यहां की सांसद नुसरत जहां हैं, जो टीएमसी के टिकट पर ही जीती थीं यानी जिसे ममता बनर्जी RSS का गढ़ बता रही हैं, उस क्षेत्र से विधायक भी TMC का है और सांसद भी TMC का है.
संदेशखाली मामले की टाइमलाइन
- 16 फरवरी को BJP की 6 सदस्यीय टीम संदेशखाली जाना चाहती थी, लेकिन वो भी कामयाब नहीं हो पाई.
- 17 फरवरी को बंगाल पुलिस ने TMC नेता शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया.
- 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली के मामले में डाली याचिका खारिज कर दी.
- सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर की तुलना संदेशखाली से करने को लेकर फटकार लगाई
- 20 फरवरी को कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाई.
- हाई कोर्ट ने कहा कि शाहजहां शेख समस्या की जड़ है, क्या उसकी गिरफ्तारी ना होना चौंकाने वाली बात नहीं है.
- 21 फरवरी को बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार संदेशखाली पहुंचे. वहां उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मीटिंग की.
- 22 फरवरी को संदेशखाली में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, शाहजहां शेख के भाई के ठिकानों पर गांववालों ने आगज़नी की.
ईडी की टीम पर हमला करवाकर भले ही शाहजहां शेख बचकर भाग गया हो, लेकिन उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला खुलने के बाद उसका बचना मुश्किल है. राज्य का राशन घोटाला ममता सरकार पर दाग बना हुआ है. डर ये है कि शाहजहां शेख के जरिए ED ममता सरकार के कुछ और बड़े नामों पर शिकंजा कस सकती है. शायद यही वजह है कि शाहजहां शेख फरार चल रहा है.
दूसरी तरफ संदेशखाली की महिलाएं अपनी महिला मुख्यमंत्री से यौन उत्पीड़न की शिकायत कर कार्रवाई की मांग कर रही हैं. यानी शाहजहां शेख पर कार्रवाई करना ममता बनर्जी की मजबूरी बन गया है. अब ED ने शाहजहां शेख के करीबियों पर छापेमारी शुरू की है. उसके खिलाफ एक और समन जारी करते हुए 29 फरवरी को ED के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
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DNA TV Show: संदेशखाली में क्यों हंगामा मचा है, क्या यौन शोषण के आरोपी को बचा रही ममता बनर्जी?