डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर 10वीं बार झंडारोहण किया है. उन्होंने लाल किले से अपने 10वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन (PM Modi Independence Day Speech) में जनता को 90 मिनट तक अपनी उपलब्धियों से लेकर भविष्य की योजनाओं तक के बारे में बताया. इस दौरान कुछ खास शब्द ऐसे रहे, जो उनके तकरीबन हर भाषण का हिस्सा रहते हैं और देश को लेकर पीएम मोदी क्या सोचते हैं, उनका Vision क्या है और भविष्य की योजनाएं क्या हैं? इन सबकी झलक देते हैं. ये वो शब्द है जो कहीं ना कहीं, प्रधानमंत्री की विचारधारा से जुड़े हुए हैं.
आइए आपको 8 पॉइंट्स में इन खास शब्दों के बारे में बताते हैं.
1. भारत, विश्व और परिवारजन
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत शब्द 110 बार बोला, वहीं 63 बार विश्व, 48 बार परिवारजन, 43 बार सामर्थ्य, 23 बार गांव, 20 बार संकल्प और 17 बार आजादी शब्द का जिक्र किया.
2. महिला, भ्रष्टाचार और युवा पर रहता है फोकस
पीएम मोदी के संबोधन में महिला सशक्तिकरण, भ्रष्टाचार और युवा शब्द की भी खास अहमियत रहती है. ये वे तीन हिस्से हैं, जो पीएम मोदी की योजनाओं के फोकस में रहते हैं. इस बार भी उन्होंने 19 बार नारी या महिलाएं, 14 बार भ्रष्टाचार और 13 बार युवा शब्द का इस्तेमाल किया है.
3. अपना चौथा सबसे बड़ा भाषण दिया
2024 चुनावी वर्ष है. इसलिए ये तय था कि इस बार स्वाधीनता दिवस समारोह के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव से जु़ड़े कई मुद्दों पर बोलेंगे. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे भाषण दिया है, जो संबोधन की समय सीमा के हिसाब से उनका चौथा सबसे लंबा भाषण है.
4. कब-कब कितना लंबा भाषण दिया पीएम ने
स्वाधीनता दिवस पर वर्ष 2014 से शुरू करें, तो पीएम मोदी ने पहला भाषण 65 मिनट का दिया था. इसके बाद 2015 में 86 मिनट, 2016 में 94 मिनट, 2017 में 56 मिनट, 2018 में 82 मिनट, 2019 में 92 मिनट, 2020 में 90 मिनट, 2021 में 88 मिनट, 2022 में 83 और अब 2023 में 90 मिनट का भाषण दिया है.
5. GST था 2016 में लंबे भाषण का कारण
पीएम मोदी के तीन सबसे लंबे भाषणों को देखें तो वर्ष 2016 में उन्होंने 96 मिनट का भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की तरफ से लाए गए Goods & Services Tax के बारे में जनता के भ्रम दूर करने की कोशिश की थी.
6. आर्टिकल 370 बना था 2019 में कारण
साल 2019 में पीएम मोदी ने 93 मिनट का भाषण दिया था. ये भाषण NDA के दूसरे कार्यकाल में भाजपा की जीत के बाद दिया गया था. इसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने का महत्व बताया था, जो उसी साल स्वंतत्रता दिवस से 10 दिन पहले हटाया गया था. साथही उन्होंने तीन तलाक खत्म करने की उपलब्धि गिनाकर और इससे मुस्लिम महिलाओं को होने वाले लाभ के बारे में बताया था. इसी भाषण में उन्होंने देश की सेनाओं के लिए पहला 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' बनाए जाने की घोषणा की थी, जो एक ऐतिहासिक घटना थी.
7. कोरोना के कारण 2020 में लंबा रहा भाषण
साल 2020 में कोरोना संक्रमण फैल रहा था, इसलिए उस वर्ष प्रधानमंत्री के भाषण में कोरोना महामारी में सावधानी बरतने के अलावा, उन्होंने देशवासियों से Make For World की बात कही, जिसमें उन्होंने PPE किट और Mask वगैरह बनाकर, दुनियाभर को Supply करने के लिए प्रेरित किया था.
8. इस बार चुनावी एजेंडे के संकेत वाला भाषण
साल 2023 में उन्होंने नब्बे मिनट का भाषण दिया है, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को टारगेट किया है. साथ ही उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया है. ये भाषण अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें चुनावी एजेंडे का संकेत भी है.
पीएम मोदी ने तोड़ दिया भाषण में सभी पीएम का रिकॉर्ड
इस साल प्रधानमंत्री के भाषण से जुड़ा एक और रोचक तथ्य हम आपको बताना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 10 वर्षों में लाल किले की प्राचीर से 827 मिनट का भाषण दिया है. ये एक नया रिकॉर्ड है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम हो गया है. दरअसल अभी तक देश के जितने भी प्रधानमंत्री रहे हैं, उन्होंने लाल किले से इतने लंबी अवधि का भाषण नहीं दिया है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर इंदिरा गांधी हैं, जिन्होंने लाल किले से 16 भाषण दिए थे. कुल मिलाकर इंदिरा गांधी ने 504 मिनट का भाषण दिया था.
तीसरे नंबर पर मनमोहन सिंह हैं, जिन्होंने लाल किले से 10 भाषण दिए हैं और जिनका कुल समय 417 मिनट था. चौथे नंबर पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू हैं, जिन्होंने लाल किले से कुल 17 भाषण दिए और उनका कुल समय 400 मिनट का रहा था. अटल बिहारी वाजपेयी ने कुल 6 बार संबोधित करते हुए लाल किले की प्राचीर से 177 मिनट का भाषण दिया. नरसिम्हा राव ने 5 बार लाल किले से देश को संबोधित किया. इस दौरान उनके भाषणों का कुल समय 259 मिनट रहा, जबकि 5 बार ही संबोधित करने वाले राजीव गांधी के भाषणों का कुल समय दो सौ तैंतीस मिनट रहा है.
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