डीएनए हिंदी: India Canada Row- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'विदेशी दौरों वाला पीएम' कहकर विपक्षी दल उनकी आलोचना करते हैं, लेकिन पीएम मोदी के इन विदेशी दौरों के कारण भारत की पहचान बदली है, ये बात सब महसूस कर रहे हैं. वैश्विक स्तर पर भारतीय बात को जो अहमियत अब मिल रही है, वो पहले शायद ही मिलती थी. भारतीय कूटनीति किस तरह वैश्विक राजनीति में प्रभावी साबित हुई है, इसका नजारा अब भारत-कनाडा के बीच चल रहे विवाद में भी देखने को मिल रहा है. भारत के बढ़ते कद के आगे कनाडा जैसे देश को भी झुकना पड़ा है. कल तक जो कनाडाई प्रधानमंत्री Justine Trudeau भारत के ऊपर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का झूठा आरोप अपनी संसद में लगा रहे थे. आज वे भारत की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. महज 11 दिन पहले भारत के खिलाफ खड़े हुए ट्रूडो अब दुनिया से कह रहे हैं कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ा है, इसलिए Canada और उसके सहयोगी देशों को भारत के साथ मिलकर काम करना चाहिए.
क्यों हो गया है अब ट्रूडो का हृदय परिवर्तन
Justine Trudeau का भारत को लेकर हृदय परिवर्तन, रातों रात नहीं हुआ है. अभी 11 दिन पहले यही Justine Trudeau, अपने देश की संसद में भारत और भारतीय एजेंसियों को कोस रहे थे. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को Canada का नागरिक बताकर, उसकी हत्या के लिए भारत को आरोपी बता रहे थे. Justine Trudeau को लगा था कि भारत कोई छोटा मोटा देश है, जिस पर आरोप लगाकर वो दबाव बना लेंगे. वो ये सोच रहे थे कि भारत पर झूठे आरोपों का दबाव बनाकर, वो कुछ भी करवा लेंगे. लेकिन वो भूल गए कि ये नया भारत है. ये झुकने वालों में से नहीं है, झुकाने वालों में से है. भारत कोई ईराक, अफगानिस्तान या सीरिया सूडान नहीं है, जिस पर झूठे आरोप लगाकर, Canada और उसके जैसे पश्चिमी देश मनमानी कर लेंगे. भारत ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है। और ये बात Canada के प्रधानमंत्री Justine Trudeau को अच्छी तरह समझ में आ गई है. Justine Trudeau ही नहीं, बल्कि उसके सहयोगी देशों और पूरी दुनिया को ये समझ में आ गया है, कि भारत को अगर छेड़ा, तो वो छोड़ेगा नहीं.
G-20 Summit में मुद्दा नहीं उठने पर ही अहसास हो गया था कनाडा को
Justine Trudeau को अंदाजा तो तभी हो गया था, जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के मामले में उसके सहयोगी देश, धीरे धीरे उसका साथ छोड़ गए थे. Canada पर भारत की कूटनीतिक जीत तभी हो गई थी, जब Justine Trudeau ने Five Eyes में शामिल देशों से, G-20 में इस निज्जर की हत्या के मुद्दे को उठाने की बात कही थी, लेकिन किसी ने ये मुद्दा नहीं उठाया था. हालांकि Canada को फिर भी उम्मीद थी, कि जब वो अपने संसद में मुद्दा उठाएंगे तो उनके साथी देश, भारत पर दबाव बना बनाएंगे, लेकिन अफसोस, यहां भी Justine Trudeau के साथ कोई खड़ा नहीं हुआ.
Five Eyes में ही अकेला पड़ गया है कनाडा
Five Eyes में America, Canada, Australia, New Zealand और ब्रिटेन शामिल हैं, लेकिन Canada को बाकी सभी ने इस मुद्दे पर अलग-थलग कर दिया. दरअसल भारत ने पूरी दुनिया को आतंकी निज्जर से जुड़े सबूत और खालिस्तानी विचारधारा की सच्चाई बता दी थी. यही वजह थी कि किसी भी देश ने आतंकी निज्जर के मामले में Canada के आरोपों को सच नहीं माना. हालांकि इसके बावजूद Justine Trudeau को उम्मीद थी कि America के विदेश मंत्री Antony Blinken इस मुद्दे को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सामने उठाएंगे. दरअसल भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए Washington DC में हैं. वहां भारत और अमेरिका से जुड़े कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई.
अफसोस यहां भी Justine Trudeau को निराशा ही हाथ लगी. अमेरिका के विदेश मंत्री Antony Blinken के साथ, एस जयशंकर की मुलाकात तो हुई, लेकिन Canada के निज्जर वाले मामले के अलावा, दुनियाभर के मुद्दों पर बातचीत की गई. यही नहीं Press Confrence में जब पत्रकारों ने Canada के मामले में Blinken से सवाल पूछे तो वो इसे टाल गए. इस मुद्दे पर पत्रकारों ने US State Department के प्रवक्ता Matthew Miller से भी सवाल पूछा था, लेकिन उन्होंने इस सवाल का गोलमोल जवाब दिया. इस मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी सवाल पूछा गया, तो उन्हें साफ शब्दों में कहा कि कनाडा ने हमें कोई सबूत नहीं दिए हैं और कनाडा, आतंकियों को संरक्षण देता है.
अलग-थलग पड़ गया है कनाडा
खालिस्तानी आतंकी के मुद्दे पर CANADA, दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है. Justine Trudeau लगातार, दुनिया से कहते रहे कि हरदीप सिंह निज्जर, उनके देश का नागरिक है, जिसकी हत्या, भारतीय एजेंट्स ने की है, लेकिन उनके किसी भी साथी देश ने खालिस्तान के मामले में साथ देने से इनकार कर दिया. Justine Trudeau भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए खालिस्तानी विचारधारा के साथ खड़े हो गए, जबकि वो जानते होंगे कि उनके देश में ऐसे खालिस्तानी लोग छिपे हुए हैं, जिन्हें भारत आतंकी कहता है और जिन पर भारत में कई तरह के मामले दर्ज हैं यानी एक तरह से Justine Trudeau उन लोगों को बचा रहे हैं, जिनका एक लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास है. Justine Trudeau तो ये भी जानते थे कि वो जिस जांच एजेंसी के दम पर, संसद में भारत के खिलाफ आरोप लगा रहे थे, उस Royal Canadian Mounted Police के पास तो इस मामले से जुड़े कोई सबूत ही नहीं है.
पुलिस का कहना है कि निज्जर की हत्या के मामले में अभी जांच चल रही है यानी 18 जून को हुए निज्जर हत्याकांड में 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, और अभी तक RCMP के हाथ कुछ भी नहीं लगा है. सच्चाई ये है कि इस मामले की जांच में इतनी ढिलाई बरती गई थी, कि हत्यारों को खोजना लगभग नामुमकिन हो गया है. भारत लगातार ये कहता आ रहा है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या, Gangwar का नतीजा है. इस मामले में अभी तक पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है, यही नहीं, मीडिया के दबाव में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए हत्यारों की तलाश शुरू की है.
अचानक CANADA के प्रधानमंत्री बैकफुट पर कैसे चले गए?
सबसे पहले आपको ये बताना जरूरी है कि Canada कितना ताकतवर देश है. फिर हम आपको बताएंगे कि भारत ने कैसे एक ताकतवर देश को अपनी कूटनीति से मात दे दी.
- कनाडा दुनिया के सबसे ताकतवर सैन्य संगठन North Atlantic Treaty Organisation यानी Nato में शामिल है.
- NATO 31 देशों का ऐसा सैन्य संगठन है, जिसमें किसी एक पर हमला होने पर पूरा संगठन, युद्ध में शामिल हो जाता है.
- इस हिसाब से इन 31 देशों के खिलाफ जाने का मतलब है, दुनिया से अलग थलग पड़ जाना.
- यही नहीं Canada दुनिया के विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह G7 में भी शामिल है.
- G7 में AMERICA, CANADA, UK, FRANCE, GERMANY ITALY और JAPAN जैसे देश हैं.
- CANADA ,FIVE EYES में भी शामिल है, जिसमें AMERICA,AUSTALIA,NEWZELAND,UK जैसे देश शामिल हैं.
- ये देश एक दूसरे के बीच खुफिया जानकारी साझा करते हैं, Secret Inteligence के लिए, ये एक मजबूत संगठन है.
- Canada, NSG यानी Nuclear Suppliers Group का भी सदस्य है. इस संगठन में वो देश शामिल है, जो परमाणु तकनीक और ऊर्जा से जुड़ी उपकरणों के लेन देन को नियंत्रित करते हैं.
हम ये सब बातें इसलिए बता रहे हैं, जिससे आपको पता चल जाए कि CANADA कोई ऐसा छोटा देश नहीं है, जिसको हर कोई धमका देता हो. CANADA, अमेरिका का एक मुख्य सहयोगी है यानी कनाडा के साथ कुछ भी होने की स्थिति में पहली मदद अमेरिका की तरफ से आती है, लेकिन इस बार CANADA, भारत से उलझ गया था. भारत ने उसे दुनिया से अलग-थलग कर दिया. उसके साथी देश खालिस्तानी आतंकी के मुद्दे पर उससे दूर चले गए और इसके पीछे भारत की कूटनीतिक चालें थीं. 18 सितंबर को जब Justine Trudeau ने संसद में भारत के खिलाफ आरोप लगाया, तभी से भारत, उसको मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार था. भारत ने Canada की ओर से लगाए गए झूठे आरोपों की हवा निकालने की तैयारी शुरू कर दी थी.
भारत की सात कूटनीतिक चालें, जिन्होंने कनाडा को झुका दिया
- भारत ने Canada के एक वरिष्ठ राजदूत को वापस भेज दिया. जिससे CANADA को साफ संदेश गया कि उसके झूठे आरोप बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और राजदूत भेजने की जो गलती CANADA ने की है, उसका जवाब राजदूत वापस भेजकर ही दिया जाएगा यानी भारत ने 'जैसे को तैसा' वाला जवाब दिया. भारत के इस कदम से CANADA को पहली कूटनीतिक हार मिली.
- इसके बाद Canada में एक्टिव हो रहे खालिस्तानी समर्थकों को लेकर, भारत ने अपने नागरिकों को एडवाइजरी जारी कर दी, जिससे दुनिया में CANADA पर खालिस्तानी आतंक को समर्थन देने का माहौल बन गया. ये दूसरी कूटनीतिक हार थी.
- भारत ने Canada के नागरिकों को वीज़ा दिए जाने पर रोक लगा दी. ये एक ऐसी कूटनीतिक चाल थी, जिसका जवाब Canada के पास नहीं था. ये तीसरी कूटनीतिक हार थी.
- भारत ने इसके बाद खालिस्तानी आतंकियों की एक लिस्ट जारी की, जिसमें उन लोगों के नाम थे, जो भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के बाद, Canada फरार हो गए थे. दरअसल ये उन आतंकियों की लिस्ट थी, जिनको Canada ने पनाह दी थी. इससे Canada की छवि खराब हुई. उसकी पहचान आतंकियों और अपराधियों को पनाह देने वाले देश के तौर पर होने लगी। ये उसकी चौथी कूटनीतिक हार थी.
- यही नहीं, भारत ने Canada के सहयोगी देशों को भी ऐसे खालिस्तानी आतंकियों और संगठनों की लिस्ट जारी की, जो Canada में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और कई साजिशों में शामिल थे. इससे Canada, दुनिया के आगे शर्मिंदा हो गया. ये कनाडा की पांचवी कूटनीतिक हार थी, इसकी वजह से Canada के करीबी देश भी उससे दूर चले गए.
- इसके बाद भारत ने दुनिया का बताया कि Canada एक ऐसा देश हैं, जहां Gangwar बहुत आम है. हमने DNA में भी आपको दिखाया था कि वहां Gangwar होती रहती है, और इसमें खालिस्तानी आतंकी एक दूसरे के ही दुश्मन बने हुए हैं. निज्जर की हत्या भी कहीं ना कहीं ऐसी गैंगवॉर का हिस्सा हो सकती है. विदेशमंत्री एस जयशंकर ने भी यही बात अंतराष्ट्रीय मंच पर कही. ये Canada की छठी कूटनीतिक हार थी. इसमें Canada की छवि Gangland के तौर पर बन गई.
- भारत ही नहीं, उसके पड़ोसी देशों ने भी Canada को आतंकियों को पनाह देने वाला देश कहा, पहले श्रीलंका, उसके बाद बांग्लादेश ने, Canada पर झूठ फैलाने और आतंकियों को पनाह देने के गंभीर आरोप लगाए. ये Canada की सातवीं कूटनीतिक हार थी.
भारत की इन कूटनीतिक चालों में Canada इतनी बुरी तरह से घिर गया, कि उसे आखिरकार झुकना पड़ा, वो जिस खालिस्तानी आतंकी को अपना नागरिक बताकर, उसकी हत्या का आरोप भारत पर लगा रहा था. अब उसी के मुद्दे पर वो पीछे हट गया है. उसे भी मालूम है कि Canada पुलिस के पास हत्या से जुड़े कोई ऐसे सबूत नहीं है जिससे भारत पर शक जाता हो. यही वजह थी कि Justine Trudeau से उनके ही देश का विपक्ष और मीडिया सबूत मांगने लगा. इस तरह से Justine Trudeau अपने झूठ की वजह से ना सिर्फ दुनिया में बल्कि अपने देश में भी घिर गए. यही कारण है कि कुछ दिन पहले खालिस्तानी विचारधारा का समर्थन करने वाले Justine Trudeau के सुर बदले हुए हैं.
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DNA TV Show: भारत को हत्यारा बता रहे कनाडाई पीएम के कैसे बदले सुर, क्या भारत की कूटनीति कर गई है काम