डीएनए हिंदी: Delhi G20 Summit Updates- दिल्ली में 9 सितंबर यानी शनिवार को G20 Summit की शुरुआत होगी, लेकिन देश की राजधानी पिछले करीब एक महीने से इसके रंग में रंगी दिख रही है. हर तरफ जी-20 सम्मेलन की ही बात हो रही है. कोई इसमें आने वाले मेहमानों की चर्चा कर रहा है तो कोई सरकार की तरफ से की गई तैयारियों की. कोई सम्मेलन के दौरान दिल्ली वालों पर लगाए गए प्रतिबंधों की चर्चा कर रहा है तो कोई इसके कारण मिली छुट्टियों का लाभ उठाकर बाहर घूमने की प्लानिंग पूरी कर रहा है. कुल मिलाकर दिल्ली पूरी तरह इस सम्मेलन में ही खोई हुई है. Nigeria के राष्ट्रपति के आगमन के साथ ही, इस सम्मेलन के लिए विदेशी मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. ऐसे में अब आपके लिए ये जानना ज़रूरी है कि इन तीन दिनों में दिल्ली में क्या-क्या होने वाला है और इन नेताओं का पूरा कार्यक्रम क्या है?
आइए आज हम आपको 10 प्वाइंट्स में G20 के इन तीन दिनों के बारे में बताते हैं ताकि आपको किसी भी बात को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं रहे.
1. सबसे पहले जान लीजिए शुक्रवार से रविवार तक की पूरी Timeline
- अमेरिका के राष्ट्रपति joe biden आज अमेरिका से रवाना होंगे और कल यानी 8 सितंबर की शाम को वो दिल्ली पहुंचेगे.
- 8 सितंबर की शाम को ही उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक होगी. बाइडेन को सबसे कड़ी सुरक्षा दी जा रही है.
- इसके बाद 9 सितंबर की सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G 20 ग्रुप के सभी नेताओं का स्वागत करेंगे.
- फिर G20 के पहले सत्र की शुरुआत होगी, जिसका नाम One Earth रखा गया है. ये Session सुबह 10 बजे से Lunch तक चलेगा
- G20 के दूसरे सत्र का नाम One Family है. ये सत्र 8 सितंबर को ही Lunch के बाद शुरू होगा और शाम तक चलेगा.
- G20 के पहले दिन दो Session के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से सभी नेताओं के लिए आयोजित Dinner होगा.
- सम्मेलन के दूसरे दिन यानी 10 सितंबर को सुबह G20 के leaders को राजघाट ले जाया जाएगा, जहां वो Mahatma Gandhi को श्रद्धांजलि समर्पित करेंगे.
- इसके बाद सभी नेता भारत मंडपम में पौधारोपण करेंगे, जिसके बाद G20 के तीसरे सत्र की शुरुआत होगी.
- G20 सम्मेलन के तीसरे सत्र का नाम One Future होगा यानी तीनों सत्रों का नाम G20 की Theme पर ही आधारित है.
- तीसरे सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले वर्ष के लिए Brazil को G20 समूह की अध्यक्षता सौंपेंगे.
2. भारत ने G20 सम्मेलन को सही मायने में बनाया है One Earth
इस बार G20 शिखर सम्मेलन की theme one earth, One Family और One Future रखी गई है और ये theme यूं ही नहीं है, क्योंकि इस बार भारत मंडपम में भारत ही नहीं पूरी दुनिया की सांस्कृतिक, लोकतांत्रिक और प्राकृतिक विरासत की झलक नज़र आएगी. G20 शिखर सम्मेलन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सदस्य देशों की सांस्कृतिक विरासत को भी जगह दी गई है. G20 देशों ने भी भारत की इस मुहिम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है. जी-20 के सभी सदस्यों और आमंत्रित देशों ने कुछ न कुछ तोहफे भेजे हैं, जिन्हे भारत मंडपम में रखा जाएगा.
3. भारत मंडपम में दिखेगी इनकी झलक
- इसमें भारत के महान आचार्य पाणिनि की रचना अष्टाध्यायी, जिसे संस्कृत व्याकरण का सर्वश्रेष्ठ और प्रमाणिक ग्रंथ माना जाता है.
- चीन की तरफ से भेजा गया क्विंग डायनेस्टी (Quing Dynasty) के समय का फाहुआ लिडिड (fahua lidded) जार भी मंडप में है.
- इटली ने Roman काल में बनाई गई Belvedere Apollo की प्रतिमा भेजी है, जिसे भारत मंडपम में सजाया गया है.
- ब्रिटेन ने Magna Carta की प्रतिलिपि Gift की है. 12वीं सदी में लिखे गए इस ग्रंथ को ब्रिटेन के लोकतंत्र की बुनियाद कहा जाता है.
- सिंगापुर ने NEWater की bottles gift में दी हैं. NEWater बर्बाद पानी को फिर से शुद्ध करके तैयार किया जाता है. सिंगापुर ने पानी की कमी दूर करने के लिए इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और ये उसके पानी के बेहतरीन प्रबंधन का प्रतीक है.
- mauritius ने रावन (Ravann) नाम की घंटी भारत भेजी है, जिसे भारत मंडपम में रखा गया है.
- अमेरिका ने भी Copy of Charters of Freedom भेजी है, जिसे अमेरिका की स्वतंत्रता का आईना माना जाता है.
- फ्रांस ने Declaration of the Rights of Man and of the Citizen की कॉपी भारत मंडपम में रखने के लिए भेजी है.
- दक्षिण कोरिया ने अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाने के लिए पहले आम चुनावों के पोस्टर की कॉपी भेजी है.
4. ऋग्वेद के जरिये दिखाएगा भारत खुद को सबसे पुराना लोकतंत्र
भारत मंडपम में सांस्कृतिक ही नहीं लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक भी दिखेगी. इसके लिए भारत ने विश्व के सबसे प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद से अपनी लोकतांत्रिक जड़ों को जोड़कर पेश किया है. इसके ज़रिए भारत पूरी दुनिया को ये बताना चाहता है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे पुराना लोकतंत्र भी है और लोकतंत्र की जड़ें भारत में ऋग्वेद के वक्त से मौजूद हैं.
इसके अलावा भारत मंडपम में अलग अलग देशों की प्राकृतिक और आध्यात्मिक विरासत भी दिखाई जाएगी, जिसमें भारत की तरफ़ से योग, गंगा, कुम्भ और हिमालय, मेघालय के Living Root Bridge को दर्शाया जाएगा. वहीं America, Netherlands, Australia, South Korea, Argentina की प्राकृतिक विरासत भी प्रदर्शित की जाएंगी. इसके अलावा भी काफ़ी कुछ है, जिसे भारत मंडपम में प्रदर्शित किया जाएगा और ये सभी कलाकृतियां और विरासत G 20 की थीम one earth, One Family और One Future को पेश करती हैं.
5. आसमान से जमीन तक किला बन गई है दिल्ली
अगले तीन दिनों तक दिल्ली में दुनिया के ताक़तवर देशों के नेता एकसाथ मौजूद होंगे. ऐसे में इनकी सुरक्षा भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए दिल्ली एक ऐसे किले में बदल चुकी है, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता. दिल्ली के आसमान की हिफ़ाज़त का ज़िम्मा Indian Air Force संभाल रही है. भारतीय वायुसेना ने दिल्ली के आसपास अपने रडार, Fighter Jets, Awacs यानी Airborne early warning and control और Air Defence System को भी तैनात कर दिया है. जमीन पर भारतीय सेना की अलग अलग units तैनात हैं. इस दौरान Bio or chemical weapons से ही नहीं. nuclear weapons से निपटने की तैयारी भी की गई है. फिर भी अगर कोई ख़तरा होता है, तो सभी मेहमानों के लिए ख़ासतौर से सेफ़ हाउस भी बनाए गए हैं यानी Security का FOOL PROOF PLAN तैयार है.
6. आसमान की निगरानी करेगा स्वदेशी 'नेत्र'
हवाई हमले रोकने में सबसे अहम हैं, भारतीय वायुसेना के AIRBORNE EARLY WARNING AND CONTROL SYSTEMS यानि AWACS और स्वदेशी नेत्रा, जिन्हें सुरक्षा में तैनात किया गया है. 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयर स्ट्राइक के दौरान भी नेत्रा का इस्तेमाल किया गया था. ये विमान आसमान में चलती फिरती आंख हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर दूर से आसमान में होने वाली किसी भी हलचल या दुश्मन के एयरक्राफ्ट पर नज़र रख सकते हैं.
7. आसमान की हिफ़ाज़त करेंगे राफेल-सुखोई
दिल्ली के आसपास मौजूद सभी एयरबेस 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे. यहां राफेल, सुखोई और मिराज़-2000 जैसे फ़ाइटर जेट तैनात हैं. समिट के दौरान राफेल और सुखोई जैसे फाइटर आसमान में भी रहेंगे ताकि कोई दिल्ली के आसमान में घुसने की गुस्ताखी भी न कर सके. यही नहीं तैयारी इस तरह की गई है कि अगर ज़रूरत पड़े. तो विदेशी मेहमानों के विमानों को भी एस्कार्ट किया जा सके.
8. MRSAM और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम
हवाई सुरक्षा के लिए MRSAM यानी मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम और आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भी एक्शन मोड में रखा गया है ताकि अगर जरूरत पड़े तो इसकी मदद ली जा सके. जी-20 समिट के लिए पूरी दिल्ली को नो-फ़्लाई ज़ोन घोषित कर दिया गया है. इस दौरान दिल्ली के आसमान में विमान तो दूर, कोई पैराग्लाइडर, ड्रोन, या फिर गर्म गैस का ग़ुब्बारा भी नहीं उड़ सकता. फिर भी अगर इस सुरक्षा में घुसपैठ की कोशिश होती है तो एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन को हवा में ही मार गिराएगा. MRSAM की रेंज जहां 70 किलोमीटर है, तो वहीं आकाश 30 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद किसी भी एयरक्राफ्ट या यूएवी को नष्ट कर सकता है. इसके अलावा भारत मंडपम और दिल्ली की सभी महत्वपूर्ण जगहों पर वायुसेना और सेना के एंटी ड्रोन सिस्टम भी तैनात कर दिए गए हैं यानी एयरक्राफ्ट या मिसाइल तो दूर, कोई छोटा ड्रोन भी दिल्ली के आसपास नहीं फटक सकता.
9. भारतीय सेना ने भी की है जमीन पर ऐसी तैयारी
आसमान की सुरक्षा का ज़िम्मा जहां वायुसेना के पास है, तो वहीं जमीन पर सेना भी पूरी तरह तैयार है. वर्ल्ड लीडर्स की हिफ़ाज़त के लिए बैलेस्टिक शील्ड वाले सेफ हाउस बनाए गए हैं. किसी एमरजेंसी या ख़तरे की सूरत में उन्हे इन्ही सेफ़ हाउस में ले जाया जाएगा. इसके अलावा बॉयो और केमिकल वेपन्स से निपटने की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. सेना के बम डिस्पोज़ल स्क्वॉड हर छोटे मोटे ख़तरे को चेक कर रहे हैं. सेना के कमांडो भी दूसरी एजेंसियों के साथ दिल्ली में तैनात रहेंगे. सेना की एंटी सेबोटाज टीमें मुख्य जगहों पर तैनात रहेंगी जिनके साथ विस्फोटक पहचानने के लिए प्रशिक्षित कुत्ते होंगे. सेना के बम निरोधक दस्तों को भी दिल्ली में मुख्य जगहों पर तैनात किया गया है. सेना सुरक्षा के लिए तैनात दूसरी एजेंसियों को मदद भी करेगी. सेना को 1000 गाड़ियों के लिए पार्किंग की जगह देने के लिए भी कहा गया है. इसके अलावा घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने के लिए तैयार सेना की मेडिकल टीम भी पूरे सम्मेलन के दौरान स्टैंड-बाय पर रहेंगी.
10. अब बात उन फैक्ट्स की, जो इस आयोजन की अहमियत बताएंगे
अब हम आपको G-20 के बारे में कुछ खास Facts बताना चाहते हैं ताकि आपको अंदाजा लग सके कि G-20 की अध्यक्षता करना कितनी बड़ी बात है.
- Group Of Twenty यानी G-20 में 19 देश और यूरोपियन यूनियन शामिल है.
- इनमें अमेरिका, चीन, Russia, फ्रांस, जर्मनी जैसे देश भी हैं.
- दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या इन देशों में रहती है.
- दुनिया के कुल Gross Domestic Product यानी GDP में G-20 की हिस्सेदारी 85 फीसदी है.
- इसके अलावा वैश्विक व्यापार में G-20 का हिस्सा 75 प्रतिशत से ज्यादा है.
G-20 की पहली बैठक, वर्ष 2008 में अमेरिका के वॉशिंगटन में हुई थी. अब तक इसकी कुल 17 बैठकें हो चुकी हैं और अब 18वीं बैठक भारत में होने जा रही है. ये भारत के लिए किसी बड़े अवसर से कम नहीं है. भारत ने भी वसुधैव कुटुंबकम यानी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की Theme के साथ मंच सजाया है, जिसके जरिये भारत, पूरे विश्व को ये Message देना चाहता है कि वो सिर्फ अपने बारे में नहीं बल्कि पूरी दुनिया के बारे में सोच रहा है.
हमारी ये रिपोर्ट देखकर आप समझ चुके होंगे कि G-20 Summit का आयोजन भारत के लिए कितना मायने रखता है. ये आयोजन, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स का Host बनने जितना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि G-20, दुनिया का सबसे बड़ा वैश्विक समूह है और G-20 की अध्यक्षता करने से, दुनिया में तेजी से बढ़ती Economy के तौर पर उभरते भारत को, अपनी क्षमताओँ और उपलब्धियों की Global Publicity करने का मौका मिला है. इसलिए भारत ने G-20 Summit को कामयाब बनाने के साथ-साथ भव्य बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
DNA TV Show: जी-20 में अगले तीन दिन दिल्ली में क्या होगा, कैसे सुरक्षा होगी, 10 पॉइंट्स में पूरी बात