डीएनए हिंदी: Coronavirus Cases In India- कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन BF.7 (Omicron BF.7) के कारण चीन में तबाही का मंजर है. चीनी सरकार मौत के आंकड़ों से लेकर नए मामलों तक, हर जगह सही स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है, लेकिन वहां से आ रही मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि चीन इस समय ऐसी स्थिति से गुजर रहा है, जो साल 2020 और 2021 में यूरोपीय देशों में देखने को मिली थी. तीन साल से पाबंदियों में कैद जनता के उग्र विरोध के बाद 9 दिसंबर को चीन में 'जीरो कोविड पॉलिसी' हटते ही कोरोनावायरस की लहर आ गई है. मरने वालों की संख्या भी इतनी बढ़ गई है कि सामूहिक अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. अगले 3 महीने में चीन में 80 करोड़ लोगों के कोरोना संक्रमित होने और 5 लाख की मौत होने का अनुमान एक्सपर्ट्स ने लगाया है. साल 2020 में भारत में कोरोना के फैलने का कारण चीन ही बना था तो क्या इस बार भी चीन के बाद अगला नंबर भारत का है? यह सवाल हर किसी की जुबान पर है.
आइए आपको 8 पॉइंट्स में बताते हैं कि क्या है इस बार भारतीय तैयारियां और क्या है संभावना.
1. अभी देश में महज 3,402 कोरोना केस
डेढ़ अरब की आबादी वाले भारत में फिलहाल नए कोरोना केस (Corona Case) मिलने की दर बेहद कम है. इसे आबादी के हिसाब से नगण्य भी माना जा सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 22 दिसंबर की सुबह 8 बजे तक देश में महज 3,402 एक्टिव कोरोना केस थे, जो तीन साल में सामने आ चुके कुल मामलों का 0.01% हिस्सा ही हैं. सबसे ज्यादा एक्टिव केस केरल में हैं, जहां 1438 मरीज हैं, जबकि उसके पड़ोसी राज्य कर्नाटक में 1263 एक्टिव मामले हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 135, ओडिशा में 103, उत्तर प्रदेश में 98, राजस्थान में 52, तमिलनाडु में 45, दिल्ली में 43 और पश्चिम बंगाल में 40 एक्टिव मरीज हैं. बाकी जगह बेहद कम मरीज हैं. देश के 12 राज्य व केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां इस समय कोरोना के एक भी मरीज का इलाज नहीं चल रहा है यानी वहां कोई कोरोना केस नहीं है.
पढ़ें- China Corona Virus: चीन में बढ़ते मामलों पर भारत में कोरोना अलर्ट जारी, कब से लगेगा लॉकडाउन?
#WATCH | PM Narendra Modi reviews the situation related to #COVID19 in the country at a high-level meeting pic.twitter.com/Ql1KvMSIFL
— ANI (@ANI) December 22, 2022
2. क्यों बना है चिंता का माहौल
चीन में कोरोना के जिस नए वेरिएंट BF.7 के कारण तबाही मची हुई है, वह भारत में भी पहुंच चुका है. केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया था कि अगस्त से अब तक देश में इस वेरिएंट के 4 मरीज गुजरात और ओडिशा में मिल चुके हैं, जिनमें अमेरिका से आई एक NRI महिला भी शामिल है. इन मरीजों के संपर्क में आए लोगों से इस वेरिएंट का प्रसार होने की आशंका हेल्थ एक्सपर्ट्स ने जताई है.
पढ़ें- भारत में भी आ गया चीन वाला कोरोना, वडोदरा की एनआरआई महिला में मिला BF.7 वैरिएंट
3. देश में एक्टिव हैं कोरोना के 10 वेरिएंट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने लोक सभा (Lok Sabha) को देश में कोरोना के हालात की जानकारी दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि फिलहाल कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) मिल रहे लोगों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में इसके 10 तरह के वेरिएंट सामने आ रहे हैं. इनमें सबसे लेटेस्ट वेरिएंट BF.7 ही मिला है.
पढ़ें- Corona के नए रूप से बचना है तो ध्यान से पढ़ लें डॉक्टरों की ये एडवाइजरी, गलती से भी न करें ऐसे काम
4. ज्यादा केस नहीं फिर भी अलर्ट मोड में सरकार
पिछली बार चीन में नए मामलों के बढ़ने पर देश में लॉकडाउन लगाने और बाहर से आने वाली उड़ान पर रोक लगाने जैसे कदम देर से उठाए गए थे. इससे सबक लेकर केंद्र सरकार अभी से अलर्ट मोड में आ गई है. सरकार ने लोगों को भीड़ में मास्क लगाने और तत्काल अपना बूस्टर डोज का कोर्स पूरा करने की एडवाइजरी दी है. कोरोना को लेकर तैयारियों की समीक्षा बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की थी और बृहस्पतिवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग में राज्यों को बूस्टर डोज बढ़ाने के आदेश दिए हैं.
पढ़ें- Coronavirus: सरकार ने जारी की कोरोना एडवाइजरी, घर से बाहर निकलने पर करना होगा ये सब
अभी तक BF.7 का एक भी मामला नहीं मिला है। कोरोना को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। भारत सरकार के निर्देश के मुताबिक हम नए सभी सक्रिय केस की जीनोम सीक्वेंसिंग कराते हैं। दिल्ली में हर रोज 2,500 जांच हो रही है जिसे हम 1 लाख तक लेकर जा सकते हैं: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/NqmbJKPHRQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2022
5. एयरपोर्ट पर विदेशी पैसेंजर्स का रैंडम टेस्ट शुरू
देश में जिन एयरपोर्ट पर दूसरे देश से फ्लाइट आती है, वहां सभी यात्रियों की जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा यात्रियों का रैंडम RT-PCR Test भी शुरू कर दिया गया है. इन टेस्ट में पॉजिटिव मिलने वाले सभी यात्रियों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के आदेश दिए गए हैं.
पढ़ें- Coronavirus India: नया वेरिएंट मिलने के बाद मच गया है हड़कंप, जानिए क्या जारी हुआ है नया आदेश
6. पॉजिटिव सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के आदेश
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने यहां कोरोनावायरस की रैंडम टेस्टिंग बढ़ाने के आदेश दिए हैं. टेस्टिंग में पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के लिए कहा गया है. इसके लिए पूरे देश में 54 लैब एक्टिव हैं, जिनसे अलग-अलग राज्यों को जोड़ा गया है ताकि सैंपलों की सीक्वेंसिंग तेजी से की जा सके.
7. अब तक देश में लग चुकी हैं 220 करोड़ कोरोना वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में 2.20 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा चुकी है. वैक्सीन की योग्यता के दायरे में आने वाले हर व्यक्ति को दो-दो डोज दी जा चुकी हैं. हालांकि बूस्टर डोज लेने वालों का आंकड़ा कम है. नीति आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल के मुताबिक, अब तक देश में 27-28 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है. इसी कारण अब सरकार ने बूस्टर डोज लेने वालों की संख्या बढ़ाने का टारगेट राज्यों को दिया है.
पढ़ें- China Coronavirus: 90 दिन में दुनिया की 10% आबादी होगी कोरोना संक्रमित, क्या चीन फिर बन गया है संकट
7. क्या चीन में मामले बढ़ने से मुझे चिंता होनी चाहिए?
चीन में वायरस के जिस स्ट्रेन के कारण नए केस तेजी से बढ़े हैं और ज्यादा मौत हो रही हैं, उसके चार केस भारत में मिल चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से किसी को भी हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है. ये सभी घर पर ही आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. इनके संपर्क में आने वाले लोगों में भी किसी को कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया है. ये केस सितंबर-अक्टूबर के दौरान मिले थे यानी नए स्ट्रेन के प्रभाव से भारत में तेजी से कोरोना केस बढ़ने होते तो अब तक यह असर दिखने लगता, लेकिन अब भी बहुत ज्यादा नए मामले नहीं मिल रहे हैं. इससे माना जा रहा है कि भारतीयों में इस स्ट्रेन का ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा.
8. ओमिक्रॉन के लिए भारतीयों में पहले ही हाइब्रिड इम्युनिटी
चीन में तबाही मचाने वाले वेरिएंट का भारत में ज्यादा असर नहीं दिखने का एक कारण इसका कोरोना के ओमिक्रॉन (Omicron) स्ट्रेन से जुड़ाव है. दरअसल BF.7 ओमिक्रॉन का ही सब-वेरिएंट है यानी यह ओमिक्रॉन के ही म्युटेशन से बना है. भारत में ओमिक्रॉन का असर पिछले साल दिखाई दिया था. उस समय इससे बड़ी तेजी से लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे, लेकिन 99 फीसदी लोगों में इसका बिना लक्षणों वाला ही असर दिखाई दिया था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उस समय लगभग सभी भारतीय ओमिक्रॉन की चपेट में आकर संक्रमित हो चुके हैं. ज्यादातर लोगों को इसका पता भी नहीं चला था कि वे कब संक्रमित हुए और कब ठीक हो गए, लेकिन इसके चलते उनके शरीर में ओमिक्रॉन के खिलाफ 'हाइब्रीड इम्युनिटी' बन चुकी है. यही इम्युनिटी BF.7 को ज्यादा घातक होने से रोक रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
Coronavirus India: चीन में कोरोना से तबाही, क्या भारत का है अगला नंबर: जानिए 8 अहम पॉइंट्स