सीरिया में बशर अल असद के शासन के पतन के सदमे की लहरें अभी भी महसूस की जा रही हैं, इस बीच इजरायल देश में सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा है.सीरियाई सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इजरायली विमानों ने कम से कम तीन प्रमुख सीरियाई सेना के हवाई अड्डों पर बमबारी की है. जहां दर्जनों हेलीकॉप्टर और जेट विमान मौजूद थे.
इजरायल का जो सीरिया के लिए रुख है उसके बाद सवालों की झड़ी लग गई है. चर्चा तेज हो गई है कि आखिर इजरायल के द्वारा ऐसे मुश्किल वक़्त में सीरिया के साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है.
क्योंकि इजरायल के इस कदम की लगातार आलोचना हो रही है इसलिए सीरिया पर हमले पर अपना पक्ष रखते हुए इजरायल की तरफ से कहा गया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये क़दम उठा रहा है.
वर्तमान में क्या हो रहा है?
इजरायल पिछले तीन दिनों से सीरियाई सेना के हवाई अड्डों पर बमबारी कर रहा है. माना जा रहा है कि इजरायल द्वारा इन हमलों की वजह बस इतनी है कि इजरायल यह सुनिश्चित करने के प्रयास कर रहा है कि युद्धक विमान और रासायनिक हथियार सहित तमाम घातक चीजें विद्रोहियों के हाथों में न पड़ें.
अब समाप्त हो चुकी सीरियाई सेना के सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि बीते दिन सुबह हुए हमले अब तक के सबसे भारी हमले थे और इसने देश भर में सैन्य प्रतिष्ठानों और हवाई अड्डों को निशाना बनाया.
बताया ये भी गया कि हमलों में दर्जनों हेलीकॉप्टर और जेट विमान नष्ट हो गए. साथ ही राजधानी दमिश्क और उसके आसपास रिपब्लिकन गार्ड की संपत्ति भी नष्ट हो गई.
रॉयटर्स को सूचना मुहैया कराने वाले लोगों ने यह भी बताया कि हमलों में लक्षित एयरबेसों में उत्तर-पूर्व सीरिया में क़ामिशली एयरबेस, होम्स के ग्रामीण इलाकों में शिनशर बेस और दमिश्क के दक्षिण-पश्चिम में अक़रबा हवाई अड्डा शामिल हैं.
सूत्रों ने दावा किया कि रात भर में करीब 200 छापे मारे गए, जिसमें सेना की संपत्ति का कुछ भी हिस्सा नहीं बचा. इसके बाद इजरायल ने घोषणा की कि उसने रात भर में सीरियाई नौसेना के बेड़े को भी नष्ट कर दिया है. हमलों के साथ-साथ, ऐसी खबरें भी थीं कि सीमा पर घुसपैठ के बाद इजरायली टैंक दमिश्क से दो दर्जन मील से भी कम दूरी पर थे - हालांकि एक इज़राइली सैन्य प्रवक्ता ने इन दावों का खंडन किया.
दूत ने संयुक्त राष्ट्र से सीरियाई लोगों की मदद करने का आह्वान किया
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के दूत, गीर पेडरसन ने कहा कि 'परिवर्तन का वास्तविक अवसर' है जिसे सीरियाई लोगों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से समझने की आवश्यकता है.
सीरिया में लक्ष्यों पर इजरायल के हमलों का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि यह 'अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अब हम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय देश की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई न देखें जो सीरिया में इस परिवर्तन की संभावना को नष्ट कर दे'.
हमलों पर क्या तर्क दे रहा है इजरायल?
इस दावे के बीच कि आईडीएफ बलों ने इजराइली कब्जे वाले गोलान हाइट्स में बफर जोन से आगे की स्थिति संभाल ली है. मिस्र, कतर और सऊदी अरब ने कथित इजरायली घुसपैठ की निंदा की है. सऊदी अरब ने कहा कि यह कदम 'सीरिया की सुरक्षा बहाल करने की संभावनाओं को बर्बाद कर देगा'.
वहीं आईडीएफ से जुड़े एक अधिकारी ने कहा है कि इजरायली टैंकों के दमिश्क की ओर बढ़ने का दावा 'झूठा' है. उन्होंने कहा कि, जैसा कि पहले ही कहा गया है आईडीएफ सैनिक बफर जोन में तैनात हैं.
इज़राइल ने कहा कि उसके हवाई हमले कई दिनों तक जारी रहेंगे, लेकिन उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि वह सीरिया के संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है. उसने कहा कि उसने केवल अपनी सुरक्षा के लिए 'सीमित और अस्थायी उपाय' किए हैं.
बहरहाल खुद को सुरक्षित रखने के अपने मिशन में इजरायल और वहां के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू कितना कामयाब होते हैं? इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है और जिस तरह सुरक्षा के नाम पर इजरायल जगह जगह बमबारी कर रहा है, उससे इतना तो साफ़ है कि मामला सेल्फ डिफेंस से कहीं आगे का है.
जाते जाते हमारे लिए ये बता देना भी बहुत जरूरी है कि अलग अलग मुल्कों पर हमले के बाद इजरायल लगातार आलोचना का शिकार हो रहा है और कहा यही जा रहा है कि इन हमलों के जरिये पीएम बेंजामिन नेतन्याहू उस दाग को धोने का प्रयास कर रहे हैं जो भ्रष्टाचार के आरोपों के नाम पर उनके ऊपर लगे हैं.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments
सीरियाई एयरबेसों पर बमबारी कर क्या साबित करना चाह रहे इजरायल और नेतन्याहू?