दुनियाभर में पाकिस्तान सुर्ख़ियों में है. वजह बने हैं बलूच विद्रोही जिन्होंने अभी बीते दिन ही अशांत बलूचिस्तान प्रांत के एक सुदूर इलाके में क्वेटा-पेशावर जाफ़र एक्सप्रेस की पटरियों को उड़ा दिया और उस पर गोलीबारी की. बता दें कि ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार थे और हमलावरों ने उनमें से 212 को बंधक बना लिया. बलूच विद्रोहियों का दावा है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना द्वारा उनके खिलाफ़ किए गए हमले के जवाब में 50 बंधकों को मार डाला है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) से संबंध रखने वाले इन विद्रोहियों ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पास सैन्य अभियान बंद करके और बलूच कैदियों को रिहा करके शेष बंधकों को सुरक्षित करने के लिए 20 घंटे शेष हैं.
विद्रोहियों ने अपने हालिया बयान में इस बात का जिक्र किया है कि, 'इससे पहले, कल रात के पाकिस्तानी ड्रोन हमले के जवाब में, 10 दुश्मन कर्मियों (पाकिस्तानी सेना के जवानों )को मार दिया गया था. इसके अतिरिक्त, आज की झड़पों में, 10 अन्य पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि कल लड़ाई में 30 मारे गए.
बीएलए के अनुसार इससे मारे गए दुश्मन कर्मियों की कुल संख्या 100 से अधिक हो गई है, जबकि लगभग 150 और बंधक अभी भी BLA की हिरासत में हैं.' BLA ने एक 'अंतिम और स्पष्ट चेतावनी' जारी करते हुए कहा है कि, 'यदि कब्जे वाली सेना ने फिर से आक्रामक कार्रवाई की, तो सभी शेष बंधकों को तुरंत मार दिया जाएगा'.
बयान में आगे कहा गया है कि, 'पाकिस्तान के पास अब केवल 20 घंटे बचे हैं. अगर इस समय के भीतर कैदियों की अदला-बदली की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हर बीतते घंटे के साथ, बलूच राष्ट्रीय न्यायालय द्वारा और अधिक बंधकों पर मुकदमा चलाया जाएगा और तदनुसार उन्हें फांसी दी जाएगी.'
विद्रोहियों के अनुसार, उनकी हिरासत में मौजूद सभी बंधक पाकिस्तान की सेना, पुलिस, फ्रंटियर कोर और अन्य सुरक्षा बलों के कर्मी हैं. गौरतलब है कि मंगलवार को ट्रेन को हाईजैक करने के कुछ घंटों बाद उग्रवादियों ने बलोच कैदियों की रिहाई की मांग की और चेतावनी दी कि अगर कोई सैन्य कार्रवाई की गई तो वे सभी बंधकों को मार देंगे.
उग्रवादियों ने यह भी कहा था कि अगर सेना 24 घंटे के भीतर उनकी मांगों पर प्रतिक्रिया देने में विफल रहती है तो बंधकों पर 'राज्य अत्याचार, औपनिवेशिक कब्जे, नरसंहार, शोषण और बलूचिस्तान में युद्ध अपराधों में संलिप्तता' के लिए मुकदमा चलाया जाएगा.
इस बीच, सुरक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने अपहृत ट्रेन से 190 यात्रियों को बचाया है, जबकि पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान में कम से कम 30 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि वे शेष बंधकों को छुड़ाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि कुछ बंधकों की मौत हो गई है.
रक्षा सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों को मुक्त कर दिया है. हालांकि, अधिकारियों ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि वे महिलाओं और बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे और उन्हें बचा लिया गया है.
अब जबकि विद्रोहियों की शर्तों के हिसाब से कुछ ही घंटे शेष हैं. देखना दिलचस्प रहेगा कि इस पूरे मामले पर पाकिस्तान और वहां की सेना क्या फैसला लेते हैं. बाकी जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को बता चुके हैं. इस मसले पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं. इसलिए अगर वाक़ई पाकिस्तान आतंकवाद के खात्मे के लिए गंभीर है? तो उसे कोई ठोस निर्णय लेकर बलूचों पर नकेल कसनी ही होगी.
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20 घंटे में बचेंगे पाकिस्तानी? किस रणनीति के तहत बलूच विद्रोहियों को धूल चटाएगा पाकिस्तान?