व्हाइट हाउस डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे से पीछे हटता हुआ दिखाई दिया है कि फिलिस्तीनियों को गाजा से स्थायी रूप से बसाया जाना चाहिए. मंगलवार को, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यात्रा के दौरान, ट्रंप ने लोगों को स्थायी रूप से बसाने की भावना पर बल देते हुए ऐसा बहुत कुछ कहा है जिसने पूरे वेस्ट में खलबली मचा दी है.
गाजा पर ट्रंप की टिप्पणियों के लिए अमेरिका की लगातार वैश्विक निंदा की गई है. बयान सामने आने के बाद से ही इस बात को दोहराया जा रहा है कि, जैसा अब गाजा पर ट्रंप और अमेरिका का रुख है, अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्ज़ा करेगा और पूरी दुनिया उसका समर्थन करेगी.
वहीं यह भी कहा गया कि तब जैसे हालात बनेंगे शायद ही कोई होगा जो अमेरिका की इस मंशा के बीच में आएगा. जब सवाल किया गया, तो ट्रंप ने कहा कि उन्होंने 'दीर्घकालिक स्वामित्व की स्थिति' की कल्पना की थी. अपनी बातों में डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा के भविष्य को 'मध्य पूर्व का रिवेरा' बताया.
खैर मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब अभी बीत दिन व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ट्रंप के शब्दों का खंडन किया था और दावा किया कि उन्होंने (डोनाल्ड ट्रंप ने) कहा था कि यह हमेशा 'अस्थायी' होगा.
लेविट ने पत्रकारों से कहा कि, 'राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रयास के पुनर्निर्माण के लिए उन्हें अस्थायी रूप से गाजा से बाहर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है. '
मामले पर तफ्सील से अपना पक्ष रखते हुए कैरोलिन लेविट ने आगे कहा कि, 'फिर से, यह अभी एक विध्वंस स्थल है. यह किसी भी इंसान के रहने लायक जगह नहीं है. और मुझे लगता है कि यह सुझाव देना वास्तव में बहुत बुरा है कि लोगों को ऐसी भयानक परिस्थितियों में रहना चाहिए.'
लेविट ने यह भी कहा कि ट्रंप ने गाजा में सेना भेजने के लिए 'प्रतिबद्धता नहीं जताई है' - लेकिन उन्होंने इसे खारिज भी नहीं किया.
ऐसा प्रतीत होता है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्हाइट हाउस की संशोधित स्थिति और मध्य पूर्व के देशों द्वारा फिलिस्तीनियों को अपने यहां बसाने के विचार का समर्थन किया है, कम से कम तब तक जब तक गाजा का पुनर्निर्माण हो रहा है.
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा कि, गाजा के पुनर्निर्माण का विचार पहला अच्छा विचार है जो मैंने सुना है. उन्होंने ये भी कहा कि, मुझे लगता है कि इसे वास्तव में आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
बहरहाल गाजा को लेकर इजरायल और अमेरिका का रुख क्या होता है इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन फिलिस्तीनियों और गाजा को लेकर जो मौजूदा स्थिति है इतना तो साफ़ है कि मध्य पूर्व को इस पूरे मामले में कुछ समझ में नहीं आ रहा कि वो किसके समर्थन में रहे और किसके विरोध में.
बाकी चाहती तो दुनिया यही है कि एक लंबे वक़्त से त्रासदी देख रहे गाजा में जल्द से जल्द शांति आए.
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ट्रंप ने गाजा के संदर्भ में दिया जरूरी प्रस्ताव, पीछे हटता नजर आया व्हाइट हाउस