डीएनए हिंदी: कभी सुना है कि किसी डिजिटल रेप (Digital Rape) के आरोपी को कोई सजा मिली है? अपने तरह के एक नए मामले में गौतमबुद्ध नगर कोर्ट ने एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल रेप का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोषी शख्स का नाम अकबर अली (Akbar Ali) है. कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दोषी के खिलाफ कोर्ट ने पॉक्सो (POSCO) एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 375 के तहत सजा सुनाई है.
'डिजिटल रेप' शब्द पहली बार साल 2013 में सामने आया था. इस अपराध को 2013 के आपराधिक कानून संशोधन के जरिए भारतीय दंड संहिता में जोड़ा गया. इसे निर्भया अधिनियम भी कहा गया. बाद में इसे POCSO अधिनियम की एक अलग धारा के तहत नए बलात्कार कानूनों में शामिल किया गया था. साल 2013 से पहले, भारत में ऐसा कोई कानून नहीं था जो 'डिजिटल रेप' की बात करता हो.
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कौन है दोषी?
दोषी अकबर अली पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. अकबर नोएडा सेक्टर 45 के सलारपुर में अपनी बेटी से मिलने आया था. पीड़िता पड़ोसी की बेटी थी जिसके साथ इस शख्स ने रेप की वारदात को अंजाम दिया था. 2019 में नाबालिग लड़की के माता-पिता के बयान के आधार पर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
कैसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दोषी?
शिकायत के मुताबिक अकबर अली ने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की को कैंडी दिलाने का झांसा दिया था. वहीं से लड़की को वह अपने घर ले गया और डिजिटल रेप किया.
वारदात के बाद बच्ची बेहद डर गई थी और रोते-रोते अपने घर वापस आई थी. उसने अपनी मां को अपने साथ हुई दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि अकबर अली ने उसके साथ क्या-क्या किया था.
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पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ने बताया, 'वारदात के बाद बच्ची के मां-बाप और कुछ पड़ोसी उसे लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे. पीड़िता का पुलिस ने मेडिकल टेस्ट कराया और लिखित में शिकायत दर्ज की. मेडिकल में डिजिटल रेप की पुष्टि हुई थी. उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था.'
अकबर अली तब से ही जिला जेल में बंद है. उसने हाई कोर्ट में भी अंतरिम जमानत के लिए अपील की थी लेकिन हर बार सारी याचिकाएं खारिज हो गई थीं.
8 गवाहों के सुनने के बाद सजा!
मंगलवार को जिला और सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह की अदालत ने घटनास्थल पर मौजूद साक्ष्यों, मेडिकल रिपोर्ट और 8 गवाहों को सुनने के बाद अकबर अली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. डॉक्टर, जांच अधिकारी, पीड़िता के माता-पिता और पड़ोसियों ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी थी.
डिजिटल रेप क्या है?
'डिजिटल रेप' डिजिटल या वर्चुअल रूप से किया गया यौन अपराध नहीं है. शब्दों से भले ही लगे कि यह एक वर्चुअल रेप है लेकिन इसका वास्तविक अर्थ बेहद अलग है. जब अपराधी जबरन महिला के प्राइवेट पार्ट में हाथ या पैर की अंगुलियां या कोई दूसरा ऑब्जेक्ट डालने की कोशिश करता है तो इसे डिजिटल रेप कहा जाता है.
अंग्रेजी भाषा के शब्दकोश में 'डिजिट' शब्द का अर्थ उंगली, अंगूठा और पैर का अंगूठा होता है. यही वजह है कि इस एक्ट को 'डिजिटल रेप' टर्म का नाम दिया गया है.
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दिसंबर 2012 तक, 'डिजिटल रेप' को छेड़छाड़ माना जाता था और इसे बलात्कार की श्रेणी में नहीं रखा जाता था. निर्भया गैंगरेप केस के बाद संसद में रेप संशोधन कानून पेश हुए थे. निर्भया गैंगरेप की घटना के बाद संसद में आपराधिक कानून संशोधन पेश किया गया था. इसके बाद धारा 375 और पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन अपराध के तौर पर चिन्हित किया गया था. इसे ही डिजिटल रेप कहते हैं.
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डिजिटल रेप में 65 साल के बुजुर्ग को उम्रकैद, क्या होता है यह अपराध, क्यों है इतना संगीन जुर्म?