डीएनए हिंदी: भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले हफ्ते में दो बार गिरावट दर्ज की गई. 9 मई को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.42 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. वहीं कल यानी कि 12 मई को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.55 प्रति डॉलर के सर्वाधिक निचले स्तर पर आ गया. बता दें कि पूरी दुनिया में मुद्रास्फीति (Inflation) की चिंता लगातार बढ़ रही है. हाल ही भारत सरकार ने अप्रैल महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए हैं जिसमें भारत में रिटेल महंगाई का आंकड़ा अपने 18 महीने के अधिकतम स्तर पर है. इस बीच अब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही गिरावट ने इस चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा दी है.
वृहस्पतिवार को किस लेवल पर खुला रुपया
वृहस्पतिवार यानी 12 मई को रुपया 26 पैसे की गिरावट के साथ खुला था. यह 77.25 रुपये प्रति डॉलर के बंद मुकाबले 77.50 पर खुला.
रुपये में गिरावट की वजह
अमेरिकी बाजार में महंगाई अपने चरम पर है. हाल ही में यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिसकी वजह से माना जा रहा है कि डॉलर पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है और इसका असर ग्लोबल करेंसी मार्केट (Global Currency Market) पर भी देखने को मिल रहा है. अमेरिका में महंगाई अपने 40 सालों के उच्चतम स्तर पर है और इसी को काबू में करने के लिए यूएस फेडरल रिजर्व अगली मीटिंग में फिर से ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. इसका सीधा असर डॉलर की कीमतों पर पड़ेगा जो अन्य करेंसीज को प्रभावित करेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रभाव
देश का विदेश मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) भी बुरी तरह प्रभवित हुआ है. लगातार इसमें भी कमी दर्ज की जा रही है. वर्तमान समय में यह घटकर 600 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है. मालूम हो कि इसमें लगातार 8 हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है. 29 अप्रैल के आंकड़ों पर नजर डालें तो फोरेक्स रिजर्व 2.695 अरब डॉलर गिरकर 597.73 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है.
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