डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमत पर काफी असर पड़ा था. भारत में भी इसके आयात पर काफी असर देखने को मिला था. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की अगर बात करें तो भारत का रस से कच्चे तेल (Crude Oil) के आयात में 50 गुना से भी ज्यादा वृद्धि आई है. साथ ही आयातित कुल कच्चे तेल की रूस में हिस्सेदारी बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी. मालूम हो कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने से भारत जो कच्चा तेल आयात कर रहा था उसमें रूस की सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
रूस की 10% रही है हिस्सेदारी
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, "अप्रैल में भारत के तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत रही है. बता दें कि इसके बाद रूस अब भारत को क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाले टॉप 10 देशों में शुमार हो गया है." रूसी तेल का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा दो प्राइवेट कंपनियों ने खरीदा है. ये कंपनियां हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और नायरा एनर्जी.
पिछले महीने रूस भारत को सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल सप्लाई (Crude Oil Supply) करने वाला सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए दूसरा सबसे बड़ा देश रहा है. वहीं भारत ने पिछले महीने इराक से सबसे ज्यादा तेल खरीदा है. हालांकि भारत का रस से तेल खरीदने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि यूक्रेन जंग के बाद रूस काफी सस्ते कीमत पर तेल बेच रहा है. मई में भारतीय रिफाइनर कंपनियों ने लगभग 2.5 करोड़ बैरल रूसी तेल खरीदा है.
सरकार ने कही थी बड़ी बात
सरकार ने हाल ही में सदन में बताया था कि कच्चे तेल की कीमतों पर नजर है. जल्द ही लोगों को राहत देने की बात कही गई थी. देश में फिलहाल पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि नहीं हुई है. जहां तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) की स्ट्रेटजी की बात है तो पूरा मुनाफा ग्राहकों को देने की जगह वर्तमान समय में नुकसान की भरपाई करते हुए इन कंपनियों को मुनाफा दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें:
Cryptocurrency: आज क्रिप्टोकरेंसीज में आई तेजी, जानिए लेटेस्ट रेट
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
भारत ने रूस से 50 प्रतिशत ज्यादा खरीदा Crude Oil, आयात में 10% पहुंची हिस्सेदारी