डीएनए हिंदी: जीएसटी काउंसिल या वस्तु व सेवा कर परिषद (GST) की 47वीं दो दिवसीय बैठक चंडीगढ़ में चल रही है. इस दो दिवसीय बैठक का आज आखिरी दिन है. मालूम हो कि  यह बैठक 28 जून यानी कि मंगलवार को शुरू हुई थी. बैठक में कई चीजों पर राज्यों के वित्त मंत्रियों और फिटमेंट कमिटी के पैनल के कुछ सुझाओं को मान लिया है. इन सुझाओं के लागू होने के बाद स्थानीय दुग्ध, कृषि उत्पाद, गैर-ब्रांडेड चावल और आटा महंगे हो जाएंगे. बता दें कि इस पैनल ने गैर-ब्रांडेड यानी स्थानीय डेयरी और एग्री उत्पादों को 5 प्रतिशत के जीएसटी रेट स्लैब में डालने का सुझाव दिया है. साथ ही सोने (Gold) और बहुमूल्य धातुओं पर टैक्स की दरों को तर्कसंगत बनाने की मंत्रियों की तीन पैनल की सिफारिशें मान ली गईं हैं.

आज की बैठक में राज्यों को GST कंपनसेशन की अवधि बढ़ाने को लेकर फैसला हो सकता है.  GST 1 जुलाई 2017 से लागू हुई थी. उस वक्त केंद्र सरकार ने कहा था कि GST राज्यों के रेवेन्यू (Revenue loss) घाटे की भरपाई करेगा. यह सिर्फ पांच साल के लिए था, अब यह 30 जून को खत्म होने जा रहा है. इसे ही GST कंपनसेशन कहते हैं.

राज्यों ने GST कंपनसेशन के खत्म करने को लेकर कहा है कि इससे उनके रेवेन्यू पर बुरा असर पड़ेगा. साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी की दलील देते हुए भी कहा है कि कोविड की वजह से उनकी वित्तीय स्थिति गड़बड़ाई हुई है. अगर GST कंपनसेशन बंद किया जाता है तो उनपर और ज्यादा दबाव पड़ेगा. इसलिए राज्यों ने अतिरिक्त पांच साल के लिए जीएसटी कंपनसेशन की मांग की है.

क्या-क्या चीजें हुईं महंगी

अब स्थानीय स्तर पर बनाए जाने और वितरण किए जाने वाले दुग्ध और कृषि उत्पाद, जैसे- फिश, दही, पनीर, लस्सी, छाछ, आटा और दूसरे अनाज, शहद, पापड़, मांस-मछली (फ्रोज़न प्रॉडक्ट अपवाद रहेगा), मुरमुरे और गुड़ महंगे हो जाएंगे. इनका व्यापार करने वाले व्यापारियों को 5 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है.

बैंक का चेक इशू करने के लिए जो फीस वसूला जाता है उसे भी अब टैक्स स्लैब में लाया जाएगा.

प्रिंटिंग, राइटिंग और ड्राइंग इंक, चक्कू, चम्मच, डेरी मशीन, LED लैंप और ड्राइंग इंस्ट्रूमेंट्स पर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर GST को 18 प्रतिशत कर दिया गया है.

Solar Water Heaters और फिनिश्ड लेदर पर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर GST 12 प्रतिशत कर दिया गया है. 

होटल और हॉस्पिटल रूम के स्टे पर जीएसटी रेट स्लैब भी निर्धारित कर दिए गए हैं. ऐसे होटल या हॉस्पिटल रूम जिनका किराया 1,000 रुपये से कम हैं उन्हें 12 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

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GST will further loosen pockets from flour and rice to increase in hotel prices
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GST और करेगी जेब ढीली, आटे-चावल से लेकर होटल के दाम तक में वृद्धि
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