डीएनए हिंदी: जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के नियमों में सरकार ने थोड़ी सी ढील दे दी है. बता दें कि सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में देरी पर अतिरिक्त दो महीने के लिए लेट फीस माफ कर दी है. लेट फीस माफ जून तक ही लागू है. लेट जीएसटी फाइलिंग फीस में कंपोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड छोटे टैक्सपेयर्स को छूट दी जा रही है. दरअसल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए GST-4 की देरी होने पर 1 मई से लेकर 30 जून तक के लिए लेट फीस माफ करने की बात कही गई है.

कितनी लगती है लेट फीस

मालूम हो कि कंपोजिशन स्कीम के अंतर्गत हर साल रजिस्टर्ड टैक्सपेयर GST-4 जमा करते हैं. अगर जीएसटी के नियमों की बात करें तो जीएसटी-4 फाइल करने में देरी पर प्रतिदिन 50 रुपये की लेट फीस लगाई जाती है. वहीं अगर देय की राशि शून्य है तो 500 रुपये के मुताबिक लेट फीस लगाई जाती है. इधर अन्य मामलों में 2 हजार रुपये तक लेट फीस वसूली जा सकती है.

कंपोजिशन स्कीम का कौन फायदा उठा सकता है?

जिस किसी भी ट्रेडर का 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर होगा वह जीएसटी कंपोजिशन स्कीम (GST composition scheme) का फायदा उठा सकता है. वहीं नॉर्थ ईस्ट के ट्रेडर के लिए 1.5 करोड़ रुपये की जगह 75 लाख रुपये की सीमा रखी गई है.

बता दें कि इस स्कीम के अंतर्गत ट्रेडर्स और मैन्युफैक्चरर्स को सिर्फ 1 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है. वहीं रेस्टोरेंट को 5 प्रतिशत और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स को 6 प्रतिशत जीएसटी देना होता है.

हालांकि लेट फीस पर फाइन में छूट मिलने से छोटे टैक्सपेयर्स को फायदा होगा. या छूट सरकार 2 महीने यानी कि 1 मई से लेकर 30 जून तक के लिए दिया है.

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GST Return Filing: No compensation on late fee, extended time period
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GST Return Filing: लेट फीस पर नहीं लगेगा हर्जाना, बढ़ाई गई समयावधि
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GST Return Filing: लेट फीस पर नहीं लगेगा हर्जाना, बढ़ाई गई समयावधि