डीएनए हिंदीः 24 अगस्त को चलने वाली दूसरी रामायण यात्रा ट्रेन (Ramayana Circuit Train Cancelled) अब यात्रियों की संख्या कम होने के कारण रद्द कर दी गई है. भारत गौरव के तहत रामायण सीरीज की यह दूसरी ट्रेन थी. आईआरसीटीसी (IRCTC) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस ट्रेन को चलाने के लिए जितने पैसेंजर्स की जरुरत थी वो पूरी नहीं हो सकी. जिसकी वजह से इस ट्रेन को कैंसल करनी पड़ी. इससे पहले चलाई गई ट्रेन का सफर 18 दिनों का था, जिसे इस बार बढ़ाकर 20 दिन कर दिया गया था. जिसके लिए आईआरसीटीसी ने 73,500 रुपये प्रति पैसेंजर्स चार्ज की डिमांड की थी.
The second Ramayana Yatra train which was to run on 24th August has now been cancelled due to less number of passengers. This was the second train of the Ramayana series under Bharat Gaurav: IRCTC pic.twitter.com/qzoFilFWWy
— ANI (@ANI) August 22, 2022
20 दिनों का 8 हजार किलोमीटर तक का था सफर
आपको बता दें कि 24 तारीख को चलने वाली ट्रेन का सफर करीब 8 हजार किलोमीटर तक का था, जिसे 20 दिनों में पूरा किया जाना था. यह ट्रेन रामायण सर्किट पर यात्रियों को लेकर जाने वाली थी. यह ट्रेन पैसेंजर्स को अयोध्या, जनकपुर, सीतामढ़ी, काशी, प्रयागराज, चित्रकूट, नासिक, हम्पी, रामेश्वरम, कांचीपुरम और भद्राचलम जैसे भारत के विभिन्न धार्मिक और विरासत स्थलों पर ले जाने वाली थी.
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कुछ इस तरह का रहने वाला था रूट
- इस ट्रेन का पहला फेज अयोध्या, श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भारत मंदिर का दौरा था.
- उसके बाद यह ट्रेल जयनगर होते हुए जनकपुर जाती जहां रात के विश्राम के बाद जानकी मंदिर व राम जानकी विवाह स्थल का दर्शन किया जाना था.
- सीतामढ़ी से रवाना होने के बाद यह ट्रेन बक्सर जाती जहां श्री विश्वामित्र जी के आश्रम और रामरेखा घाट पर गंगा स्नान का कार्यक्रम होता.
- ट्रेन का अगला पड़ाव भगवान शिव की नगरी काशी होतर, जहां से पर्यटक बसों से सीता, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट सहित काशी के प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा करते. इस दौरान काशी प्रयाग और चित्रकूट में रात्रि प्रवास होता.
- चित्रकूट से निकलने के बाद यह ट्रेन नासिक पहुंचने वाली थी, जहां पंचवटी और त्र्यंबकेश्वर मंदिर के दर्शन होते.
- नासिक के बाद प्राचीन शहर किश्किया इस ट्रेन का अगला पड़ाव होता, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान के जन्म स्थान पर अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक और विरासत मंदिरों के दर्शन होते.
हम्पी के बाद रामेश्वरम इस ट्रेन का अगला पड़ाव होता. रामेश्वरम में पर्यटकों को प्राचीन शिव मंदिर और धनुषकोडी के दर्शन का लाभ मिलता.
- रामेश्वरम से निकलने के बाद यह ट्रेन कांचीपुरम पहुंचती, जहां शिव काबी, विष्णु कयी और कामाक्षी माता मंदिर के दर्शन होते.
- इस ट्रेन का लास्ट फेज तेलंगाना राज्य में स्थित भद्राचलम होता जिसे दक्षिण का अयोध्या भी कहा जाता है.
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24 अगस्त को चलने वाली दूसरी Ramayana Circuit Train Cancelled, जानिए बड़ी वजह