डीएनए हिंदी: पिछले एक वर्ष में रेपो दरों (Repo Rate) में वृद्धि के बावजूद भारत में ऋण की मांग उच्च बनी रही है. अक्टूबर 2022 तक बकाया पर्सनल लोन बढ़कर 37.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह आंकड़ा ऑनलाइन फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर बैंकबाजार (BankBazaar) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अर्थव्यवस्था ने महामारी के बाद एक मजबूत रिकवरी देखी है. मनीमूड रिटेल क्रेडिट ट्रेंड्स (Moneymood Retail Credit Trends) के एक रिपोर्ट मेंबताया गया है कि पर्सनल लोन साल-दर-साल 24 प्रतिशत बढ़कर 7.8 करोड़ रुपये से 9.9 करोड़ रुपये हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड (Credit Cards) क्रेडिट की पहली पंक्ति के रूप में बढ़ गया है. क्रेडिट कार्ड का कर्ज 1.3 लाख करोड़ रुपये से 28 फीसदी बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
हालांकि इस दौरान नकद लेन-देन में काफी गिरावट देखी गई है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोग पेमेंट करने या लेने के लिए UPI का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. 2023 के लिए, रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति में कमी के साथ खुदरा ऋण वृद्धि की गति जारी रहेगी. पहली दो तिमाहियों में छोटे असुरक्षित ऋण तेजी से बढ़ते रहेंगे.
क्रेडिट कार्ड खर्च में उछाल
मई 2022 में, भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने नोट किया कि भारत में लगभग 77 मिलियन क्रेडिट कार्ड बकाया थे, जो मई 2021 की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक था, और मई 2018 के आंकड़ों में 100 प्रतिशत से अधिक की बढ़त देखी गई. बैंकबाजार की लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड, विशेष रूप से सह-ब्रांड वाले ने 2022 में एक बम्पर वर्ष देखा और बकाया क्रेडिट कार्ड लगभग 8 करोड़ रुपये के चरम पर पहुंच गए, जो पांच साल की अवधि में दोगुना हो गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "क्रेडिट कार्ड का खर्च बड़ा हो गया है और दिलचस्प बात यह है कि एटीएम से नकद निकासी 2020 के स्तर पर स्थिर हो गई है."
रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड वितरण में साल-दर-साल 103 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिवॉर्ड कार्ड में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि प्रीमियम कार्ड सबसे पसंदीदा बने रहे, जिसमें खर्च में 3 गुना वृद्धि देखी गई. बैंकों द्वारा पेश किए गए फ्यूल कार्ड में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि पेट्रोल की लागत में वृद्धि हुई और लॉकडाउन प्रतिबंध हटने के बाद कार्यालय फिर से खुल गए.
होम लोन का ट्रेंड बढ़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन और महामारी के दौरान भारतीयों ने घर खरीदने में दिलचस्पी दिखाई, जहां सस्ते कर्ज और सरकारी सब्सिडी से मदद मिली. बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद 2022 में इसका दोहराव होता रहा. आरबीआई (RBI) ने नोट किया है कि होम लोन (Home Loan) मार्च और अक्टूबर के बीच 8.4 प्रतिशत बढ़ा है, जो पिछले छह महीने की अवधि की तुलना में बहुत ज्यादा है, जिसके दौरान कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी. RBI ने 7 दिसंबर, 2022 को रेपो दर में 35 आधार अंकों की वृद्धि की, दर को 6.25 प्रतिशत तक लाया और 2022 में चौथी वृद्धि या रेपो दर में वृद्धि को चिह्नित किया है.
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Retail Credit Trend: साल 2022 में Personal Loan में हुई बढ़ोतरी, बढ़कर 37.7 लाख करोड़ रुपये हुआ लोन