डीएनए हिंदी: पाकिस्तान आज के समय में कंगाली (Pakistan Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा है. देश की जनता भूख से मर रही है. ऐसी कंगाली की हालत से उबारने के लिए एक-दो देशों को छोड़ पाकिस्तान की मदद के लिए कोई देश आगे नहीं आ रहा है. वहीं अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी पाकिस्तान से मुंह फेर चुका है. इस बीच IMF, World Bank से लेकर एशियाई विकास बैंक तक ने देश के विकास दर को लेकर अपना अनुमान जारी कर दिया है. इससे साफ़ दिखता है कि पाकिस्तान पर इन बैंकों का भरोसा नहीं रह गया है.
पाकिस्तान पर कर्ज की मार
आज के समय में पाकिस्तान इतिहास (Pakistan Financial Crisis) के सबसे बड़े कर्ज के संकट से जूझ रहा है. बता दें कि पाकिस्तान में महंगाई दर (Inflation Rate) 35 प्रतिशत के पास पहुंच गया है जिससे पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है.अब इसे काबू में आने के हालात भी काफी कमजोर नजर आ रहा है. इस दौरान सरकार ने भी पिछले दिनों महंगाई दर में और अधिक इजाफा लाने की चेतावनी दी है.देश की जनता अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बुरी तरह पिसती हुई नजर आ रही है. स्थिति इतनी बदतर है कि लोग आटे-चावल के लिए आपस में जानवरों की तरह लड़ रहे हैं. ऐसे में देश पर जो कर्ज है उसपर बढ़ता सूद पाकिस्तान को और भी आर्थिक संकट की तरफ धकेल रहा है.
पाकिस्तान पर कितना है कर्ज?
पाकिस्तान ने अब तक पूरी दुनिया से अरबों का कर्जा लिया हुआ है. पाकिस्तानी रुपये में पाकिस्तान पर कुल 60 ट्रिलियन से ज्यादा का कर्ज है. जो कि देश कि GDP का 89 प्रतिशत है. वहीं इसमें 35 प्रतिशत हिस्सा चीन का है. बता दें कि पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है जो फरवरी 2022 में 25.1 अरब डॉलर था. सरकार को अभी जून में चीन को 3 अरब डॉलर का पेमेंट करना है जो कि असंभव होता हुआ दिख रहा है.
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Pakistan Financial Crisis: पाकिस्तान की चीन से दोस्ती पड़ी भारी, IMF ने भी खिंचा अपना हाथ, अब कौन बचाएगा अर्थव्यवस्था?