डीएनए हिंदी: वित्तीय वर्ष 2022-2023 का आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक भरना जरूरी है. 1 अप्रैल से आकलन वर्ष 2023-24 के लिए नए आईटीआर फॉर्म (ITR Form) उपलब्ध होंगे. जो लोग सालाना 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा से अधिक कमाते हैं, उन्हें समय सीमा से पहले अपना आईटीआर जमा करना होगा. हालांकि, 5 लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय वाले व्यक्ति जो छूट के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, उन्हें टैक्स का भुगतान करने से छूट दी गई है.
सरकार ने कई अलग-अलग वजहों से आईटीआर (ITR) रिपोर्टिंग की समय सीमा को पिछले साल 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया था. हालांकि इस वर्ष के विस्तार के लिए अभी तक कोई तारीख नहीं दी गई है.
अगर ITR फाइल करने की समय सीमा छूट जाती है तो क्या होता है?
लेट फी: धारा 234F के तहत, 5000 रुपये का लेट फी पेमेंट करना होगा. अगर कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो यह घटकर 1 हजार रुपये हो जाएगा.
इंटरेस्ट: अगर आप समय सीमा के बाद अपना रिटर्न जमा करते हैं, तो आपको धारा 234A के तहत प्रत्येक महीने 1% या बकाया टैक्स शेष पर एक महीने के एक अंश की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.
बिलेटेड रिटर्न: अगर आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा बिना देखे गुजर जाती है, तो आप समय सीमा के बाद विलंबित रिटर्न फाइल कर सकते हैं. आप बाद के एडजस्टमेंट के लिए घाटे को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे, लेकिन फिर भी आपको विलंब शुल्क और ब्याज का भुगतान करना होगा.
लॉस एडजस्टमेंट: अगर आपको स्टॉक, म्युचुअल फंड, रियल एस्टेट, या अपने किसी उद्यम में निवेश से नुकसान हुआ है, तो आप उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं और अगले वर्ष की आय के साथ अंतर बना सकते हैं. परिणामस्वरूप आपकी टैक्स देनदारी बहुत कम हो जाएगी. केवल अगर आप अपने आईटीआर में नुकसान की घोषणा शामिल करते हैं और आयकर विभाग को देय तिथि तक जमा करते हैं तो नुकसान एडजस्टमेंट की अनुमति है.
यह भी पढ़ें:
Share Market: SEBI ने शेयर बाजार के नियमों में क्या बदलाव, 1 मई से होगा लागू, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Income Tax Returns 2023: अगर ITR फाइल करना भूल गए हैं तो भरना पड़ेगा इतना जुर्माना